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NRC के बहाने वास्तविक भारतीयों को परेशान कर रही है सरकार: रिपुन बोरा - NRC को लेकर बोले बोरा

NRC लिस्ट के प्रकाशन में लगातार हो रही देरी को लेकर कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार जानबूझकर वास्तविक भारतीयों को परेशान कर रही है.

ईटीवी भारत से बात करते रिपुन बोरा
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Published : Jul 18, 2019, 5:18 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 6:45 PM IST

नई दिल्ली: असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि केंद्र जानबूझकर राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम प्रकाशन में देरी कर रहा है.

राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के साथ साथ असम सरकार भी जानबूझकर NRC के प्रकाशन में देरी करने की कोशिश कर रही है.

ईटीवी भारत से बात करते रिपुन बोरा

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक साल पहले अंतिम NRC प्रकाशन के लिए 31 जुलाई की समयसीमा दी थी, पिछले एक साल में सरकार क्या कर रही थी.

पढ़ें- बदरुद्दीन अजमल ने NRC की प्रक्रिया पर उठाया सवाल- बोले, 31 जुलाई तक करेंगे इंतजार

उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी के नाम पर वास्तविक भारतीयों को परेशान किया जा रहा है.

गृह मंत्री अमित शाह के उद्घोषणा का उल्लेख करते हुए, बोरा ने कहा कि भारत भर से अवैध प्रवासियों की पहचान करने की समान प्रक्रिया के बारे में सरकार ने अभी तक अपने इरादे स्पष्ट नहीं किए हैं.

विगत 10 जून को, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया था कि असम में वर्तमान में नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों और निहित प्रावधानों के अनुसार ही NRC लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि ये प्रावधान नागरिकता अधिनियम, 2003 के नियम 4 ए (4) की अनुसूची तहत बनाए गए हैं.

नई दिल्ली: असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि केंद्र जानबूझकर राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम प्रकाशन में देरी कर रहा है.

राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के साथ साथ असम सरकार भी जानबूझकर NRC के प्रकाशन में देरी करने की कोशिश कर रही है.

ईटीवी भारत से बात करते रिपुन बोरा

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक साल पहले अंतिम NRC प्रकाशन के लिए 31 जुलाई की समयसीमा दी थी, पिछले एक साल में सरकार क्या कर रही थी.

पढ़ें- बदरुद्दीन अजमल ने NRC की प्रक्रिया पर उठाया सवाल- बोले, 31 जुलाई तक करेंगे इंतजार

उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी के नाम पर वास्तविक भारतीयों को परेशान किया जा रहा है.

गृह मंत्री अमित शाह के उद्घोषणा का उल्लेख करते हुए, बोरा ने कहा कि भारत भर से अवैध प्रवासियों की पहचान करने की समान प्रक्रिया के बारे में सरकार ने अभी तक अपने इरादे स्पष्ट नहीं किए हैं.

विगत 10 जून को, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया था कि असम में वर्तमान में नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों और निहित प्रावधानों के अनुसार ही NRC लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि ये प्रावधान नागरिकता अधिनियम, 2003 के नियम 4 ए (4) की अनुसूची तहत बनाए गए हैं.

Intro:New Delhi: Assam Pradesh Congress Committee (APCC) president Ripun Bora on Thursday accused that Centre is deliberately trying to delay the final publication of National Register of Citizen (NRC) in the state.


Body:"Government of India as well as the Assam government are deliberately trying to delay the publication of NRC. The Supreme Court had given the July 31 deadline for final NRC publication a year back, what was the government doing in last one year," said Bora who is also the Rajya Sabha member to ETV Bharat.

Bora was referring to a fresh petition filled by the Centre and State Governmnet in the Supreme Court seeking time for varification of 20 percent names published in the draft NRC, published earlier.

He also accused that in the name of NRC, genuine Indians are being harressed.

Referring to the anniuncemt of Home Minister Amit Shah regarding similar process of identifying the illegal immigrants from across India, Bora said "the Government (Centre) is not at all clear about its intention."

"In a reply on NRC issue earlier in the Parliament, Junior Home Minister said that no such NRC is in the offing for other states...and the Home Minister is talking different!" said Bora.


Conclusion:In fact, on June 10, Minister of State for Home Nityanand Rai has told in the Rajya Sabha that NRC is being implemented at present in the state of Assam only as per the provisions of the Citizenship Act, 1955 and the provisions contained in the Schedule framed under Rule 4A (4) of Citizenship Rules, 2003.

end
Last Updated : Jul 18, 2019, 6:45 PM IST
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