नई दिल्ली : भारत संविधान को अंगीकृत करने की 70वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एसपी सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि भारत का संविधान एक जीवंत दस्तावेज है. यह विविधताओं और विसंगतियों के बावजूद देश के प्रत्येक नागरिक को एकजुट करता है.
एसपी सिंह ने कहा कि जिन बुनियादी मानकों पर इस देश का एक व्यक्ति खड़ा है, उनमें सामाजिक, लोकतांत्रिक और समाजवादी सिद्धांतों के अलावा गणराज्य सबसे अहम है.
उन्होंने कहा कि संविधान का एक वाक्य ही पर्याप्त है. ये है- हम भारत के लोग. यह हमारी ओर से एक वचन है. हम समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य के एक हिस्से हैं.
उन्होंने कहा कि प्रशासन लोकतांत्रिक है और हम सभी प्रकार के अत्याचार, तनाशाही और राजशाही शासन प्रणाली के खिलाफ हैं.
यह पूछे जाने पर कि संविधान में कौन सी विशेषता उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. इस पर सिंह ने कहा कि संविधान के मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक सिद्धांत, संविधान के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं. उन्होंने आगे यह भी कहा कि मौलिक कर्तव्य भी संविधान का एक महत्वपूर्ण भाग है.
भातीय संविधान के महत्व पर चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि विविधताओं और विसंगतियों के बावजूद भी देश के प्रत्येक नागरिक को एकजुट करता है, जो बहुत ही प्रशंसनीय है. दूसरे राष्ट्र भी भारतीय संविधान की इस मूल भावना से प्रेरित होते हैं.
अनुच्छेद 370 पर सिंह ने कहा कि यह अस्थायी था और इसे हटाना असंवैधानिक नहीं है.
इसके अलावा सिंह ने मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि मैं भारतीय राजनीतिक प्रणाली में संरचनात्मक और गतिशील परिवर्तन लाने के लिए मोदी सरकार की सराहना करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार के कार्यक्रम जैसे स्वच्छ भारत अभियान, उज्जवला योजना आदि, भारत के गरीब लोगों के लिए हैं. इसलिए, वर्तमान सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं और परियोजनाएं सराहनीय हैं.