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LAC पर 'कांपी' चीनी सेना, 10 हजार सैनिकों को वापस बुलाया

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास गहराई वाले क्षेत्रों से चीन ने लगभग 10,000 सैनिकों को पीछे हटा लिया है. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है. भारत और चीन के बीच मई के महीने से जारी विवाद में अब बड़ी खबर सामने आई है.

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Published : Jan 11, 2021, 8:27 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 9:05 PM IST

लद्दाख : चीन ने लगभग 10 हजार सैनिकों को एलएसी से पीछे हटाया
लद्दाख : चीन ने लगभग 10 हजार सैनिकों को एलएसी से पीछे हटाया

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच मई के महीने से जारी विवाद में बड़ी खबर सामने आई है. सरकारी सूत्रों ने बताया है कि चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास गहराई वाले क्षेत्रों से लगभग 10,000 सैनिकों को वापस बुलाया है.

समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा है कि चीनी सैनिकों की वापसी के बावजूद एलएसी के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती एक समान रही है और दोनों पक्षों के सैनिक उस सेक्टर के कई स्थानों पर एक दूसरे के आमने-सामने जैसी स्थिति (an eyeball to eyeball situation) में हैं.

10 हजार सैनिकों की वापसी

एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीनी सेना पूर्वी लद्दाख सेक्टर और उसके पास के इलाकों में अपने पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्रों से लगभग 10,000 सैनिकों को वापस ले गई है.

लगभग 7-8- महीनों से यहीं थे सैनिक

गौरतलब है कि चीनी पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्र लगभग 150 किलोमीटर के दायरे में है. यह एलएसी से भारतीय पक्ष में भी है. चीन ने पिछले साल अप्रैल-मई की समय सीमा के बाद से इन सैनिकों को वहां तैनात किया था.

भारी हथियार अभी भी मौजूद
सूत्रों के अनुसार चीनी सैनिकों की वापसी के बावजूद भारतीय सीमा के पास तैनाती के दौरान चीनी सेना द्वारा लाए गए भारी हथियार भी इस क्षेत्र में अभी भी मौजूद हैं.

चीन के पीछे हटने का कारण

सूत्रों ने कहा कि गहराई वाले क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने का कारण अत्यधिक सर्दियां हो सकती हैं और चीन के लिए उस अत्यंत ठंडे क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात करना मुश्किल हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इस साल फरवरी-मार्च के बाद तापमान में वृद्धि होने पर वे सैनिकों को वापस लाएंगे या नहीं.

50 हजार सैनिकों की हुई थी तैनाती

बता दें कि अप्रैल-मई, 2020 के दरम्यान चीनी सेना ने आक्रामक रुख दिखाते हुए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारतीय सीमा के करीब 50,000 सैनिकों को तैनात किया था.

भारत की प्रतिक्रिया

चीन की इस चालबाजी पर भारतीय पक्ष ने भी तेजी से प्रतिक्रिया दी थी और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा किसी भी अन्य दुस्साहस को रोकने के दृष्टिकोण से वहां लगभग समान संख्या में सैनिकों को तैनात किया था.

बता दें कि चीन ने वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास की आड़ में भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ शुरू कर दी थी, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार संघर्ष की खबरें सामने आईं.

चीन की धूर्तता को देखते हुए भारतीय सेना पीएलए की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है. दक्षिणी पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय सेना ने रिहांग ला और रेचेन ला की रणनीतिक ऊंचाई पर चीन को कब्जा करने से रोक दिया. इसके अलावा उत्तरी तट पर भी चीन को कुछ स्थानों पर मुंह की खानी पड़ी.

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच मई के महीने से जारी विवाद में बड़ी खबर सामने आई है. सरकारी सूत्रों ने बताया है कि चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास गहराई वाले क्षेत्रों से लगभग 10,000 सैनिकों को वापस बुलाया है.

समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा है कि चीनी सैनिकों की वापसी के बावजूद एलएसी के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती एक समान रही है और दोनों पक्षों के सैनिक उस सेक्टर के कई स्थानों पर एक दूसरे के आमने-सामने जैसी स्थिति (an eyeball to eyeball situation) में हैं.

10 हजार सैनिकों की वापसी

एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीनी सेना पूर्वी लद्दाख सेक्टर और उसके पास के इलाकों में अपने पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्रों से लगभग 10,000 सैनिकों को वापस ले गई है.

लगभग 7-8- महीनों से यहीं थे सैनिक

गौरतलब है कि चीनी पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्र लगभग 150 किलोमीटर के दायरे में है. यह एलएसी से भारतीय पक्ष में भी है. चीन ने पिछले साल अप्रैल-मई की समय सीमा के बाद से इन सैनिकों को वहां तैनात किया था.

भारी हथियार अभी भी मौजूद
सूत्रों के अनुसार चीनी सैनिकों की वापसी के बावजूद भारतीय सीमा के पास तैनाती के दौरान चीनी सेना द्वारा लाए गए भारी हथियार भी इस क्षेत्र में अभी भी मौजूद हैं.

चीन के पीछे हटने का कारण

सूत्रों ने कहा कि गहराई वाले क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने का कारण अत्यधिक सर्दियां हो सकती हैं और चीन के लिए उस अत्यंत ठंडे क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात करना मुश्किल हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इस साल फरवरी-मार्च के बाद तापमान में वृद्धि होने पर वे सैनिकों को वापस लाएंगे या नहीं.

50 हजार सैनिकों की हुई थी तैनाती

बता दें कि अप्रैल-मई, 2020 के दरम्यान चीनी सेना ने आक्रामक रुख दिखाते हुए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारतीय सीमा के करीब 50,000 सैनिकों को तैनात किया था.

भारत की प्रतिक्रिया

चीन की इस चालबाजी पर भारतीय पक्ष ने भी तेजी से प्रतिक्रिया दी थी और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा किसी भी अन्य दुस्साहस को रोकने के दृष्टिकोण से वहां लगभग समान संख्या में सैनिकों को तैनात किया था.

बता दें कि चीन ने वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास की आड़ में भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ शुरू कर दी थी, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार संघर्ष की खबरें सामने आईं.

चीन की धूर्तता को देखते हुए भारतीय सेना पीएलए की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है. दक्षिणी पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय सेना ने रिहांग ला और रेचेन ला की रणनीतिक ऊंचाई पर चीन को कब्जा करने से रोक दिया. इसके अलावा उत्तरी तट पर भी चीन को कुछ स्थानों पर मुंह की खानी पड़ी.

Last Updated : Jan 11, 2021, 9:05 PM IST
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