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तिहाड़ की जेल नंबर 7 में बंद होंगे चिदंबरम, मिलेंगी यह सुविधाएं - जेल में बुक, चश्मा और दवाएं

तमाम अदालतों और सीबीआई मुख्यालय के बीच कई दिन चली गहमा-गहमी के बाद, अंतत: गुरुवार शाम तय हो गया कि पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को तिहाड़ जेल जाना ही होगा. चिदंबरम को जेल में कहां रखा जाएगा और उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी, पढ़ें पूरा विवरण...

चिदंबरम (फाइल फोटो)
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Published : Sep 5, 2019, 10:01 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 2:18 PM IST

नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 14 दिन की न्यायायिक हिरासत में भेजा है. वे 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में बंद रहेंगे. अदालत के आदेश की जानकारी मिलते ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. जेल महानिदेशक ने बताया कि इनके जैसे (आर्थिक घोटालों से जुड़े) विचाराधीन कैदियों को तिहाड़ स्थित जेल नंबर 7 में ही रखा जाता है.

जेल में कोई विशेष इंतजाम नहीं
पूर्व गृह और वित्त मंत्री जैसे उच्च पदों पर रहे पी. चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल विचाराधीन कैदी के लिए तो जेल में खास इंतजाम शुरू कर दिए होंगे? पूछे जाने पर तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'जेल तो जेल है. यह सिर्फ अदालत के आदेश का पालन करती है. जेल में पहुंचा कोई भी शख्स आम या खास नहीं होता है.'

चिदंबरम को तिहाड़ जेल भेजा गया

जेल मैनुअल के हिसाब से इंतजाम
उन्होंने बताया, 'हमें (तिहाड़ जेल मुख्यालय) उनके (चिदंबरम) आने पर या आने से पहले कोई विशेष इंतजामात नहीं करने हैं. सब कुछ पहले से व्यवस्थित है.' पी. चिदंबरम आर्थिक मामले की धोखाधड़ी से जुड़े केस में तिहाड़ जेल भेजे जा रहे हैं उनके रखने का कोई खास इंतजाम तो होगा ही. उनकी उम्र भी 60 साल से ज्यादा है, इसके जबाब में जेल महानिदेशक ने कहा, 'जेल मैनुअल जो कहता है वह सब किया जाएगा.'

बुक, चश्मा, टीवी, वेस्टर्न टॉयलेट और...
पूर्व वित्त मंत्री को तिहाड़ जेल में दवाएं, चश्मा, वेस्टर्न टॉयलेट, बुक और सुरक्षा के लिहाज से अलग बैरक में रखा जाएगा. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने ये सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की इजाजत दे दी है.

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तिहाड़ की सात नंबर जेल में रहेंगे चिदंबरम

जेल में सुरक्षा
इतनी बड़ी नामी-गिरामी हस्ती की जान को जेल में भी खतरा हो सकता है? पूछे जाने पर जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, 'नहीं ऐसी कोई बात फिलहाल तो नहीं है. और फिर जेल में किसी भी कैदी की सुरक्षा की हमारी जिम्मेदारी सर्वोपरि होती है.'

सुरक्षा के कारण जेल नंबर सात
तिहाड़ की जेल नंबर सात में ही आर्थिक घोटालों से जुड़े मामलों के विचाराधीन कैदियों को आखिर क्यों लाकर बंद किया जाता है? जेल नंबर सात की कोई खासियत? इसका जबाब देने से जेल महानिदेशक ने इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'जेल में बहुत सी चीजें सुरक्षा से जुड़ी होती हैं. इसलिए सबकुछ मीडिया के जरिये बाहर पहुंचाना अनुचित होगा.'

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अदालत से सुनवाई के बाद बाहर आते पी चिदंबरम

600 से 700 कैदियों के बीच रहेंगे चिंदबरम
सूत्र बताते हैं कि इस वक्त तिहाड़ की जेल नंबर सात में करीब 600 से 700 के बीच कैदी बंद हैं. इनमें ज्यादातर कैदी महिलाओं से जुड़े अपराधों में बंद किए गए हैं. हालांकि जेल नंबर-7 में हमेशा आर्थिक घोटालों से जुड़े कैदियों को ही बंद किए जाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है.

