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अमित शाह ने CAB पर बुलाई बैठक, कांग्रेस ने किया बहिष्कार

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Published : Nov 29, 2019, 7:50 PM IST

केंद्रीय गृहमंत्री ने अमित शाह ने दिल्ली में एक बैठक आयोजित की है. इस बैठक में सभी दलों को नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया है. कांग्रेस और असम प्रदेश कांग्रेस समिति (APCC) ने इस बैठक का विरोध किया है. साथ ही बैठक का बहिस्कार भी किया है. पढ़ें पूरी खबर...

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असम प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष रिपुन बोरा

नई दिल्ली: कांग्रेस ने नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पर बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

इस बैठक में सभी हितधारकों द्वारा भाग लेने की संभावना है, जिसमें सभी पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, छात्र निकायों और अन्य लोगों के बीच नागरिक समाज शामिल है.

असम प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

असम प्रदेश कांग्रेस समिति ( एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने ईटीवी भारत से कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में भाजपा नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करने के लिए मानसिक रूप से तैयार है. यह बैठक सिर्फ दिखावा है. भाजपा केवल दिखाने के लिए सभी हित धारकों से इस मामले पर चर्चा कर रही हैं.

सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह पहले ही इस मुद्दे पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ चर्चा कर चुके हैं.

माना जा रहा है कि भाजपा सरकार पहले मंत्रिमंडल की बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित करेगी, जिसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा.

उम्मीद है कि सरकार इस नागरिकता संशोधन विधेयक को अगले हफ्ते संसद में पेश करेगी.

बोरा ने कहा कि यह नागरिकता संशोधन विधेयक पूरे उत्तर पश्चिम के खिलाफ है.

बोरा ने कहा, 'बिल असम और पूरे उत्तर-पूर्व के लोगों के हित के खिलाफ है और हम बिल के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.'

इस बिल को लोगों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

इस नागरिकता संशोधन विधेयक 1995 को नागरिकता अधिनियम में संशोधन करने को लेकर भारी विरोध का समना करना पड़ रहा है.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल के एक संगठन ने की सरकार से CAB में राहत की मांग

मांग की जा रही है कि बिल में जो प्रवासी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धार्मिक अभियोजन के बाद भारत आए थे, उन्हें भारत की नागरिकता दे दी जानी चाहिए.

दिलचस्प बात यह है कि पूर्वोत्तर के सभी कांग्रेस सांसदों ने संंसद भवन परिषद में नागरिकता संशोधन विधेयक विरोध में धरना-प्रदर्शन किया है.

हाथ में बोर्ड लेकर सांसदों ने नारे लगाकर सरकार से नागरिकता संशोधन विधेयक में सुधार की मांग की है.

वहीं असम के छात्र संगठन ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने राज्य में नागरिकता संशोधन विधेयक विरोधी अभियान चला रखा है.

असम के ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेताओं ने भी नागरिकता संशोधन विधेयक खिलाफ समर्थन प्राप्त करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की है.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पर बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

इस बैठक में सभी हितधारकों द्वारा भाग लेने की संभावना है, जिसमें सभी पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, छात्र निकायों और अन्य लोगों के बीच नागरिक समाज शामिल है.

असम प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

असम प्रदेश कांग्रेस समिति ( एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने ईटीवी भारत से कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में भाजपा नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करने के लिए मानसिक रूप से तैयार है. यह बैठक सिर्फ दिखावा है. भाजपा केवल दिखाने के लिए सभी हित धारकों से इस मामले पर चर्चा कर रही हैं.

सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह पहले ही इस मुद्दे पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ चर्चा कर चुके हैं.

माना जा रहा है कि भाजपा सरकार पहले मंत्रिमंडल की बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित करेगी, जिसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा.

उम्मीद है कि सरकार इस नागरिकता संशोधन विधेयक को अगले हफ्ते संसद में पेश करेगी.

बोरा ने कहा कि यह नागरिकता संशोधन विधेयक पूरे उत्तर पश्चिम के खिलाफ है.

बोरा ने कहा, 'बिल असम और पूरे उत्तर-पूर्व के लोगों के हित के खिलाफ है और हम बिल के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.'

इस बिल को लोगों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

इस नागरिकता संशोधन विधेयक 1995 को नागरिकता अधिनियम में संशोधन करने को लेकर भारी विरोध का समना करना पड़ रहा है.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल के एक संगठन ने की सरकार से CAB में राहत की मांग

मांग की जा रही है कि बिल में जो प्रवासी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धार्मिक अभियोजन के बाद भारत आए थे, उन्हें भारत की नागरिकता दे दी जानी चाहिए.

दिलचस्प बात यह है कि पूर्वोत्तर के सभी कांग्रेस सांसदों ने संंसद भवन परिषद में नागरिकता संशोधन विधेयक विरोध में धरना-प्रदर्शन किया है.

हाथ में बोर्ड लेकर सांसदों ने नारे लगाकर सरकार से नागरिकता संशोधन विधेयक में सुधार की मांग की है.

वहीं असम के छात्र संगठन ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने राज्य में नागरिकता संशोधन विधेयक विरोधी अभियान चला रखा है.

असम के ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेताओं ने भी नागरिकता संशोधन विधेयक खिलाफ समर्थन प्राप्त करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की है.

Intro:New Delhi: The Congress has decided to boycott a meeting on Citizenship Amendment Bill (CAB) called by Home Minister Amit Shah in New Delhi on Saturday.




Body:The meeting convened by Shah is likely to be attended by all stakeholders including representatives of different political parties from all the northeastern states, student bodies and civil societies among others.

"BJP is already mentally prepared to introduce CAB in the on going winter session of the Parliament...This meeting is nothing but only a mere eyewash to show that all the stakeholders have been discussed on the matter," said Assam Pradesh Congress Committee (APCC) president Ripun Bora to ETV Bharat.

Amit Shah will sit for back to back meetings with representatives from Tripura, Mizoram, Assam, Arunachal Pradesh, Meghalaya, Nagaland to consult will all stakeholders over their concern regarding CAB. However, representatives from Manipur have not been included in the pre-scheduled meeting list.

Sources said, Home Minister Amit Shah already had a discussion with Manipur Chief Minister N Biren Singh on the issue.

It is believed that BJP Governmnet will pass the CAB in the coming Union Cabinet meeting on Wednesday after which it will be tabled in the Parliament.

Government is believed to have decided to introduce the bill next week in the Parliament.

"The bill is against the interest of the people of Assam and entire northest. We will keep our fight against the bill," said Bora.

The bill, which is facing severe criticism and protest, seeks to amend the Citizenship Act, 1955 and grant citizenship to Hindu, Sikh, Buddhist, Jain, Parsi and Christian immigrants from Pakistan, Bangladesh and Afganistan who have illegally migrated into India following religious prosecution.


Conclusion:Interestingly all the Congress MPs from Northeast and parties opposing CAB have staged a protest demonstration against the bill in the Parliament premises.

Showing placards in their hands, the MPs were also shouting slogans asking the Governmnet to reconsider their decision to introduce the CAB in the Parliament.

It may be mentioned here that influential student organisation from Assam, All Assam Students Union (AASU) is spearheading the anti-CAB movement in the state.

AASU leaders had also been campaigningin New Delhi to meet leaders of different political parties to get their support against the bill.

end.
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