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भारत दौरे पर चीनी विदेश मंत्री, NSA डोभाल के साथ 22वें दौर की सीमा वार्ता करेंगे

चीन के विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि वार्ता के तहत सीमा विवाद पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से बातचीत के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे. दो दिवसीय बैठक में सीमा के निर्धारण, सीमा प्रबंधन और द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी. पढे़ं पूरा विवरण..

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भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री वांग यी
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Published : Dec 21, 2019, 9:31 AM IST

Updated : Dec 21, 2019, 10:27 AM IST

नई दिल्ली : चीन के विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि वार्ता के तहत सीमा विवाद पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से बातचीत के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे. वांग और डोभाल 22वें दौर की सीमा वार्ता करेंगे.

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दो दिवसीय बैठक में सीमा के निर्धारण, सीमा प्रबंधन और द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय सलाहकार अजित डोभाल करेंगे. जबकि, चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग येई चीनी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे. बता दें की सीमा मुद्दे पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों की यह 22वीं बैठक है.

पढे़ं : भारत की मलेशियाई पीएम को दो टूक - CAA आतंरिक मामला, दखल न दें

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में मामल्लापुरम में दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के बाद चीन से भारत की यह पहली उच्च-स्तरीय बैठक है.

सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्ष संभवत: अक्टूबर में मोदी -जिनपिंग के बीच दूसरे शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए फैसलों को लागू करने की समीक्षा करेंगे. बता दें कि वांग को विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के लिए सिंतबर महीने में भी भारत आना था, लेकिन उनकी यात्रा टल गई थी.

नई दिल्ली : चीन के विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि वार्ता के तहत सीमा विवाद पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से बातचीत के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे. वांग और डोभाल 22वें दौर की सीमा वार्ता करेंगे.

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दो दिवसीय बैठक में सीमा के निर्धारण, सीमा प्रबंधन और द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय सलाहकार अजित डोभाल करेंगे. जबकि, चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग येई चीनी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे. बता दें की सीमा मुद्दे पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों की यह 22वीं बैठक है.

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में मामल्लापुरम में दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के बाद चीन से भारत की यह पहली उच्च-स्तरीय बैठक है.

सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्ष संभवत: अक्टूबर में मोदी -जिनपिंग के बीच दूसरे शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए फैसलों को लागू करने की समीक्षा करेंगे. बता दें कि वांग को विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के लिए सिंतबर महीने में भी भारत आना था, लेकिन उनकी यात्रा टल गई थी.

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Chinese Foreign Minister arrives in India, to hold boundary talks with NSA





New Delhi, Dec 20 (PTI) Chinese Foreign Minister Wang Yi arrived here on Friday to hold boundary talks with National Security Adviser Ajit Doval under the framework of Special Representatives dialogue.



Wang and Doval will hold the 22nd round of boundary talks on Saturday.



It is the first high-level visit from China to India after Prime Minister Narendra Modi and Chinese President Xi Jinping held the second informal summit in Mamallapuram in October as well as after New Delhi pulled out of the proposed Regional Comprehensive Economic Partnership (RCEP).



"The 22nd meeting of the Special Representatives (SR) for India-China boundary question will be held in New Delhi December 21," the MEA said announcing Wang's visit.



Doval and Wang are the designated Special Representatives of the two countries for the boundary talks.



Sources said the two sides are likely to review implementation of decisions taken at the second informal summit between Modi and Xi in October.



Wang was to visit India for the SR talks in September but the trip was postponed then.



The two sides have already held over 20 rounds of talks under the framework of SR dialogue which was set up to find an early solution to the border dispute.



The India-China border dispute covers 3,488-km-long Line of Actual Control. China claims Arunachal Pradesh as part of southern Tibet while India contests it.



Both sides have been asserting that pending the final resolution of the boundary issue, it is necessary to maintain peace and tranquillity in the border areas.


Conclusion:
Last Updated : Dec 21, 2019, 10:27 AM IST
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