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कोरोना वैक्सीन वितरण में नहीं हो पाएगी हेरफेर, पीएम मोदी की ये टीम रख रही है नजर - distribution of Covid19 vaccines among states

देशभर में 16 जनवरी से कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाईं जाएंगी. इसके लिए सरकार ने कमर कस ली है. देश के कई राज्यों को वैक्सीन की पहली खेप मिल चुकी है. वहीं कई राज्यों को वैक्सीन की खेप पहुंचाई जा रही है. इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना वैक्सीन का उचित हिस्सा मिले. इसके लिए सरकार ने एक निगरानी टीम बनाई है, जो टीकों के वितरण की निगरानी कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

कोरोना वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन
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Published : Jan 13, 2021, 6:16 PM IST

नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस की वैक्सीन का टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हो रहा है. इस अभियान में दो दिन बचे हैं. ताजा घटनाक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय यह सुनिश्चित करने की कोशिश में लगा हुआ है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना वैक्सीन का उचित हिस्सा मिले.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने इस सबंध में ईटीवी भारत को बताया कि केंद्रीय निगरानी टीम टीकों के वितरण की निगरानी कर रही है.

जानकारी के अनुसार, दिल्ली, असम, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा जैसे राज्यों को कोरोना की टीकों की पहली खेप मिल चुकी है.

कोविशिल्ड वैक्सीन की लगभग 2.64 लाख खुराक वाली एक खेप मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के आईजीआई हवाईअड्डे पर उतरी थी, जिसे दिल्ली के एकमात्र वैक्सीन भंडारण सुविधा प्रतिष्ठान राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) तक पहुंचा दिया गया. यह कोविशिल्ड वैक्सीन की पहली खेप थी, जो मंगलवार सुबह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) पर पहुंची.

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय भंडारण केंद्र तक कोविड-19 टीके की 54.72 लाख खुराक पहुंचा दी गई है.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोविशील्ड की 1.1 करोड़ खुराक के अलावा भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 55 लाख खुराक खरीदी जा रही है. ये सभी वैक्सीन गुरुवार तक मिल जाएंगी.

भारत बायोटेक की पहली खेप एयर इंडिया की एक विमान से बुधवार को दिल्ली पहुंची.

स्वास्थ्यकर्मी प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर होंगे. इसके बाद अग्रिम कर्मियों और प्राथमिकता वाले उम्र समूहों का टीकाकरण होगा. स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम कर्मियों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी.

अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु और गुजरात को कोविशील्ड की 7,08,000 और 2,76,000 खुराक पहले ही मिल चुकी है.

अधिकारियों ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों को एक साथ वितरित किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- ऑनलाइन बेची जा रही नकली वैक्सीन, स्विस नियामक ने दी चेतावनी

चेन्नई, गुवाहाटी, अहमदाबाद, हैदराबाद, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, विजयवाड़ा, पटना, लखनऊ, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे शहरों में पहले ही कोरोना वैक्सीन की खेप पहुंच गई है.

अधिकारियों ने बताया कि भुवनेश्वर को 4,80,000 खुराक, कोलकाता को 9,96,000 खुराक, गुवाहाटी को 2,76,000 खुराक, बेंगलुरु को 6,48,000 खुराक और पटना को 5,52, 000 खुराक मिली चुकी है.

भारत में दो मेड इन इंडिया वैक्सीन बन चुकी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, जिसके बाद देश में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण अभियान चलना है. सभी राज्य इस बड़े टीकाकरण अभियान की तैयारियों में जुटे हैं.

गौरतलब है कि स्वंयसेवकों को कोरोना टीकों की दो खुराकें लगाईं जाएंगी, ये डोज 28 दिनों के अंतराल पर लगाए जाएंगे. पहले चरण में तीन करोड़ तीन लोगों को मुफ्त में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जाएगी.

बता दें कि स्वास्थ्य मामलों की एक संसदीय समिति ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय को सुझाव दिया है कि वह कोरोना वैक्सीन को आम जनता के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराए, ताकि इसका लाभ कमजोर वर्गों को भी मिल सके.

नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस की वैक्सीन का टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हो रहा है. इस अभियान में दो दिन बचे हैं. ताजा घटनाक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय यह सुनिश्चित करने की कोशिश में लगा हुआ है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना वैक्सीन का उचित हिस्सा मिले.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने इस सबंध में ईटीवी भारत को बताया कि केंद्रीय निगरानी टीम टीकों के वितरण की निगरानी कर रही है.

जानकारी के अनुसार, दिल्ली, असम, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा जैसे राज्यों को कोरोना की टीकों की पहली खेप मिल चुकी है.

कोविशिल्ड वैक्सीन की लगभग 2.64 लाख खुराक वाली एक खेप मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के आईजीआई हवाईअड्डे पर उतरी थी, जिसे दिल्ली के एकमात्र वैक्सीन भंडारण सुविधा प्रतिष्ठान राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) तक पहुंचा दिया गया. यह कोविशिल्ड वैक्सीन की पहली खेप थी, जो मंगलवार सुबह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) पर पहुंची.

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय भंडारण केंद्र तक कोविड-19 टीके की 54.72 लाख खुराक पहुंचा दी गई है.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोविशील्ड की 1.1 करोड़ खुराक के अलावा भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 55 लाख खुराक खरीदी जा रही है. ये सभी वैक्सीन गुरुवार तक मिल जाएंगी.

भारत बायोटेक की पहली खेप एयर इंडिया की एक विमान से बुधवार को दिल्ली पहुंची.

स्वास्थ्यकर्मी प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर होंगे. इसके बाद अग्रिम कर्मियों और प्राथमिकता वाले उम्र समूहों का टीकाकरण होगा. स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम कर्मियों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी.

अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु और गुजरात को कोविशील्ड की 7,08,000 और 2,76,000 खुराक पहले ही मिल चुकी है.

अधिकारियों ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों को एक साथ वितरित किया जा रहा है.

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चेन्नई, गुवाहाटी, अहमदाबाद, हैदराबाद, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, विजयवाड़ा, पटना, लखनऊ, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे शहरों में पहले ही कोरोना वैक्सीन की खेप पहुंच गई है.

अधिकारियों ने बताया कि भुवनेश्वर को 4,80,000 खुराक, कोलकाता को 9,96,000 खुराक, गुवाहाटी को 2,76,000 खुराक, बेंगलुरु को 6,48,000 खुराक और पटना को 5,52, 000 खुराक मिली चुकी है.

भारत में दो मेड इन इंडिया वैक्सीन बन चुकी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, जिसके बाद देश में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण अभियान चलना है. सभी राज्य इस बड़े टीकाकरण अभियान की तैयारियों में जुटे हैं.

गौरतलब है कि स्वंयसेवकों को कोरोना टीकों की दो खुराकें लगाईं जाएंगी, ये डोज 28 दिनों के अंतराल पर लगाए जाएंगे. पहले चरण में तीन करोड़ तीन लोगों को मुफ्त में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जाएगी.

बता दें कि स्वास्थ्य मामलों की एक संसदीय समिति ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय को सुझाव दिया है कि वह कोरोना वैक्सीन को आम जनता के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराए, ताकि इसका लाभ कमजोर वर्गों को भी मिल सके.

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