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सुप्रीम कोर्ट ने EC से मांगा जवाब, PM मोदी और शाह के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप

उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग (EC) को नोटिस जारी किया है. अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई न करने के संबंध में दायर याचिका पर EC से जवाब मांगा है. जानें पूरा मामला...

देव, सुनील अरोड़ा और पीएम मोदी
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Published : Apr 29, 2019, 10:40 PM IST

Updated : Apr 30, 2019, 5:00 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आदर्श आचार संहिता का कथित उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है. उन्होंने शीर्ष अदालत से अपील की है कि चुनाव आयोग को इस संबंध में निर्देश दिए जाएं.

सुष्मिता देव की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को पहली सुनवाई की. अदालत ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया. शीर्ष अदालत ने कहा कि आयोग इस मामले में आवश्यक आदेश पारित करने के लिए स्वतंत्र है. अदालत इस मामले पर गुरुवार को फिर से सुनवाई करेगी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषणों से कथित रूप से आचार संहिता के उल्लंघन के मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया.

कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषणों से कथित रूप से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. उन्होंने कहा है कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले में दोनों के खिलाफ बगैर किसी संकोच के निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने अदालत से अपील की है कि इस संबंध में निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए जाएं.

सुष्मिता देव की याचिका पर सोमवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ में सुनवाई की गई. सुष्मिता देव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए.

सिंघवी ने अदालत से कहा कि उनकी याचिका पर शीघ्र सुनवाई की जाए, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने मोदी और शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में उनकी शिकायत पर कोई निर्णय नहीं लिया है. इस कथन का संज्ञान लेते हुए अदालत ने सुनवाई पर सहमति जताई.

बता दें कि सुष्मिता असम के सिलचर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की सांसद हैं. वे अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं.

पढ़ेंः PM मोदी के भाषण की जांच करेगा EC, आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप

सुष्मिता देव ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ शिकायतों पर निर्वाचन आयोग की कथित निष्क्रियता को 'पक्षपात' का लक्षण और मनमाना बताया. उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति नहीं है, क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता के लिये नुकसानदेह है.

सोमवार को सिंघवी के साथ अधिवक्ता सुनील फर्नाण्डीज भी पीठ के समक्ष पेश हुए. सिंघवी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने पिछले चार सप्ताह के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया है, लेकिन निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस पार्टी की 40 से अधिक शिकायतों पर कोई निर्णय नहीं लिया.

पीठ ने सिंघवी के कथन का संज्ञान लेते हुये उनसे पूछा कि वे भाजपा नेताओं के नाम लेने में संकोच क्यों कर रहे हैं. पीठ ने कहा, 'आप साफ साफ नाम क्यों नहीं लेते हैं?'

जानकारी के मुताबिक सुष्मिता देव ने आरोप लगाया है कि आम चुनाव की घोषणा होने की तारीख 10 मार्च से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष ने विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों और राज्यों में जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों और चुनाव कराने के नियमों तथा प्रक्रिया का उल्लंघन किया है.

पढ़ेंः गिरिराज सिंह पर सख्त हुआ EC, 'भड़काऊ भाषण' पर मिला नोटिस

उन्होंने आरोप लगाया है कि ये जगजाहिर है कि वे नफरत फैलाने वाले भाषण दे रहे हैं, निर्वाचन आयोग द्वारा स्पष्ट प्रतिबंध के बावजूद राजनीतिक प्रचार के लिये सशस्त्र बलों का बार बार जिक्र कर रहे हैं.

देव ने अपनी याचिका में मोदी और शाह द्वारा अपनी सभाओं में आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन की अनेक घटनाओं को सूचीबद्ध किया है और कहा कि मोदी ने एक अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा में अपने भाषण में पहली बार संहिता का उल्लंघन किया था जहां उन्होंने कथित रूप से भगवा आतंकवाद का मुद्दा उठाया था.

मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने का मुद्दा भी उठाया था.

(भाषा इनपुट)

नई दिल्ली : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आदर्श आचार संहिता का कथित उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है. उन्होंने शीर्ष अदालत से अपील की है कि चुनाव आयोग को इस संबंध में निर्देश दिए जाएं.

