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तबरेज हत्याकांड: आरोपियों के खिलाफ हटाई गई धारा 302, कांग्रेस और JMM ने भी साधा सरकार पर निशाना

तबरेज अंसारी की मौत की मामले पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में प्रशासन ने कोर्ट में दाखिल किए गए आरोप पत्र में धारा 302 को हटाकर 304 कर दिया है. वहीं, पीड़ित पक्ष के वकील ने भी कोर्ट से धारा में बदलाव नहीं करने को लेकर एक पिटीशन दायर की है. धारा बदलने के बाद कांग्रेस और जेएमएम ने सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं.

दशरथ गागराई और अल्ताफ हुसैन
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Published : Sep 14, 2019, 12:06 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 1:07 PM IST

रांची: झारखंड के तबरेज अंसारी मौत मामले को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में दाखिल किए गए आरोप पत्र में धारा 302 को हटाकर 304 कर दिया है. अब पीड़ित पक्ष के वकील ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में पिटीशन दायर कर चार्ज शीट में धारा 304 को हटाकर धारा 302 करने की मांग की है.

पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र में हत्या की धारा हटाकर गैर इरादतन हत्या दाखिल किए जाने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं. पीड़ित पक्ष और तबरेज आलम की पत्नी शाहिस्ता परवीन ने पहले धारा 302 के तहत मामला दर्ज कराया था, जिसे अब बदल दिया गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इसे भी पढ़ें:- हेमंत ने तबरेज की मौत पर उठाए सवाल, सीपी सिंह ने कहा- चोर था तबरेज कारगिल का सिपाही नहीं

पीड़ित पक्ष के वकील अल्ताफ हुसैन ने बताया कि धारा 302 के साथ धारा 295 ए भी लगाई गई है, जो कि धार्मिक उन्माद फैलाने के उद्देश्य से है. उन्होंने कहा कि डीसी स्तर से रिपोर्ट आने के बाद इस मामले मे आगे की सुनवाई होगी. वकील अल्ताफ हुसैन ने इस संबंध में जानकारी दी कि इस धारा में जिले के उपायुक्त द्वारा संज्ञान रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोर्ट में सुनवाई होगी. डीसी द्वारा17 सितंबर तक इस मामले में रिपोर्ट सुपुर्द किया जाएगा.उन्होंने बताया कि मॉब लिंचिंग में हत्या की नीयत से तबरेज आलम की पिटाई की गई थी, जिसके बाद पुलिस कस्टडी में 5 दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी.

इसे भी पढ़ें:- झारखंड हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, कहा- मॉब लिंचिंग मामलों में पुलिस नहीं है गंभीर

मॉब लिंचिंग का शिकार तबरेज अंसारी मौत मामले को लेकर पुलिस द्वारा धारा हटाए जाने के बाद एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष एक बार फिर सक्रिय हो गया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर एक बार फिर सरकार की तीखी आलोचना की है. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष छोटे राय किस्को ने कहा कि सरकार की मंशा शुरू से ही पुलिस पदाधिकारियों और दोषियों को बचाने की रही है, नतीजतन अब धाराएं बदल दी गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुप नहीं बैठने वाली और पीड़ितों की मदद के लिए पार्टी हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी.

वहीं, इस मुद्दे को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थानीय विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा हत्याकांड मामले की जांच का समर्थन करती है, साथ ही उन्होंने कहा कि मामले में संलिप्त सभी दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

रांची: झारखंड के तबरेज अंसारी मौत मामले को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में दाखिल किए गए आरोप पत्र में धारा 302 को हटाकर 304 कर दिया है. अब पीड़ित पक्ष के वकील ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में पिटीशन दायर कर चार्ज शीट में धारा 304 को हटाकर धारा 302 करने की मांग की है.

पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र में हत्या की धारा हटाकर गैर इरादतन हत्या दाखिल किए जाने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं. पीड़ित पक्ष और तबरेज आलम की पत्नी शाहिस्ता परवीन ने पहले धारा 302 के तहत मामला दर्ज कराया था, जिसे अब बदल दिया गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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पीड़ित पक्ष के वकील अल्ताफ हुसैन ने बताया कि धारा 302 के साथ धारा 295 ए भी लगाई गई है, जो कि धार्मिक उन्माद फैलाने के उद्देश्य से है. उन्होंने कहा कि डीसी स्तर से रिपोर्ट आने के बाद इस मामले मे आगे की सुनवाई होगी. वकील अल्ताफ हुसैन ने इस संबंध में जानकारी दी कि इस धारा में जिले के उपायुक्त द्वारा संज्ञान रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोर्ट में सुनवाई होगी. डीसी द्वारा17 सितंबर तक इस मामले में रिपोर्ट सुपुर्द किया जाएगा.उन्होंने बताया कि मॉब लिंचिंग में हत्या की नीयत से तबरेज आलम की पिटाई की गई थी, जिसके बाद पुलिस कस्टडी में 5 दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी.

