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लोकसभा में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं

कांग्रेस नेता वीरेंद्र राठौड़ ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी पार्टी के सभी छोटो बड़े नेताओं की है.

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Published : Jun 30, 2019, 12:09 AM IST

राहुल गांधी की फाइल फोटो

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता वीरेंद्र राठौड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि लोकसभा में हार की जिम्मेदारी केवल राहुल गांधी की नहीं है. पार्टी के सभी नेताओं को हार की सामूहिक जिम्मादारी लेनी चाहिए.

वीरेंद्र सिंह राठौर का बयान

उन्होंने कहा कि युवाओं की टीम ने अपने पद से इस्तीफा देकर संकेत दिया है कि वह इसके लिए जिम्मेदार हैं. सिर्फ राहुल जिम्मेदार नहीं है .पार्टी के अंदर डेढ़ सौ से ज्यादा पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया लेकिन इसमें से एक भी पहली पंक्ति का नेता नहीं है .पार्टी के अंदर इसी बात को लेकर आक्रोश है.

पढ़ें- राहुल की 'पुकार'...कांग्रेस में आई इस्तीफों की बाढ़

उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने हार से सबक सीखते हुए कर्नाटक उत्तर प्रदेश और दिल्ली के जिला व ब्लॉक समितियां भंग कर दी. पार्टी ने तय किया है कि नए संगठन में एनएसयूआई यूथ कांग्रेस सेवादल महिला कांग्रेस और दूसरे कांग्रेस संगठन में काम करने वाले लोगों को मौका दिया जाएगा.

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता वीरेंद्र राठौड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि लोकसभा में हार की जिम्मेदारी केवल राहुल गांधी की नहीं है. पार्टी के सभी नेताओं को हार की सामूहिक जिम्मादारी लेनी चाहिए.

वीरेंद्र सिंह राठौर का बयान

उन्होंने कहा कि युवाओं की टीम ने अपने पद से इस्तीफा देकर संकेत दिया है कि वह इसके लिए जिम्मेदार हैं. सिर्फ राहुल जिम्मेदार नहीं है .पार्टी के अंदर डेढ़ सौ से ज्यादा पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया लेकिन इसमें से एक भी पहली पंक्ति का नेता नहीं है .पार्टी के अंदर इसी बात को लेकर आक्रोश है.

पढ़ें- राहुल की 'पुकार'...कांग्रेस में आई इस्तीफों की बाढ़

उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने हार से सबक सीखते हुए कर्नाटक उत्तर प्रदेश और दिल्ली के जिला व ब्लॉक समितियां भंग कर दी. पार्टी ने तय किया है कि नए संगठन में एनएसयूआई यूथ कांग्रेस सेवादल महिला कांग्रेस और दूसरे कांग्रेस संगठन में काम करने वाले लोगों को मौका दिया जाएगा.

Intro:कांग्रेस पार्टी के अंदर यह सामूहिक मांग है कि राहुल गांधी के अलावा उन्हें अध्यक्ष पद पर कोई भी नेता मान्य नहीं है .कांग्रेस के पदाधिकारी यह साफ कर रहे हैं कि हार की जिम्मेदारी सभी की है इसके लिए राहुल खुद को जिम्मेदार मान कर अध्यक्ष पद से हटेंगे यह उन्हें माने नहीं है .लेकिन पार्टी के अंदर एक बड़ा विद्रोह है की कुर्सी से चिपके वरिष्ठ नेता जो अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल हो गए उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया! राहुल गांधी के इस्तीफे से पहले यदि वह इस्तीफा दे देते हैं तो पार्टी के अंदर अमूल चूल परिवर्तन करना राहुल के लिए आसान हो जाता.

