नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 14 दिन की न्यायायिक हिरासत में भेजा है. वे 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में बंद रहेंगे. अदालत के आदेश की जानकारी मिलते ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. जेल महानिदेशक ने बताया कि इनके जैसे (आर्थिक घोटालों से जुड़े) विचाराधीन कैदियों को तिहाड़ स्थित जेल नंबर 7 में ही रखा जाता है.
जेल में कोई विशेष इंतजाम नहीं
पूर्व गृह और वित्त मंत्री जैसे उच्च पदों पर रहे पी. चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल विचाराधीन कैदी के लिए तो जेल में खास इंतजाम शुरू कर दिए होंगे? पूछे जाने पर तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'जेल तो जेल है. यह सिर्फ अदालत के आदेश का पालन करती है. जेल में पहुंचा कोई भी शख्स आम या खास नहीं होता है.'
जेल मैनुअल के हिसाब से इंतजाम
उन्होंने बताया, 'हमें (तिहाड़ जेल मुख्यालय) उनके (चिदंबरम) आने पर या आने से पहले कोई विशेष इंतजामात नहीं करने हैं. सब कुछ पहले से व्यवस्थित है.' पी. चिदंबरम आर्थिक मामले की धोखाधड़ी से जुड़े केस में तिहाड़ जेल भेजे जा रहे हैं उनके रखने का कोई खास इंतजाम तो होगा ही. उनकी उम्र भी 60 साल से ज्यादा है, इसके जबाब में जेल महानिदेशक ने कहा, 'जेल मैनुअल जो कहता है वह सब किया जाएगा.'
बुक, चश्मा, टीवी, वेस्टर्न टॉयलेट और...
पूर्व वित्त मंत्री को तिहाड़ जेल में दवाएं, चश्मा, वेस्टर्न टॉयलेट, बुक और सुरक्षा के लिहाज से अलग बैरक में रखा जाएगा. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने ये सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की इजाजत दे दी है.
जेल में सुरक्षा
इतनी बड़ी नामी-गिरामी हस्ती की जान को जेल में भी खतरा हो सकता है? पूछे जाने पर जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, 'नहीं ऐसी कोई बात फिलहाल तो नहीं है. और फिर जेल में किसी भी कैदी की सुरक्षा की हमारी जिम्मेदारी सर्वोपरि होती है.'
सुरक्षा के कारण जेल नंबर सात
तिहाड़ की जेल नंबर सात में ही आर्थिक घोटालों से जुड़े मामलों के विचाराधीन कैदियों को आखिर क्यों लाकर बंद किया जाता है? जेल नंबर सात की कोई खासियत? इसका जबाब देने से जेल महानिदेशक ने इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'जेल में बहुत सी चीजें सुरक्षा से जुड़ी होती हैं. इसलिए सबकुछ मीडिया के जरिये बाहर पहुंचाना अनुचित होगा.'
600 से 700 कैदियों के बीच रहेंगे चिंदबरम
सूत्र बताते हैं कि इस वक्त तिहाड़ की जेल नंबर सात में करीब 600 से 700 के बीच कैदी बंद हैं. इनमें ज्यादातर कैदी महिलाओं से जुड़े अपराधों में बंद किए गए हैं. हालांकि जेल नंबर-7 में हमेशा आर्थिक घोटालों से जुड़े कैदियों को ही बंद किए जाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है.
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अलग रास्ते की व्यवस्था
चिदंबरम को सुरक्षित तिहाड़ जेल पहुंचाए जाने के भी सीबीआई ने विशेष इंतजाम किए. ताकि कहीं रास्ते में भीड़-भाड़ में सीबीआई का वो वाहन न फंसे, जिससे चिदंबरम को तिहाड़ लाया गया.
मीडिया से सामने न हो इसलिए अलग गेट
तिहाड़ जेल सूत्र इस बात से भी इनकार नहीं कर रहे हैं कि चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल कैदी को जेल नंबर सात के गेट से अंदर न ले जाकर किसी और जेल गेट से अंदर ले जाया जाए. जेल प्रशासन और सीबीआई की हर संभव कोशिश होगी कि जेल में प्रवेश के वक्त चिदंबरम का सामना किसी भी तरह से मीडिया या फिर किसी अन्य से न होने पाए.
अंदर बदली जा सकती है जेल
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल भले ही पी. चिदंबरम को जेल नंबर-7 में रखे जाने की बात कर रहे हों, मगर सूत्र बताते हैं कि ऐसे हाईप्रोफाइल कैदियों के मामले में अक्सर जेल अंदर से अंदर ही बदली भी जा सकती है. यह सब बेहद गोपनीय तरीके से किया जाता है. ताकि बाहर किसी को भी कानो-कान खबर तक न लगे. इसके पीछे विचाराधीन कैदी की सुरक्षा का मुद्दा ही प्रमुख वजह होती है.
दूसरे कैदियों को करेंगे शिफ्ट
जेल नंबर-7 में उनके लिए सुरक्षा के नजरिये से जेल प्रशासन द्वारा पूरी एक सेल या बड़ी बैरक का इंतजाम करना जरूरी है, जो और कैदी वहां पहले से रह रहे होंगे उन्हें अन्य कोठरियों में स्थानांतरित किया जा सकता है. अगर यह कहा जाए कि पी. चिदंबरम जैसे हाईप्रोफाइल विचाराधीन कैदी को पहले से जेल नंबर 7 में मौजूद कैदियों की कोठरी (सेल या बैरक) में रखने का जोखिम जेल प्रशासन किसी भी कीमत पर उठाने की गलती नहीं करेगा.
सोने के लिए मिलेगा तख्त
अमूमन जेल नंबर 7 में पहुंचे कैदियों को जमीन पर सोने का ही इंतजाम होता है. जेल की तरफ से तीन-चार कंबल दिए जाते हैं. पी. चिंदबरम की उम्र चूंकि 60 साल से ज्यादा है. लिहाजा जेल मैनुअल के हिसाब से उन्हें लकड़ी का तख्त सोने के लिए दिया जाएगा.
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यहां किए जा सकते हैं शिफ्ट
तिहाड़ जेल महानिदेशालय सूत्रों के मुताबिक, असली सवाल यह है कि अगर जेल नंबर-7 चिदंबरम के नजरिये से सुरक्षित नहीं रही तो फिर उन्हें आनन-फानन में कहां और किस जेल में शिफ्ट किया जाएगा? ऐसे मामले में जेल नंबर एक व तीन सबसे सुरक्षित विकल्प माने जा सकते हैं.