सुष्मिता देव की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को पहली सुनवाई की. अदालत ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया. शीर्ष अदालत ने कहा कि आयोग इस मामले में आवश्यक आदेश पारित करने के लिए स्वतंत्र है. अदालत इस मामले पर गुरुवार को फिर से सुनवाई करेगी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषणों से कथित रूप से आचार संहिता के उल्लंघन के मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया.

कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषणों से कथित रूप से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. उन्होंने कहा है कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले में दोनों के खिलाफ बगैर किसी संकोच के निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने अदालत से अपील की है कि इस संबंध में निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए जाएं.

सुष्मिता देव की याचिका पर सोमवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ में सुनवाई की गई. सुष्मिता देव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए.

सिंघवी ने अदालत से कहा कि उनकी याचिका पर शीघ्र सुनवाई की जाए, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने मोदी और शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में उनकी शिकायत पर कोई निर्णय नहीं लिया है. इस कथन का संज्ञान लेते हुए अदालत ने सुनवाई पर सहमति जताई.

बता दें कि सुष्मिता असम के सिलचर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की सांसद हैं. वे अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं.

पढ़ेंः PM मोदी के भाषण की जांच करेगा EC, आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप

सुष्मिता देव ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ शिकायतों पर निर्वाचन आयोग की कथित निष्क्रियता को 'पक्षपात' का लक्षण और मनमाना बताया. उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति नहीं है, क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता के लिये नुकसानदेह है.

सोमवार को सिंघवी के साथ अधिवक्ता सुनील फर्नाण्डीज भी पीठ के समक्ष पेश हुए. सिंघवी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने पिछले चार सप्ताह के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया है, लेकिन निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस पार्टी की 40 से अधिक शिकायतों पर कोई निर्णय नहीं लिया.

पीठ ने सिंघवी के कथन का संज्ञान लेते हुये उनसे पूछा कि वे भाजपा नेताओं के नाम लेने में संकोच क्यों कर रहे हैं. पीठ ने कहा, 'आप साफ साफ नाम क्यों नहीं लेते हैं?'

जानकारी के मुताबिक सुष्मिता देव ने आरोप लगाया है कि आम चुनाव की घोषणा होने की तारीख 10 मार्च से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष ने विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों और राज्यों में जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों और चुनाव कराने के नियमों तथा प्रक्रिया का उल्लंघन किया है.

पढ़ेंः गिरिराज सिंह पर सख्त हुआ EC, 'भड़काऊ भाषण' पर मिला नोटिस

उन्होंने आरोप लगाया है कि ये जगजाहिर है कि वे नफरत फैलाने वाले भाषण दे रहे हैं, निर्वाचन आयोग द्वारा स्पष्ट प्रतिबंध के बावजूद राजनीतिक प्रचार के लिये सशस्त्र बलों का बार बार जिक्र कर रहे हैं.

देव ने अपनी याचिका में मोदी और शाह द्वारा अपनी सभाओं में आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन की अनेक घटनाओं को सूचीबद्ध किया है और कहा कि मोदी ने एक अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा में अपने भाषण में पहली बार संहिता का उल्लंघन किया था जहां उन्होंने कथित रूप से भगवा आतंकवाद का मुद्दा उठाया था.

मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने का मुद्दा भी उठाया था.

(भाषा इनपुट)

Intro:Congress MP and its women wing president, Sushmita Dev moved to Supreme Court today to urge it to take action against Election Commission for its inaction over the complaints against PM Modi and Amit Shah of MCC violation.


Body:She claimed that the duo had used armed forces for political propaganda but EC took no action against them. She alleged that Congress has evidence that the duo violated the Model Code of Conduct by delivering hate speeches and using armed forces despite the EC's ban.


The petition stated ," The Prime Minister in blatant violation of the MCC held a rally on the day of polling in Gujrat on April 23rd,2019 I.e date of voting for the third phase of the election."

PM Modi had said that how could Congress use "hindu terror" word and how could it be forgiven for insulting Hindus. Amit Shah had said that Rahul Gandhi should apologize for defaming the hindu religion by linking it to terrorism.

The Supreme Court will hear the matter tomorrow.


Conclusion:EC has taken action earlier against leader like Mayawati and Yogi Adityanath for violating MCC and banned them from campaigning for a time period.
Last Updated : Apr 30, 2019, 5:00 PM IST
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