पढ़ें-INX मामला: चिदंबरम को तिहाड़ लाया गया, 19 सितंबर तक की जेल

अलग रास्ते की व्यवस्था
चिदंबरम को सुरक्षित तिहाड़ जेल पहुंचाए जाने के भी सीबीआई ने विशेष इंतजाम किए. ताकि कहीं रास्ते में भीड़-भाड़ में सीबीआई का वो वाहन न फंसे, जिससे चिदंबरम को तिहाड़ लाया गया.

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तिहाड़ की सात नंबर जेल में रहेंगे चिदंबरम

मीडिया से सामने न हो इसलिए अलग गेट
तिहाड़ जेल सूत्र इस बात से भी इनकार नहीं कर रहे हैं कि चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल कैदी को जेल नंबर सात के गेट से अंदर न ले जाकर किसी और जेल गेट से अंदर ले जाया जाए. जेल प्रशासन और सीबीआई की हर संभव कोशिश होगी कि जेल में प्रवेश के वक्त चिदंबरम का सामना किसी भी तरह से मीडिया या फिर किसी अन्य से न होने पाए.

अंदर बदली जा सकती है जेल
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल भले ही पी. चिदंबरम को जेल नंबर-7 में रखे जाने की बात कर रहे हों, मगर सूत्र बताते हैं कि ऐसे हाईप्रोफाइल कैदियों के मामले में अक्सर जेल अंदर से अंदर ही बदली भी जा सकती है. यह सब बेहद गोपनीय तरीके से किया जाता है. ताकि बाहर किसी को भी कानो-कान खबर तक न लगे. इसके पीछे विचाराधीन कैदी की सुरक्षा का मुद्दा ही प्रमुख वजह होती है.

दूसरे कैदियों को करेंगे शिफ्ट
जेल नंबर-7 में उनके लिए सुरक्षा के नजरिये से जेल प्रशासन द्वारा पूरी एक सेल या बड़ी बैरक का इंतजाम करना जरूरी है, जो और कैदी वहां पहले से रह रहे होंगे उन्हें अन्य कोठरियों में स्थानांतरित किया जा सकता है. अगर यह कहा जाए कि पी. चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल विचाराधीन कैदी को पहले से जेल नंबर 7 में मौजूद कैदियों की कोठरी (सेल या बैरक) में रखने का जोखिम जेल प्रशासन किसी भी कीमत पर उठाने की गलती नहीं करेगा.

सोने के लिए मिलेगा तख्त
अमूमन जेल नंबर 7 में पहुंचे कैदियों को जमीन पर सोने का ही इंतजाम होता है. जेल की तरफ से तीन-चार कंबल दिए जाते हैं. पी. चिंदबरम की उम्र चूंकि 60 साल से ज्यादा है. लिहाजा जेल मैनुअल के हिसाब से उन्हें लकड़ी का तख्त सोने के लिए दिया जाएगा.

पढ़ें: Video: जीडीपी दर में गिरावट होने पर चिदंबरम ने पांच उंगलियां दिखा मोदी सरकार पर साधा निशाना

यहां किए जा सकते हैं शिफ्ट
तिहाड़ जेल महानिदेशालय सूत्रों के मुताबिक, असली सवाल यह है कि अगर जेल नंबर-7 चिदंबरम के नजरिये से सुरक्षित नहीं रही तो फिर उन्हें आनन-फानन में कहां और किस जेल में शिफ्ट किया जाएगा? ऐसे मामले में जेल नंबर एक व तीन सबसे सुरक्षित विकल्प माने जा सकते हैं.

नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 14 दिन की न्यायायिक हिरासत में भेजा है. वे 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में बंद रहेंगे. अदालत के आदेश की जानकारी मिलते ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. जेल महानिदेशक ने बताया कि इनके जैसे (आर्थिक घोटालों से जुड़े) विचाराधीन कैदियों को तिहाड़ स्थित जेल नंबर 7 में ही रखा जाता है.

जेल में कोई विशेष इंतजाम नहीं
पूर्व गृह और वित्त मंत्री जैसे उच्च पदों पर रहे पी. चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल विचाराधीन कैदी के लिए तो जेल में खास इंतजाम शुरू कर दिए होंगे? पूछे जाने पर तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'जेल तो जेल है. यह सिर्फ अदालत के आदेश का पालन करती है. जेल में पहुंचा कोई भी शख्स आम या खास नहीं होता है.'

चिदंबरम को तिहाड़ जेल भेजा गया

जेल मैनुअल के हिसाब से इंतजाम
उन्होंने बताया, 'हमें (तिहाड़ जेल मुख्यालय) उनके (चिदंबरम) आने पर या आने से पहले कोई विशेष इंतजामात नहीं करने हैं. सब कुछ पहले से व्यवस्थित है.' पी. चिदंबरम आर्थिक मामले की धोखाधड़ी से जुड़े केस में तिहाड़ जेल भेजे जा रहे हैं उनके रखने का कोई खास इंतजाम तो होगा ही. उनकी उम्र भी 60 साल से ज्यादा है, इसके जबाब में जेल महानिदेशक ने कहा, 'जेल मैनुअल जो कहता है वह सब किया जाएगा.'

बुक, चश्मा, टीवी, वेस्टर्न टॉयलेट और...
पूर्व वित्त मंत्री को तिहाड़ जेल में दवाएं, चश्मा, वेस्टर्न टॉयलेट, बुक और सुरक्षा के लिहाज से अलग बैरक में रखा जाएगा. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने ये सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की इजाजत दे दी है.

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तिहाड़ की सात नंबर जेल में रहेंगे चिदंबरम

जेल में सुरक्षा
इतनी बड़ी नामी-गिरामी हस्ती की जान को जेल में भी खतरा हो सकता है? पूछे जाने पर जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, 'नहीं ऐसी कोई बात फिलहाल तो नहीं है. और फिर जेल में किसी भी कैदी की सुरक्षा की हमारी जिम्मेदारी सर्वोपरि होती है.'

सुरक्षा के कारण जेल नंबर सात
तिहाड़ की जेल नंबर सात में ही आर्थिक घोटालों से जुड़े मामलों के विचाराधीन कैदियों को आखिर क्यों लाकर बंद किया जाता है? जेल नंबर सात की कोई खासियत? इसका जबाब देने से जेल महानिदेशक ने इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'जेल में बहुत सी चीजें सुरक्षा से जुड़ी होती हैं. इसलिए सबकुछ मीडिया के जरिये बाहर पहुंचाना अनुचित होगा.'

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अदालत से सुनवाई के बाद बाहर आते पी चिदंबरम

600 से 700 कैदियों के बीच रहेंगे चिंदबरम
सूत्र बताते हैं कि इस वक्त तिहाड़ की जेल नंबर सात में करीब 600 से 700 के बीच कैदी बंद हैं. इनमें ज्यादातर कैदी महिलाओं से जुड़े अपराधों में बंद किए गए हैं. हालांकि जेल नंबर-7 में हमेशा आर्थिक घोटालों से जुड़े कैदियों को ही बंद किए जाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है.

पढ़ें-INX मामला: चिदंबरम को तिहाड़ लाया गया, 19 सितंबर तक की जेल

अलग रास्ते की व्यवस्था
चिदंबरम को सुरक्षित तिहाड़ जेल पहुंचाए जाने के भी सीबीआई ने विशेष इंतजाम किए. ताकि कहीं रास्ते में भीड़-भाड़ में सीबीआई का वो वाहन न फंसे, जिससे चिदंबरम को तिहाड़ लाया गया.

