नई दिल्ली: असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि केंद्र जानबूझकर राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम प्रकाशन में देरी कर रहा है.
राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के साथ साथ असम सरकार भी जानबूझकर NRC के प्रकाशन में देरी करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक साल पहले अंतिम NRC प्रकाशन के लिए 31 जुलाई की समयसीमा दी थी, पिछले एक साल में सरकार क्या कर रही थी.
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उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी के नाम पर वास्तविक भारतीयों को परेशान किया जा रहा है.
गृह मंत्री अमित शाह के उद्घोषणा का उल्लेख करते हुए, बोरा ने कहा कि भारत भर से अवैध प्रवासियों की पहचान करने की समान प्रक्रिया के बारे में सरकार ने अभी तक अपने इरादे स्पष्ट नहीं किए हैं.
विगत 10 जून को, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया था कि असम में वर्तमान में नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों और निहित प्रावधानों के अनुसार ही NRC लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि ये प्रावधान नागरिकता अधिनियम, 2003 के नियम 4 ए (4) की अनुसूची तहत बनाए गए हैं.