मुंबई: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के गठबंधन की जीत के बाद दोनों पार्टियों में मुख्यमंत्री पद को लेकर पेंच फंस गया है. इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने बयान देकर महाराष्ट्र की राजनीति को और रोमांचक बना दिया है.
दरअसल, मीडिया को संबोधित करते हुए थोराट ने कहा है कि हमें अभी तक शिवसेना से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है, लेकिन अगर उनसे प्रस्ताव मिलता है, तो हम दिल्ली में पार्टी आलाकमान से संपर्क करेंगे और देखेंगे कि क्या काम किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि हम (कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) एक बैठक करेंगे और इसके बारे में फैसला करेंगे.
इससे पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि इस जनादेश ने यह धारणा खारिज कर दी है कि दल बदलकर और विपक्षी दलों में सेंध लगाकर बड़ी जीत हासिल की जा सकती है.
चुनाव में राकांपा और कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया है. सम्पादकीय में परिणामों का विश्लेषण करते हुए कहा गया कि परिणाम दर्शाते हैं कि विपक्षियों को राजनीति में खत्म नहीं किया जा सकता.
मराठी समाचार पत्र ने लिखा कि चुनावों के दौरान भाजपा ने राकांपा में इस प्रकार सेंध लगाई कि लोगों को लगने लगा था कि शरद पवार की पार्टी का कोई भविष्य नहीं है.
शिवसेना ने कहा, लेकिन राकांपा ने 50 सीटों का आंकड़ा पार करके वापसी की और नेतृत्वहीन कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली. यह परिणाम सत्तारूढ़ों को चेतावनी है कि वे सत्ता का घमंड न करें. यह उन्हें सबक है.
वहीं, चुनाव नतीजे आने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा के साथ बैठक हुई थी, तब 50-50 फार्मूला तय हुआ था, अब इस फॉर्मूले पर काम करने का समय आ गया है. इसके बाद देवेन्द्र फडणवीस ने कहा था कि क्या तय हुआ था, यह समय आने पर सबके सामने आ जाएगा.
इस बीच मुंबई में शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे का एक पोस्टर लगा दिया. इसमें उन्हें भावी सीएम तक बता दिया गया है.
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शिवसेना ने संकेत दिए हैं कि ढाई-ढाई साल के कार्यकाल के लिए दोनों पार्टी के मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एनसीपी ने शिवसेना के साथ नहीं जाने की बात कही है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार के हवाले से यह खबर आई है कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का मैंडेट दिया है. और वह इस भूमिका को ईमानदारी से निभाएंगे.