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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का साझा उच्च न्यायालय होगा

जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद सरकार ने फैसला किया है कि अब इन दोनों प्रदेशों का एक ही हाई कोर्ट होगा.

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Published : Sep 9, 2019, 12:01 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 10:51 PM IST

श्रीनगर: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया और लद्दाख और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है. अब केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का एक साझा उच्च न्यायालय रहेगा. यह जानकारी राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक राजीव गुप्ता ने दी.

गुप्ता ने कहा कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों पर 108 केंद्रीय कानून लागू होंगे जबकि राज्य के 164 कानून निष्प्रभावी हो जाएंगे जबकि 166 राज्य कानून लागू रहेंगे.

बता दें, केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था.

संसद ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी थी और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने को लेकर विधेयक भी पारित कर दिया था.

गुप्ता ने एसजेए द्वारा जम्मू प्रांत के न्यायाधीशों के लिए आयोजित एक सत्र में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 का जम्मू-कश्मीर कानूनों और लंबित मामलों पर क्या असर पड़ेगा, इस पर चर्चा की.

पढ़ें-जम्मू कश्मीर के स्कूलों में एडमिशन शुरू, अभिभावक बोले- निष्पक्ष हो प्रक्रिया

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर विधानसभा गठित होगी लेकिन केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं होगी क्योंकि इसे सीधे तौर पर केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के लिए साझा उच्च न्यायालय होगा और उच्च न्यायालय में वकालत के लिए नियम और प्रक्रियाएं पहली वाली ही रहेंगी.

श्रीनगर: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया और लद्दाख और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है. अब केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का एक साझा उच्च न्यायालय रहेगा. यह जानकारी राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक राजीव गुप्ता ने दी.

गुप्ता ने कहा कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों पर 108 केंद्रीय कानून लागू होंगे जबकि राज्य के 164 कानून निष्प्रभावी हो जाएंगे जबकि 166 राज्य कानून लागू रहेंगे.

बता दें, केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था.

संसद ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी थी और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने को लेकर विधेयक भी पारित कर दिया था.

गुप्ता ने एसजेए द्वारा जम्मू प्रांत के न्यायाधीशों के लिए आयोजित एक सत्र में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 का जम्मू-कश्मीर कानूनों और लंबित मामलों पर क्या असर पड़ेगा, इस पर चर्चा की.

पढ़ें-जम्मू कश्मीर के स्कूलों में एडमिशन शुरू, अभिभावक बोले- निष्पक्ष हो प्रक्रिया

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर विधानसभा गठित होगी लेकिन केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं होगी क्योंकि इसे सीधे तौर पर केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के लिए साझा उच्च न्यायालय होगा और उच्च न्यायालय में वकालत के लिए नियम और प्रक्रियाएं पहली वाली ही रहेंगी.

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PRI GEN NAT
.JAMMU DEL60
JK-UT-HC
UTs of J&K, Ladakh to have a common HC
(Eds: Upgrading to Del )
         Jammu, Sept 8 (PTI) The Union territories of Jammu & Kashmir and Ladakh will have a common high court, State Judicial Academy's Director Rajeev Gupta said on Sunday.
         He also said 108 Central Laws would be applicable for the two UTs while 164 state laws would be repealed and 166 state laws will continue to be applicable.
         The Centre had on August 5 nullified Article 370 of the Constitution, revoking the special status of the state.
         Parliament approved the resolution in this regard and also passed the bill on the bifurcation of the state into two UTs.
         Later on August 9, President Ram Nath Kovind gave assent to the Jammu and Kashmir Reorganisation Act, 2019, bifurcating the two Union Territories, which will come into existence on October 31.
         Speaking at a refresher programme, organised by the SJA on topic "Appreciation of evidence with specific reference to Dying Declaration, Accomplice Statement and Confessional Statement for Session Judges of Jammu province here, Gupta discussed the effects of J&K Reorganization Act, 2019 on State Laws in Jammu and Kashmir and the pending cases.
         He said the legislative Assembly will be formed in J&K as UT but there will be no legislative Assembly in the Union Territory of Ladakh as it will be directly controlled by the Union government.
         "There will be a common High Court for the UTs of Jammu and Kashmir and Ladakh. Existing law and procedure for practice in the high court will remain the same," he said.
         PTI TAS
RAX
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Last Updated : Sep 29, 2019, 10:51 PM IST
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