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तिहाड़ की सात नंबर जेल में रहेंगे चिदंबरम

मीडिया से सामने न हो इसलिए अलग गेट
तिहाड़ जेल सूत्र इस बात से भी इनकार नहीं कर रहे हैं कि चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल कैदी को जेल नंबर सात के गेट से अंदर न ले जाकर किसी और जेल गेट से अंदर ले जाया जाए. जेल प्रशासन और सीबीआई की हर संभव कोशिश होगी कि जेल में प्रवेश के वक्त चिदंबरम का सामना किसी भी तरह से मीडिया या फिर किसी अन्य से न होने पाए.

अंदर बदली जा सकती है जेल
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल भले ही पी. चिदंबरम को जेल नंबर-7 में रखे जाने की बात कर रहे हों, मगर सूत्र बताते हैं कि ऐसे हाईप्रोफाइल कैदियों के मामले में अक्सर जेल अंदर से अंदर ही बदली भी जा सकती है. यह सब बेहद गोपनीय तरीके से किया जाता है. ताकि बाहर किसी को भी कानो-कान खबर तक न लगे. इसके पीछे विचाराधीन कैदी की सुरक्षा का मुद्दा ही प्रमुख वजह होती है.

दूसरे कैदियों को करेंगे शिफ्ट
जेल नंबर-7 में उनके लिए सुरक्षा के नजरिये से जेल प्रशासन द्वारा पूरी एक सेल या बड़ी बैरक का इंतजाम करना जरूरी है, जो और कैदी वहां पहले से रह रहे होंगे उन्हें अन्य कोठरियों में स्थानांतरित किया जा सकता है. अगर यह कहा जाए कि पी. चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल विचाराधीन कैदी को पहले से जेल नंबर 7 में मौजूद कैदियों की कोठरी (सेल या बैरक) में रखने का जोखिम जेल प्रशासन किसी भी कीमत पर उठाने की गलती नहीं करेगा.

सोने के लिए मिलेगा तख्त
अमूमन जेल नंबर 7 में पहुंचे कैदियों को जमीन पर सोने का ही इंतजाम होता है. जेल की तरफ से तीन-चार कंबल दिए जाते हैं. पी. चिंदबरम की उम्र चूंकि 60 साल से ज्यादा है. लिहाजा जेल मैनुअल के हिसाब से उन्हें लकड़ी का तख्त सोने के लिए दिया जाएगा.

पढ़ें: Video: जीडीपी दर में गिरावट होने पर चिदंबरम ने पांच उंगलियां दिखा मोदी सरकार पर साधा निशाना

यहां किए जा सकते हैं शिफ्ट
तिहाड़ जेल महानिदेशालय सूत्रों के मुताबिक, असली सवाल यह है कि अगर जेल नंबर-7 चिदंबरम के नजरिये से सुरक्षित नहीं रही तो फिर उन्हें आनन-फानन में कहां और किस जेल में शिफ्ट किया जाएगा? ऐसे मामले में जेल नंबर एक व तीन सबसे सुरक्षित विकल्प माने जा सकते हैं.

