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मोदी सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट को दिया पहला चंदा

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Published : Feb 6, 2020, 8:27 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 9:05 AM IST

केंद्र ने अयोध्या में 'विशाल और भव्य' राम मंदिर के निर्माण के लिए बुधवार को 15 सदस्यीय एक स्वतंत्र ट्रस्ट का गठन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चतम न्यायालय की तीन महीने की समयसीमा खत्म होने से चार दिन पहले आज लोकसभा में संबंधित घोषणा की. इसके बाद ट्रस्ट को केंद्र की ओर से एक रुपये का नकद दान भी मिला जो ट्रस्ट को मिला पहला दान है.

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कॉन्सेप्ट इमेज.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के कुछ देर बाद मोदी ने राम मंदिर निर्माण की 'वृहद योजना' और इसके लिए 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नामक ट्रस्ट के गठन की लोकसभा में सूचना दी.

बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही सदन की बैठक शुरू हुई, प्रधानमंत्री ने सदस्यों से कहा कि वह 'देश के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक विषय' पर सूचना साझा करना चाहते हैं.

इस तरह के अवसर बेहद दुर्लभ होते हैं जब प्रधानमंत्री की ओर से सदन में इस तरह की कोई घोषणा की जाती है.

मोदी ने कहा, 'देश के करोड़ों लोगों की तरह यह विषय मेरे हृदय के करीब है और इस बारे में बात करना मैं अपने लिए एक बड़ा सौभाग्य मानता हूं.'

चूंकि संसद का सत्र चल रहा है, सरकार ने मंत्रिमंडल द्वारा किए गए महत्वपूर्ण निर्णय पर सदन को सूचित करने का फैसला किया.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि मंत्रिमंडल के निर्णय का शनिवार को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव से कोई संबंध है.

मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल का निर्णय राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गत नौ नवंबर को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के अनुरूप है.

शीर्ष अदालत ने लंबे समय से लंबित इस धार्मिक मुद्दे का समाधान करते हुए अयोध्या में संबंधित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और केंद्र को इसके वास्ते ट्रस्ट निर्माण के लिए तीन महीने का समय दिया था.

उच्चतम न्यायालय की तीन महीने की समयसीमा चार दिन बाद खत्म होने वाली थी.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आधार पर मेरी सरकार ने अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थल पर विशाल और भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए एक वृहद योजना को आज स्वीकृति दे दी है तथा इसका निर्माण कार्य देखने के लिए 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नाम से एक ट्रस्ट गठित किया है.'

उन्होंने कहा, 'इस ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर स्वतंत्र रूप से निर्णय करने के अधिकार होंगे.'

ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय दिल्ली में होगा.

केंद्र ने ट्रस्ट में शामिल ट्रस्टियों के नामों की घोषणा भी कर दी है जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण, जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद), जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से), युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे) और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या) शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- पीएम ने की राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा, ओवैसी बोले- डर गई भाजपा

इसके अतिरिक्त कुछ और न्यासी भी होंगे जिनके नाम हैं: अयोध्या से होम्योपैथिक चिकित्सक अनिल मिश्रा, अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में पटना से के. चौपाल और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक से महंत दिनेंद्र दास.

दो प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे.

एक हिंदू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो आईएएस सेवा में कार्यरत होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा. उक्त प्रतिनिधि पदेन होगा.

एक हिंदू प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश सरकार मनोनीत करेगी. प्रतिनिधि ऐसा आईएएस अधिकारी होगा जो उत्तर प्रदेश सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का न हो. अयोध्या के जिला कलेक्टर इसके पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिंदू होंगे.

यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिंदू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर, जो हिंदू हो उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा.

राम मंदिर परिसर के विकास एवं प्रशासन से संबंधित समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति न्यासी प्रतिनिधिमंडल करेगा. अध्यक्ष एक हिंदू होगा जो पदेन सदस्य भी होगा.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार से सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आग्रह किया है और उसने इस आग्रह को मान लिया है.

शीर्ष अदालत ने अयोध्या मामले का निपटारा करते हुए केंद्र को निर्देश दिया था कि हिन्दुओं के पवित्र शहर में नयी मस्जिद के निर्माण के लिए 'प्रमुख' जगह पर पांच एकड़ का एक वैकल्पिक प्लॉट दिया जाए.

मोदी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण और भविष्य में रामलला के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भावना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिगृहीत लगभग पूरी 67.70 एकड़ भूमि नए ट्रस्ट 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' को हस्तांतरित करने का निर्णय किया है.

उन्होंने कहा, 'भारतीय मूल्यों, भावना, आदर्शों और संस्कृति में भगवान राम और अयोध्या से जुड़े ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को हम सभी समझते हैं.'

मोदी ने सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से 'जय श्रीराम' के नारों के बीच कहा, 'आइए, इस ऐतिहासिक क्षण में हम सभी सदस्य मिलकर अयोध्या में श्रीराम धाम के जीर्णोद्धार के लिए, भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए, एक स्वर में अपना समर्थन दें.'

राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा पर केजरीवाल ने पीएम मोदी को कही ऐसी बात

उधर, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर अयोध्या की सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में लखनऊ राजमार्ग के पास जमीन देने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटन पत्र दिया है.

वक्फ बोर्ड को जमीन देने का निर्णय आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया.

मुख्यमंत्री ने हिन्दी में ट्वीट किया, 'अयोध्या में विशाल राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन पर मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद व्यक्त करता हूं. यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण के संबंध में सभी निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र और सक्षम होगा. जय श्रीराम.'

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'इस तरह के अभूतपूर्व निर्णय के लिए' प्रधानमंत्री को बधाई दी.

गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ' मुझे पूर्ण विश्वास है कि करोड़ों लोगों का सदियों से जारी इंतजार शीघ्र ही समाप्त होगा और वे प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर उनके भव्य मंदिर में उनके दर्शन कर पाएँगे.'

उन्होंने कहा, 'आज का यह दिन समग्र भारत के लिए अत्यंत हर्ष और गौरव का दिन है.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान में हर पंथ के लोग एक वृहद परिवार के सदस्य हैं. इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वो सुखी, स्वस्थ रहें, समृद्ध रहें, देश का विकास हो, इसी भावना के साथ उनकी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के सिद्धांत पर चल रही है.

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर देखना हर भारतीय का 'सपना' था जो ट्रस्ट के गठन की प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद साकार होने जा रहा है.

नड्डा ने कहा कि मुद्दे पर समाज में दिखी सौहार्द और भाईचारे की भावना से पता चलता है कि भारत का सामाजिक ताना-बाना कितना मजबूत है.

उन्होंने कहा, 'आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन की घोषणा कर प्रधानमंत्री ने सभी भारतीयों का सम्मान किया है. विशाल राम मंदिर के निर्माण का सदियों से चला आ रहा हर भारतीय का सपना अब पूरा होने जा रहा है.'

ये भी पढ़ें- राम मंदिर राजनीतिक नहीं बल्कि आस्था से जुड़ा मुद्दा : भाजपा

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में एक सवाल के जवाब में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर निर्णय का दिल्ली विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि पूरे देश में चुनाव नहीं हो रहा है, इसलिए भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शीर्ष अदालत के निर्णय को क्रियान्वित करने के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी.

विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष सदाशिव कोकजे ने उम्मीद जताई कि राम मंदिर का निर्माण पूर्व में हिन्दू इकाई द्वारा प्रस्तावित मॉडल के आधार पर होगा.

उधर, आज ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' को पहला दान भी मिल गया. केंद्र सरकार ने बुधवार को ट्रस्ट को एक रुपये का दान नकद में दिया ताकि ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ कर सके.

केंद्र सरकार की ओर से यह दान ट्रस्ट को गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुर्मू ने दिया.

अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति समेत बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के कुछ देर बाद मोदी ने राम मंदिर निर्माण की 'वृहद योजना' और इसके लिए 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नामक ट्रस्ट के गठन की लोकसभा में सूचना दी.

बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही सदन की बैठक शुरू हुई, प्रधानमंत्री ने सदस्यों से कहा कि वह 'देश के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक विषय' पर सूचना साझा करना चाहते हैं.

इस तरह के अवसर बेहद दुर्लभ होते हैं जब प्रधानमंत्री की ओर से सदन में इस तरह की कोई घोषणा की जाती है.

मोदी ने कहा, 'देश के करोड़ों लोगों की तरह यह विषय मेरे हृदय के करीब है और इस बारे में बात करना मैं अपने लिए एक बड़ा सौभाग्य मानता हूं.'

चूंकि संसद का सत्र चल रहा है, सरकार ने मंत्रिमंडल द्वारा किए गए महत्वपूर्ण निर्णय पर सदन को सूचित करने का फैसला किया.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि मंत्रिमंडल के निर्णय का शनिवार को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव से कोई संबंध है.

मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल का निर्णय राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गत नौ नवंबर को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के अनुरूप है.

शीर्ष अदालत ने लंबे समय से लंबित इस धार्मिक मुद्दे का समाधान करते हुए अयोध्या में संबंधित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और केंद्र को इसके वास्ते ट्रस्ट निर्माण के लिए तीन महीने का समय दिया था.

उच्चतम न्यायालय की तीन महीने की समयसीमा चार दिन बाद खत्म होने वाली थी.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आधार पर मेरी सरकार ने अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थल पर विशाल और भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए एक वृहद योजना को आज स्वीकृति दे दी है तथा इसका निर्माण कार्य देखने के लिए 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नाम से एक ट्रस्ट गठित किया है.'

उन्होंने कहा, 'इस ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर स्वतंत्र रूप से निर्णय करने के अधिकार होंगे.'

ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय दिल्ली में होगा.

