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राज्य सभा उपसभापति के उपवास को कांग्रेस ने बताया स्वांग, आजाद ने सराहा - उपसभापति हरिवंश

कृषि बिल पर चर्चा के दौरान हंगामा करने के आरोप में राज्‍य सभा से निलंबित आठ सांसदों के मुद्दे पर घमासान लगातार बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को लोक सभा में राज्य सभा सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठा और कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. सदन के बाहर भी कांग्रेस के नेता उपसभापति हरिवंश के खिलाफ उग्र हैं.

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राज्य सभा उप सभापति
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Published : Sep 22, 2020, 6:14 PM IST

Updated : Sep 22, 2020, 7:05 PM IST

नई दिल्ली : राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने घोषणा की है कि जल्द ही वह विपक्षी नेताओं के उनके साथ किए अमर्यादित व्यवहार के खिलाफ 24 घंटे का उपवास करेंगे. कांग्रेस ने इसे आगामी बिहार चुनावों के लिए भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार का स्वांग करार देते हुए आलोचना की है. हालांकि, राज्य सभा में कांग्रेस के नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने प्रदर्शनकारी सांसदों के लिए चाय लाने के लिए उपसभापति की प्रशंसा की है.

'बिहार चुनाव के लिए नाटक'

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य सभा के निलंबित सांसदों में से एक कांग्रेस नेता सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि कोई भी कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र है. अब सरकार जानती है कि वह बैकफुट पर है, इसलिए उन्हें बिहार चुनाव के लिए कुछ नाटक करने होंगे. अब उनका लक्ष्य बिहार चुनाव है. वे कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन संसद में हमने जो स्टैंड लिया है, वह महत्वपूर्ण है. हम किसानों के साथ खड़े हैं. हम इस मुद्दे पर अपने स्टैंड से पीछे नहीं हटने वाले हैं.

'उपवास एक स्वांग के अलावा और कुछ नहीं'

कांग्रेस के दिग्गज नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट किया कि बिल पारित करने और कानून बनाने के लिए नियमों, प्रक्रियाओं और प्रथाओं का उल्लंघन करने के बाद उपसभापति संसदीय लोकतंत्र के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. टोकन उपवास एक स्वांग के अलावा और कुछ नहीं है. पाखंड करने से भारत के किसानों के साथ किया गया पाप नहीं मिटेगा.

'बिहार चुनावों की छाया अब संसद पर'

कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि आगामी बिहार चुनावों की छाया अब संसद के ऊपर पड़ गई है. संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए सम्मान की मांग करना ठीक है, मगर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई से बचकर ही सम्मान प्राप्त किया जा सकता है.

चाय और नाश्ता ले गए उपसभापति

मंगलवार को उपसभापति हरिवंश ने राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर इस मामले पर अपनी पीड़ा को सूचीबद्ध किया. इससे पहले, वे संसद परिसर में विरोध कर रहे निलंबित सांसदों के लिए चाय और नाश्ता भी ले गए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश की प्रशंसा की

हरिवंश के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि हरिवंश उन लोगों के लिए चाय लेकर गए हैं, जिन्होंने उनपर हमला किया और अपमानित किया. यह उनकी महानता को दिखाता है. लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है. मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए. आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश ने उन्हीं लोगों को सबेरे-सबेरे अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई. बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी. आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने हरिवंश ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है.

'सम्मान दिखाया होता तो नहीं होता हंगामा'

सैयद नसीर ने कहा कि अगर उपसभापति ने आज सुबह की तरह सदन की प्रक्रियाओं और प्रथाओं के प्रति सम्मान दिखाया होता और अगर उन्होंने सदन की समय-सीमा बढ़ाने में विपक्षी दलों की सहमति ली होती तो मुझे नहीं लगता कि यह हंगामा खड़ा हुआ होता.

न्याय दें, चाय नहीं : अहमद पटेल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी ट्वीट किया कि संसद के सामने रात बिताने वाले विपक्षी सांसदों को चाय की जरूरत नहीं है. उन्हें न्याय की आवश्यकता है. भाजपा सरकार ने उन्हें निलंबित किया, क्योंकि वे किसानों के लिए लड़ रहे थे. न्याय उनका अधिकार है और उन्हें यह मिलकर रहेगा. संविधान सत्ता पक्ष से न्याय पेशकश करने की अपेक्षा करता है, चाय की नहीं.