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मॉब लिंचिंग का शिकार तबरेज अंसारी मौत मामले को लेकर पुलिस द्वारा धारा हटाए जाने के बाद एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष एक बार फिर सक्रिय हो गया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर एक बार फिर सरकार की तीखी आलोचना की है. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष छोटे राय किस्को ने कहा कि सरकार की मंशा शुरू से ही पुलिस पदाधिकारियों और दोषियों को बचाने की रही है, नतीजतन अब धाराएं बदल दी गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुप नहीं बैठने वाली और पीड़ितों की मदद के लिए पार्टी हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी.

वहीं, इस मुद्दे को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थानीय विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा हत्याकांड मामले की जांच का समर्थन करती है, साथ ही उन्होंने कहा कि मामले में संलिप्त सभी दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

Intro:सरायकेला जिले में मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी मौत मामले को लेकर पुलिस अधिकारी और डॉक्टरों को बचाने के लिए पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल किए गए आरोपपत्र में धारा 302 को हटाकर 304 कर दिया गया है, इधर इस मामले के बाद अब पीड़ित पक्ष के वकील ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में पिटिशन दायर कर चार्ज शीट में धारा 304 को हटाकर धारा 302 करने की मांग की गई है.


Body:तबरेज अंसारी मौत मामले को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है इधर पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र में हत्या की धारा हटाकर गैर इरादतन हत्या दाखिल किए जाने के बाद पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर कटघरे में है। इधर पीड़ित पक्ष और मृत तबरेज आलम की पत्नी शाहिस्ता परवीन के द्वारा पूर्व में धारा 302 के तहत मामला दर्ज कराया गया था जिसे अब बदल दिया गया है। वहीं पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता अल्ताफ हुसैन ने बताया कि धारा 302 के साथ भारतीय दंड विधान की धारा 295 ए भी लगाई गई है जो कि धार्मिक उन्माद फैलाने के उद्देश्य से है। डीसी के स्तर से रिपोर्ट आने के बाद आगे होगी सुनवाई। पीड़ित पक्ष के वकील अल्ताफ हुसैन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस धारा में जिले के उपायुक्त द्वारा संज्ञान रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी साथी डीसी द्वारा आगामी 17 सितंबर तक इस मामले में रिपोर्ट सुपुर्द किया जाएगा अधिवक्ता अल्ताफ हुसैन ने कहा कि मोब लिंचिंग के द्वारा भीड़ ने हत्या की नियत से तबरेज आलम की पिटाई की थी जिसके बाद पुलिस कस्टडी में 5 दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी। विपक्ष ने बनाया मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा मामला। मॉब लिंचिंग के शिकार तबरेज अंसारी मौत मामले को लेकर पुलिस द्वारा धारा हटाए जाने के बाद एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है इस मुद्दे को लेकर विपक्ष एक बार फिर सक्रिय हो चला है कांग्रेस पार्टी द्वारा आरोपियों को बचाए जाने के मुद्दे पर एक बार फिर सरकार की तीखी आलोचना की गई है कांग्रेस के जिलाध्यक्ष छोटे राय किस्को ने कहा कि सरकार की मंशा शुरू से ही पुलिस पदाधिकारियों और दोषी लोगों को बचाने की रही है नतीजतन अब धाराएं बदल दी गई है उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुप नहीं बैठने वाली और पीड़ित लोगों के साथ मिलकर इस मामले को जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया जाएगा। वही इस मुद्दे को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थानीय खरसावां के विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा हत्याकांड मामले की जांच का समर्थन करती है । साथ ही उन्होंने कहा कि मामले में संलिप्त सभी दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।


Conclusion:मॉब लिंचिंग के शिकार तबरेज अंसारी के मौत मामले को लेकर अब तक तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है । वही इस बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है , जबकि शासन प्रशासन पर भी कई गंभीर आरोप लग रहे हैं ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे क्या रुख अख्तियार करता है। बाइट - छोटे राय किस्कु, कांग्रेस, जिलाध्यक्ष( व्हाइट शर्ट) बाइट- दशरथ गगराई, विधायक , खरसावां( व्हाइट शर्ट चश्मा पहने) बाइट - अल्ताफ हुसैन, पीड़ित , पक्ष वकील
Last Updated : Sep 30, 2019, 1:07 PM IST
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