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DL-COURT-CHIDAMBARAM-5THLD INX
Chidambaram sent to Tihar jail in INX Media corruption case
By Pawan Kumar Singh and Udayan Kishor
          New Delhi, Sep 5 (PTI) Veteran Congress leader and former finance minister P Chidambaram was sent to Tihar jail Thursday by a Delhi court where he will spend 14 days in judicial custody in connection with the INX Media corruption case.
          Special Judge Ajay Kumar Kuhar sent him to judicial custody till September 19.
          "The allegations against the accused were found serious therefore he was remanded to police custody. The investigation is still in progress," the judge said.
          "CBI has apprehension that because of his status and his position, the investigation may be hampered by the accused. It's not a case where the accused can be 'released' at the stage of considering his extension of his remand as submitted by the counsel for accused.
          "Having considered all facts and circumstances of the case, the nature of offences, stage of investigation, the accused is remanded to judicial custody," he said.
          The court allowed him to carry his spectacles, prescribed medicines and providing him with western toilet facility. It also directed that he be kept in a separate cell in Tihar prison as he was a protectee under Z-security.
          Solicitor General Tushar Mehta assured that there will be adequate security for Chidambaram in the jail.
          The court also issued notice to the Enforcement Directorate on Chidambaram's plea seeking to surrender in the money laundering case lodged by the agency in which the Supreme Court Thursday dismissed his plea against the August 20 order of the Delhi High Court denying him pre-arrest bail.
          Chidambaram, 73, was produced before a Delhi court on Thursday after the expiry of his 2-day CBI custody in the case.
          His 15-day CBI custody, ordered by the special court in five spells, which started after his arrest on August 21 night, ends today.
          His counsel opposed the CBI plea for judicial custody, which will take him to Tihar jail, and said that the veteran Congress leader was ready to go into the ED custody for interrogation in the money laundering case arising out of the scam in which the apex court Thursday refused to grant him pre-arrest bail.
          Chidambaram was brought to the special court hours after he withdrew his petition challenging the non-bailable warrant issued against him following which he was sent to the CBI custody.
          He was produced before Special Judge Ajay Kumar Kuhar, who had on Tuesday sent him to the CBI custody till today after taking note of the Supreme Court's order which had said that Chidambaram would be in the CBI custody till September 5.
          The apex court Thursday also decided on his appeal against the Delhi High Court's August 20 order in the money laundering case lodged by ED and rejected his challenge to denial of anticipatory bail.
          Hours after the apex court order, another special court granted Chidambaram and his son Karti anticipatory bail in the Aircel Maxis cases.
          In the INX matter, the Solicitor General is appearing for the CBI while senior advocate Kapil Sibal is representing Chidambaram.
          The CBI had registered an FIR on May 15, 2017, alleging irregularities in the Foreign Investment Promotion Board (FIPB) clearance granted to the INX Media group for receiving overseas funds of Rs 305 crore in 2007 during Chidambaram's tenure as the finance minister.
          Thereafter, the Enforcement Directorate lodged a money laundering case in this regard in 2017.
          Chidambaram, who was Union home minister as also finance minister during the UPA rule from 2004 to 2014, was arrested by the CBI on August 21 from his Jor Bagh residence.
          During the proceedings, Mehta informed the judge about the outcome of the Supreme Court's order in the ED case and also about the withdrawal of his petitions in the CBI case.
          CBI told the court that Chidambaram can be sent to judicial custody as he was a powerful public person and should not be set free.
          Sibal opposed the CBI saying there was no allegation that Chidambaram tried to influence or hamper probe.
          He further said that Chidambaram was ready to go to the ED custody in money laundering case related to INX Media in which the apex court Thursday dismissed his plea challenging the High Court's August 20 order.
          Sibal said Chidambaram will surrender and ED will take him into custody.
          "Why should I (Chidambaram) be sent to jail (Tihar)?" he said and pressed that ED should take him to its custody.
          "There is nothing found against me. There is no charge sheet. They say I am a powerful and influential. But they have no evidence. There is no evidence of tampering with evidence. Has a witness said anything like that?" Sibal argued.
          Mehta objected to Sibal's submission saying he is arguing for bail.
          However, Sibal said, "The reasons given in the application for judicial custody are non-existent. What do you need me for in judicial custody."
          When the Solicitor General sought a clarification as to for what relief Sibal is arguing the latter said, "I (Chidambaram) am arguing for my release."
          Mehta said the apex court has accepted his arguments in the money laundering case lodged by the ED and there is a strong chance of tampering with evidence and witnesses and response is awaited on the Letters Rogatory sent to various countries.
          He alleged that Chidambaram was influencing the banks in foreign countries and he was non-cooperative in the investigation and the banks may not cooperate if he influences them.
          "This is a case of serious economic offence affecting economy of the country," he said, adding that Chidambaram is influential and has pervasive control over things and may influence witnesses. PTI UK
PKS
SA
09052005
NNNN
Last Updated : Sep 29, 2019, 2:18 PM IST
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