पार्टी के अंदर इस बात को लेकर चर्चा गर्म है कि जिम्मेदार नेताओं द्वारा अपना पद त्याग ना करने से मजबूर होकर राहुल ने इस्तीफा दे दिया. बुजुर्ग नेताओं को संदेश देने के लिए ही पिछले 2 दिनों से कांग्रेस के अंदर इस्तीफा ओं का दौर चल रहा है जिसमें ज्यादातर युवा नेता है .राहुल के इस्तीफे के बाद भी राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हाल ही में सरकार बनाने के बाद पार्टी को पूरी तरह से हार की राह पर ले जाने वाले हैं वरिष्ठ नेताओं ने अपनी जिम्मेदारी नहीं ली. राहुल की नाराजगी इसी बात को लेकर है .
अब जब राहुल की बात ना मानते हुए कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता कुर्सी से चिपके हुए हैं ,युवाओं ने अपनी जिम्मेदारी मानते हुए इस्तीफा देना शुरू कर दिया है .कांग्रेस पार्टी सचिव पद त्याग देने वाले वीरेंद्र सिंह राठौर के मुताबिक पार्टी की सामूहिक जिम्मेदारी है और यह सब को जिम्मेदारी लेनी चाहिए राहुल गांधी सिर्फ इसके लिए जिम्मेदार नहीं हो सकते. इसीलिए युवाओं की टीम ने अपने पद से इस्तीफा देकर संकेत दिया है कि वह इसके लिए जिम्मेदार हैं. सिर्फ राहुल जिम्मेदार नहीं है .पार्टी के अंदर डेढ़ सौ से ज्यादा पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया लेकिन इसमें से एक भी पहली पंक्ति का नेता नहीं है .पार्टी के अंदर इसी बात को लेकर आक्रोश है.


Body:कांग्रेस पार्टी के अंदरखाने इस बात को लेकर सहमति है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को राहुल गांधी से पहले इस्तीफा देना चाहिए था. उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया इसीलिए राहुल ने मजबूर होकर इस्तीफा दिया है.
कांग्रेस ने हार से सबक सीखते हुए कर्नाटक उत्तर प्रदेश और दिल्ली के जिला व ब्लॉक समितियां भंग कर दी. पार्टी ने तय किया है कि नए संगठन में एनएसयूआई यूथ कांग्रेस सेवादल महिला कांग्रेस और दूसरे कांग्रेस संगठन में काम करने वाले लोगों को मौका दिया जाएगा. वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को लगता है इस्तीफा देने के बाद उनकी कुर्सी छिन जाएगी वह दोबारा मिल नहीं सकती. इसीलिए अपने पद को छोड़ना नहीं चाहते . युवाओं के अंदर इसी बात को लेकर आक्रोश है कि अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के संदेश को समझ नहीं पा रहे हैं.

राहुल चाहते हैं उम्र दराज कांग्रेस नेता अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएं ताकि युवाओं को पार्टी का कमान मिले और नई ऊर्जा और उत्साह के साथ वे कांग्रेस पार्टी को जनता के बीच ले जा सके. लेकिन पार्टी के अंदर एक वर्ग है जो दशकों से कमान संभाले हुए हैं और अपने हाथ से पावर और कुर्सी छोड़ना नहीं चाहता. युवाओं के अंदर भी इस बात को लेकर आक्रोश है राहुल गांधी की मजबूरी यह है कि वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के जिम्मेदार पद से हटाते हैं, तो संकेत यह जाएगा बीजेपी पर हमला करने के लिए राहुल हमेशा कहा करते थे कि बीजेपी ने आडवाणी और जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं का अपमान किया अपनी पार्टी में वरिष्ठ पर कार्रवाई कर राहुल वह टैग नहीं लेना चाहते कि भाजपा होली पर हमला करें इसीलिए राहुल गांधी चाहते थे कि वरिष्ठ नेता खुद इस्तीफा दे दें .ताकि पार्टी को की कमान युवाओं को सौंपी जा सके. अब डेढ़ सौ से ज्यादा पार्टी के पदाधिकारियों ने इस्तीफा देकर एक दबाव वरिष्ठ ऊपर बनाया है ताकि राहुल गांधी के हाथ को मजबूत किया जा सके और पार्टी की कमान युवाओं को सौंपी जा सके .


Conclusion:
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