शिरडी : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के बीच महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने वामपंथियों, शहरी और ग्रामीण नक्सलियों पर देश को अस्थिर करने और विभिन्न मुद्दों पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने रविवार को यहां मीडिया से कहा कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों में नक्सलियों को कुचल दिया है. लेकिन अब ‘खामोश नक्सलवाद’ शुरू हुआ है और लोगों को गुमराह करना इनका काम है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, राकांपा और मुसलमान समुदाय को यह समझना होगा कि वामपंथी देश की शांति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और अपना एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं.
सीएए विरोधी प्रदर्शनों के पीछे की ताकतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'देश के मुसलमान, कांग्रेस और राकांपा यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वामपंथी, माओवादी, शहरी नक्सली और ग्रामीण नक्सली देश को अस्थिर करना चाहते हैं. शहरी नक्सली विभिन्न मुद्दों पर लोगों को गुमराह करना चाहते हैं.'
उन्होंने कहा, 'मैं अपने प्रतिद्वंद्वियों- कांग्रेस और राकांपा से अपील करता हूं कि चुनाव और सरकार चलाना अलग-अलग चीजें हैं. कभी आप जीतते हो, कभी हम. लेकिन उन्हें उन घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए, जो देश को अस्थिर कर रही हैं.'
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पाटिल ने कहा कि मुसलमान समुदाय के लोगों को चर्चा करके बताना चाहिए कि उनकी समस्याएं (सीएए के संबंध में) क्या हैं.
उन्होंने कहा, 'आपके दिमाग में यह भरा जा रहा है कि आपको कोई समस्या है. कहीं यह भी कहा जा रहा है कि (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी दिल्ली में जेल बनाने जा रहे हैं और देशभर के मुसलमानों को वहां रखा जाएगा. क्या यह संभव है? तो यह कैसे मुसलमानों के दिमाग में आता है.'
पाटिल ने कहा, 'ऐसे मुस्लिम खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं ... लंबे समय से स्थापित भाईचारे को बिगाड़ रहे हैं. इससे जीवन कठिन हो जाएगा. उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि उन्हें फंसाया जा रहा है.'
यह पूछे जाने पर कि भाजपा नेता नारायण राणे और उनके बेटे द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना नेता संजय राउत के खिलाफ कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल करना क्या पार्टी की संस्कृति के अनुकूल है, तो इसपर पाटिल ने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कुछ नहीं आया है.