नई दिल्ली : भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने आज नई दिल्ली के मंडी हाउस से लेकर जंतर-मंतर तक आरक्षण बचाओ मार्च किया. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले पर केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को नहीं पलटा तो वह 23 फरवरी को भारत बंद बुलाएंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते का सरकार को समय दिया था, उस पर भी अभी तक कोई फैसला नहीं आया है. आजाद ने कहा कि सरकार जो चाहती है वही होता है और अब हम देश में ऐसा नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को इस फैसले के खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है और यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो ओबीसी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को देख लेना चाहिए कि कौन उनके हित के लिए काम कर रहा है.
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जब ईटीवी भारत ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से जामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों पर दिल्ली पुलिस द्वारा लाठी बरसाती हुई वीडियो पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस वही कर रही है, जो केंद्र सरकार चाहती है.
उन्होंने कहा कि हम इस का पूर्ण रूप से बहिष्कार करते हैं और यही अपील करते हैं कि कम से कम दिल्ली पुलिस ऐसा उत्पीड़न करना बंद करे.
बता दें कि आज हुए प्रदर्शन में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के साथ गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान की पत्नी शाबिस्ता खान भी मौजूद थीं.
डॉ कफील खान पर आरोप है कि उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर अलीगढ़ विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद उन पर मुकदमा दर्ज किया गया और फिर बाद में उनपर उत्तर प्रदेश पुलिस नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) लगा दिया गया.