नई दिल्ली: राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस न लेने पर अड़े रहने की स्थिति में पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है. सूत्रों की मानें तो नया अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होगा. राहुल के इस्तीफे की पेशकश के बाद अटकलें थी कि उनकी बहन और महासचिव प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
खबर है कि पार्टी के सदस्य एक से ज्यादा कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के पार्टी के मॉडल को परिष्कृत करने की प्रक्रिया में जुट गए हैं.
पार्टी के नए उत्तराधिकारी के बारे में काफी मंथन के बाद पार्टी के सदस्यों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि कांग्रेस के दो कार्यकारी अध्यक्ष होने चाहिए, उनमें से एक अगर दक्षिण भारत से हो तो पार्टी के लिए अच्छा होगा. वहीं एक प्रस्ताव यह भी है कि कार्यकारी अध्यक्ष अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में से होने चाहिए.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में कुछ नाम प्रस्तावित किए गए हैं. इनमें अनुसूचित जाति के दो नेता सुशील कुमार शिंदे और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं. वहीं इनके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी युवा अध्यक्ष के तौर लिया गया है. सूत्रों की मानें तो यह तय है कि अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होगा.
इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और हॉकी ओलंपियन असलम शेर खान ने राहुल गांधी को पत्र लिखा. उन्होंने बताया कि चुनावों में हार के बाद राहुल पद छोड़ने चाहते हैं और गांधी परिवार से अलग किसी अध्यक्ष बनाना चाहते हैं.
उन्होंने पत्र में लिखा, 'यदि आप नेहरू-गांधी परिवार के बाहर से किसी को चाहते हैं और कोई आगे नहीं आ रहा है तो मुझे मौका दें. उन्होंने कहा कि 2 साल के लिए अवसर प्रदान करने के लिए पत्र में लिखा है. कांग्रेस को एक बार फिर राष्ट्रवाद से जोड़ना आवश्यक है.'
सूत्रों ने बताया कि नया सेट-अप संसद के बजट सत्र से पहले हो सकता है.
इसके पहले पार्टी ने तीन कार्यकारी अध्यक्ष के लिए प्रस्ताव दिया था. कहा गया कि उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत से एक-एक और अगर चौथा अध्यक्ष पश्चिम भारत से चुना जाए तो कोई हर्ज नहीं.
सूत्रों ने यह भी बताया कि क्षेत्रीय नेता, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व की राय में व कांग्रेस के अभियान में पूरा योगदान नहीं दिया, वह इसकी कीमत चुका सकते हैं. इनमें से एक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हैं. ज्ञात हो कि गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की जोधपुर क्षेत्र से हार हुई थी. इस हार का ठीकरा उन्होंने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर फोड़ा था. हालांकि सार्वजनिक तौर पर वह आपसी एकता बनाए नजर आते हैं.