नई दिल्ली: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया.इसमें गरीबों को न्यूनतम आय योजना (न्याय) के तहत सालाना 72 हजार रुपये देने के अलावा जम्मू-कश्मीर में आफ्सपा की समीक्षा एवं देशद्रोह और मानहानि से जुड़ी धाराओं को खत्म करने की बात की गई है.
दरअसल, कांग्रेस के घोषणा पत्र में 30वां बिंदु'कानून नियमों और विनियमों की पुन:परख' का है.इस पर बीजेपी नेता अरुण जेटली ने सवाल खड़े किए हैं. जेटली ने इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक करार दिया है.वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवालानेभाजपा द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब दिए.
पढ़ें:कांग्रेस के घोषणा पत्र में 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' का हाथ : जेटली
उन्होंनेकहाकि देशद्रोह का कानून उनके खिलाफ चलेगा जो देश के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि में लिप्तरहेंगे. इसकानून का अब निर्दोष लोगों के खिलाफ दुरुपयोग नहीं किया जा सकता. यदि कांग्रेस की सरकार आती है तो देशद्रोह केकानून में संशोधन किया जाएगा.
कांग्रेस ने कहा है किदेशद्रोह का कानून अंग्रेजोंके द्वारा भारतीयों पर अत्याचार करने के लिए बनाया गयाथा. बीजेपी की मोदी सरकार पत्रकारों और लेखकों के ऊपर इसका दुरुपयोग कर रही है. इसलिए पार्टी देश द्रोह कानून में संशोधन चाहती है.
बता दें कि मेनिफेस्टो के पेज 34 पर लिखे गए 30वें बिंदु के तहतकांग्रेस पार्टी ने 9 वादे किए हैं. तीसरे वादे में कांग्रेस ने लिखा है 'भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (जो की देशद्रोह के अपराध को परिभाषित करती है) जिसका कि दुरूपयोग हुआ, और बाद में नये कानून बन जाने से उसकी महत्ता भी समाप्त हो गई है उसे खत्म किया जायेगा.'
पढ़ें-कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बीजेपी नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि देश की मूल समस्या को छोड़कर केंद्र की मोदी सरकार हर मसले को हिंदू-मुस्लिम की चश्मे से देखती है. कांग्रेस ने साफ किया कि देशद्रोहका कानून सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक चलेगा.