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गुजरात : चुनाव प्रचार सामग्री बेचने वालों पर कोरोना का ग्रहण - election materials manufacturers

चुनाव संबंधी प्रचार सामग्री के लिए सूरत को विनिर्माण केंद्र माना जाता है. कोरोना महामारी ने इस उद्योग को भी प्रभावित किया है. बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी गई है, लेकिन सूरत में व्यापारियों को चुनाव प्रचार के सामान बनाने के बहुत ही कम ऑर्डर मिल रहे हैं.

corona effect
कोरोना का असर
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Published : Sep 29, 2020, 3:31 PM IST

अहमदाबाद : देश भर के किसी राज्य में चुनाव घोषित होता है, तो सूरत में इसका असर जरूर देखने को मिलता है, क्योंकि सूरत शहर भारत का चुनाव प्रचार सामग्री निर्माण केंद्र है. जैसे ही राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के बारे में सोचते हैं वैसे ही सूरत में पोस्टर, बैनर आदि बनाने के लिए करोड़ों रुपये के ऑर्डर आ जाते हैं.

इस बार बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी, सूरत में अब तक चुनाव प्रचार सामग्री का एक भी ऑर्डर नहीं आया है.

पिछले 30 वर्षों से चुनाव प्रचार के सामान के कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि कोविड -19 के प्रभाव के कारण इस बार व्यापार उतना अच्छा नहीं हो पाएगा. कोरोना काल में अधिकांश अभियान ऑनलाइन होंगे, जिससे की मिलने वाले ऑर्डर 90 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं.

कोरोना का असर

बता दें कि भारत में लोक सभा चुनाव हो या फिर पंचायत के चुनाव इनके प्रचार के लिए बहुत सारे पोस्टर और बैनर बनवाए जाते हैं और देश के हर कोने में यह चुनाव सामग्री सूरत से भेजी जाती है.

चुनाव आयोग ने हाल ही में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की है, जिससे ऑर्डर मिलने की उम्मीद थी, लेकिन कारोबारियों का मानना ​​है कि इस बार केवल 10 फीसदी ऑर्डर ही बिहार से आएंगे.

पढ़ें :- मुंबई हीरा उद्योग झेल रहा कोरोना की मार, व्यापारी कर रहे सूरत का रुख

कोरोना को देखते हुए राजनीतिक दलों को बड़ी रैलियों या सार्वजनिक सभाओं को आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और अधिकांश प्रचार ऑनलाइन किए जाएंगे. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रचार पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं.

अहमदाबाद : देश भर के किसी राज्य में चुनाव घोषित होता है, तो सूरत में इसका असर जरूर देखने को मिलता है, क्योंकि सूरत शहर भारत का चुनाव प्रचार सामग्री निर्माण केंद्र है. जैसे ही राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के बारे में सोचते हैं वैसे ही सूरत में पोस्टर, बैनर आदि बनाने के लिए करोड़ों रुपये के ऑर्डर आ जाते हैं.

इस बार बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी, सूरत में अब तक चुनाव प्रचार सामग्री का एक भी ऑर्डर नहीं आया है.

पिछले 30 वर्षों से चुनाव प्रचार के सामान के कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि कोविड -19 के प्रभाव के कारण इस बार व्यापार उतना अच्छा नहीं हो पाएगा. कोरोना काल में अधिकांश अभियान ऑनलाइन होंगे, जिससे की मिलने वाले ऑर्डर 90 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं.

कोरोना का असर

बता दें कि भारत में लोक सभा चुनाव हो या फिर पंचायत के चुनाव इनके प्रचार के लिए बहुत सारे पोस्टर और बैनर बनवाए जाते हैं और देश के हर कोने में यह चुनाव सामग्री सूरत से भेजी जाती है.

चुनाव आयोग ने हाल ही में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की है, जिससे ऑर्डर मिलने की उम्मीद थी, लेकिन कारोबारियों का मानना ​​है कि इस बार केवल 10 फीसदी ऑर्डर ही बिहार से आएंगे.

पढ़ें :- मुंबई हीरा उद्योग झेल रहा कोरोना की मार, व्यापारी कर रहे सूरत का रुख

कोरोना को देखते हुए राजनीतिक दलों को बड़ी रैलियों या सार्वजनिक सभाओं को आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और अधिकांश प्रचार ऑनलाइन किए जाएंगे. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रचार पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं.

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