मैं उपसभापति की प्रशंसा करना चाहता हूं : आजाद

वहीं, राज्य सभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रदर्शनकारी सांसदों के लिए चाय लाने के लिए उपसभापति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उनकी ओर से बहुत अच्छा कदम था, मैं उनकी प्रशंसा करना चाहता हूं, आखिरकार हम एक परिवार की तरह हैं. भले ही हम अलग-अलग पार्टियों से संबंधित हों, लेकिन हमें एक परिवार की तरह संसद की कार्यवाही का संचालन करना चाहिए.

नई दिल्ली : राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने घोषणा की है कि जल्द ही वह विपक्षी नेताओं के उनके साथ किए अमर्यादित व्यवहार के खिलाफ 24 घंटे का उपवास करेंगे. कांग्रेस ने इसे आगामी बिहार चुनावों के लिए भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार का स्वांग करार देते हुए आलोचना की है. हालांकि, राज्य सभा में कांग्रेस के नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने प्रदर्शनकारी सांसदों के लिए चाय लाने के लिए उपसभापति की प्रशंसा की है.

'बिहार चुनाव के लिए नाटक'

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य सभा के निलंबित सांसदों में से एक कांग्रेस नेता सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि कोई भी कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र है. अब सरकार जानती है कि वह बैकफुट पर है, इसलिए उन्हें बिहार चुनाव के लिए कुछ नाटक करने होंगे. अब उनका लक्ष्य बिहार चुनाव है. वे कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन संसद में हमने जो स्टैंड लिया है, वह महत्वपूर्ण है. हम किसानों के साथ खड़े हैं. हम इस मुद्दे पर अपने स्टैंड से पीछे नहीं हटने वाले हैं.

'उपवास एक स्वांग के अलावा और कुछ नहीं'

कांग्रेस के दिग्गज नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट किया कि बिल पारित करने और कानून बनाने के लिए नियमों, प्रक्रियाओं और प्रथाओं का उल्लंघन करने के बाद उपसभापति संसदीय लोकतंत्र के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. टोकन उपवास एक स्वांग के अलावा और कुछ नहीं है. पाखंड करने से भारत के किसानों के साथ किया गया पाप नहीं मिटेगा.

'बिहार चुनावों की छाया अब संसद पर'

कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि आगामी बिहार चुनावों की छाया अब संसद के ऊपर पड़ गई है. संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए सम्मान की मांग करना ठीक है, मगर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई से बचकर ही सम्मान प्राप्त किया जा सकता है.

चाय और नाश्ता ले गए उपसभापति

मंगलवार को उपसभापति हरिवंश ने राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर इस मामले पर अपनी पीड़ा को सूचीबद्ध किया. इससे पहले, वे संसद परिसर में विरोध कर रहे निलंबित सांसदों के लिए चाय और नाश्ता भी ले गए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश की प्रशंसा की

हरिवंश के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि हरिवंश उन लोगों के लिए चाय लेकर गए हैं, जिन्होंने उनपर हमला किया और अपमानित किया. यह उनकी महानता को दिखाता है. लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है. मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए. आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश ने उन्हीं लोगों को सबेरे-सबेरे अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई. बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी. आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने हरिवंश ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है.

'सम्मान दिखाया होता तो नहीं होता हंगामा'

सैयद नसीर ने कहा कि अगर उपसभापति ने आज सुबह की तरह सदन की प्रक्रियाओं और प्रथाओं के प्रति सम्मान दिखाया होता और अगर उन्होंने सदन की समय-सीमा बढ़ाने में विपक्षी दलों की सहमति ली होती तो मुझे नहीं लगता कि यह हंगामा खड़ा हुआ होता.

न्याय दें, चाय नहीं : अहमद पटेल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी ट्वीट किया कि संसद के सामने रात बिताने वाले विपक्षी सांसदों को चाय की जरूरत नहीं है. उन्हें न्याय की आवश्यकता है. भाजपा सरकार ने उन्हें निलंबित किया, क्योंकि वे किसानों के लिए लड़ रहे थे. न्याय उनका अधिकार है और उन्हें यह मिलकर रहेगा. संविधान सत्ता पक्ष से न्याय पेशकश करने की अपेक्षा करता है, चाय की नहीं.

मैं उपसभापति की प्रशंसा करना चाहता हूं : आजाद

वहीं, राज्य सभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रदर्शनकारी सांसदों के लिए चाय लाने के लिए उपसभापति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उनकी ओर से बहुत अच्छा कदम था, मैं उनकी प्रशंसा करना चाहता हूं, आखिरकार हम एक परिवार की तरह हैं. भले ही हम अलग-अलग पार्टियों से संबंधित हों, लेकिन हमें एक परिवार की तरह संसद की कार्यवाही का संचालन करना चाहिए.

Last Updated : Sep 22, 2020, 7:05 PM IST
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