ETV Bharat / bharat

स्वास्थ्य सेवाओं में समन्वय सार्वजनिक पोषाहार आपूर्ति आवश्यक - स्वास्थ्य सेवाओं में समन्वय

विशेषज्ञों की मानें तो भारत में सार्वजनिक पोषण सेवाओं की आपूर्ति को बेहतर बनाया जा सकता है. इसके लिए गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का एकीकरण, स्वास्थ्य सेवाओं में समन्वय और डाटा का उचित इस्तेमाल जरूरी है.

public nutritional supplies
प्रतीकात्मक फोटो
author img

By

Published : Oct 18, 2020, 9:06 PM IST

नई दिल्ली : गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का एकीकरण, घर के स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में समन्वय और डाटा के उचित इस्तेमाल से भारत में सार्वजनिक पोषण सेवाओं की आपूर्ति को बढ़ाया जा सकता है. यह जानकारी विशेषज्ञों ने दी.

विशेषज्ञों ने कहा कि नवजातों के पहले एक हजार दिन (गर्भ से लेकर जीवन के पहले दो वर्ष) की अक्सर उपेक्षा की जाती है. उन्होंने कहा कि रक्ताल्पता की कमी, डायरिया प्रबंधन, पोषणयुक्त भोजन और वाश (पानी, साफ-सफाई और स्वच्छता) पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.

बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रमुख (पोषण) आलोक रंजन ने कहा कि पोषण माह के दौरान मां और बच्चे को पोषण की कमी से बचाने पर ध्यान दिया जाता है.

रंजन ने कहा कि बाल एवं अति कुपोषण जैसे नये क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जा रहा है और किचन गार्डन में उपजाए जाने वाले पोषण युक्त भोजन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

पढ़ें-वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 94वें स्थान पर, विशेषज्ञों ने खराब कार्यान्वयन प्रक्रिया को दोषी ठहराया

उन्होंने कहा पिछले कुछ वर्षों से भारत में फूड फोर्टिफिकेशन का प्रचलन भी बढ़ा है. मेरा मानना है कि भारत से काफी संख्या में लोग फोर्टिफाइड उत्पादों का उपभोग कर रहे हैं. भारत में लगभग हर चीज है (नीति, मानव संसाधन, वित्त पोषण और राजनीतिक इच्छाशक्ति) और इसे अधिक मजबूत करने पर बल देना होगा.

फूड फोर्टिफिकेशन से तात्पर्य खाद्य पदार्थों में एक या अधिक सूक्ष्म पोषक तत्वों की योजनाबद्ध तरीके से की जाने वाली वृद्धि से है, जिससे इन पोषक तत्वों की न्यूनता में सुधार या निवारण किया जा सके तथा स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके.

रंजन ने कहा कि महिला एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में वैश्विक एवं भारत स्तर पर गुणवत्ता में गड़बड़ी पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

अलाइव एवं थ्राईव (एफएचआई 360) के दक्षिण एशिया के कार्यक्रम निदेशक थॉमस फोरिसियर ने कहा कि पोषण युक्त सेवाओं और लाभ के कवरेज को बढ़ाना पहला कदम है, लेकिन उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं के कवरेज और लाभ को बढ़ाना आवश्यक रूप से दूसरा कदम है.

नई दिल्ली : गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का एकीकरण, घर के स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में समन्वय और डाटा के उचित इस्तेमाल से भारत में सार्वजनिक पोषण सेवाओं की आपूर्ति को बढ़ाया जा सकता है. यह जानकारी विशेषज्ञों ने दी.

विशेषज्ञों ने कहा कि नवजातों के पहले एक हजार दिन (गर्भ से लेकर जीवन के पहले दो वर्ष) की अक्सर उपेक्षा की जाती है. उन्होंने कहा कि रक्ताल्पता की कमी, डायरिया प्रबंधन, पोषणयुक्त भोजन और वाश (पानी, साफ-सफाई और स्वच्छता) पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.

बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रमुख (पोषण) आलोक रंजन ने कहा कि पोषण माह के दौरान मां और बच्चे को पोषण की कमी से बचाने पर ध्यान दिया जाता है.

रंजन ने कहा कि बाल एवं अति कुपोषण जैसे नये क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जा रहा है और किचन गार्डन में उपजाए जाने वाले पोषण युक्त भोजन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

पढ़ें-वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 94वें स्थान पर, विशेषज्ञों ने खराब कार्यान्वयन प्रक्रिया को दोषी ठहराया

उन्होंने कहा पिछले कुछ वर्षों से भारत में फूड फोर्टिफिकेशन का प्रचलन भी बढ़ा है. मेरा मानना है कि भारत से काफी संख्या में लोग फोर्टिफाइड उत्पादों का उपभोग कर रहे हैं. भारत में लगभग हर चीज है (नीति, मानव संसाधन, वित्त पोषण और राजनीतिक इच्छाशक्ति) और इसे अधिक मजबूत करने पर बल देना होगा.

फूड फोर्टिफिकेशन से तात्पर्य खाद्य पदार्थों में एक या अधिक सूक्ष्म पोषक तत्वों की योजनाबद्ध तरीके से की जाने वाली वृद्धि से है, जिससे इन पोषक तत्वों की न्यूनता में सुधार या निवारण किया जा सके तथा स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके.

रंजन ने कहा कि महिला एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में वैश्विक एवं भारत स्तर पर गुणवत्ता में गड़बड़ी पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

अलाइव एवं थ्राईव (एफएचआई 360) के दक्षिण एशिया के कार्यक्रम निदेशक थॉमस फोरिसियर ने कहा कि पोषण युक्त सेवाओं और लाभ के कवरेज को बढ़ाना पहला कदम है, लेकिन उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं के कवरेज और लाभ को बढ़ाना आवश्यक रूप से दूसरा कदम है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.