केंद्र ने ट्रस्ट में शामिल ट्रस्टियों के नामों की घोषणा भी कर दी है जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण, जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद), जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से), युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे) और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या) शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- पीएम ने की राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा, ओवैसी बोले- डर गई भाजपा

इसके अतिरिक्त कुछ और न्यासी भी होंगे जिनके नाम हैं: अयोध्या से होम्योपैथिक चिकित्सक अनिल मिश्रा, अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में पटना से के. चौपाल और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक से महंत दिनेंद्र दास.

दो प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे.

एक हिंदू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो आईएएस सेवा में कार्यरत होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा. उक्त प्रतिनिधि पदेन होगा.

एक हिंदू प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश सरकार मनोनीत करेगी. प्रतिनिधि ऐसा आईएएस अधिकारी होगा जो उत्तर प्रदेश सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का न हो. अयोध्या के जिला कलेक्टर इसके पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिंदू होंगे.

यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिंदू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर, जो हिंदू हो उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा.

राम मंदिर परिसर के विकास एवं प्रशासन से संबंधित समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति न्यासी प्रतिनिधिमंडल करेगा. अध्यक्ष एक हिंदू होगा जो पदेन सदस्य भी होगा.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार से सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आग्रह किया है और उसने इस आग्रह को मान लिया है.

शीर्ष अदालत ने अयोध्या मामले का निपटारा करते हुए केंद्र को निर्देश दिया था कि हिन्दुओं के पवित्र शहर में नयी मस्जिद के निर्माण के लिए 'प्रमुख' जगह पर पांच एकड़ का एक वैकल्पिक प्लॉट दिया जाए.

मोदी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण और भविष्य में रामलला के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भावना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिगृहीत लगभग पूरी 67.70 एकड़ भूमि नए ट्रस्ट 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' को हस्तांतरित करने का निर्णय किया है.

उन्होंने कहा, 'भारतीय मूल्यों, भावना, आदर्शों और संस्कृति में भगवान राम और अयोध्या से जुड़े ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को हम सभी समझते हैं.'

मोदी ने सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से 'जय श्रीराम' के नारों के बीच कहा, 'आइए, इस ऐतिहासिक क्षण में हम सभी सदस्य मिलकर अयोध्या में श्रीराम धाम के जीर्णोद्धार के लिए, भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए, एक स्वर में अपना समर्थन दें.'

राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा पर केजरीवाल ने पीएम मोदी को कही ऐसी बात

उधर, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर अयोध्या की सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में लखनऊ राजमार्ग के पास जमीन देने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटन पत्र दिया है.

वक्फ बोर्ड को जमीन देने का निर्णय आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया.

मुख्यमंत्री ने हिन्दी में ट्वीट किया, 'अयोध्या में विशाल राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन पर मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद व्यक्त करता हूं. यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण के संबंध में सभी निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र और सक्षम होगा. जय श्रीराम.'

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'इस तरह के अभूतपूर्व निर्णय के लिए' प्रधानमंत्री को बधाई दी.

गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ' मुझे पूर्ण विश्वास है कि करोड़ों लोगों का सदियों से जारी इंतजार शीघ्र ही समाप्त होगा और वे प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर उनके भव्य मंदिर में उनके दर्शन कर पाएँगे.'

उन्होंने कहा, 'आज का यह दिन समग्र भारत के लिए अत्यंत हर्ष और गौरव का दिन है.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान में हर पंथ के लोग एक वृहद परिवार के सदस्य हैं. इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वो सुखी, स्वस्थ रहें, समृद्ध रहें, देश का विकास हो, इसी भावना के साथ उनकी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के सिद्धांत पर चल रही है.

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर देखना हर भारतीय का 'सपना' था जो ट्रस्ट के गठन की प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद साकार होने जा रहा है.

नड्डा ने कहा कि मुद्दे पर समाज में दिखी सौहार्द और भाईचारे की भावना से पता चलता है कि भारत का सामाजिक ताना-बाना कितना मजबूत है.

उन्होंने कहा, 'आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन की घोषणा कर प्रधानमंत्री ने सभी भारतीयों का सम्मान किया है. विशाल राम मंदिर के निर्माण का सदियों से चला आ रहा हर भारतीय का सपना अब पूरा होने जा रहा है.'

ये भी पढ़ें- राम मंदिर राजनीतिक नहीं बल्कि आस्था से जुड़ा मुद्दा : भाजपा

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में एक सवाल के जवाब में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर निर्णय का दिल्ली विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि पूरे देश में चुनाव नहीं हो रहा है, इसलिए भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शीर्ष अदालत के निर्णय को क्रियान्वित करने के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी.

विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष सदाशिव कोकजे ने उम्मीद जताई कि राम मंदिर का निर्माण पूर्व में हिन्दू इकाई द्वारा प्रस्तावित मॉडल के आधार पर होगा.

उधर, आज ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' को पहला दान भी मिल गया. केंद्र सरकार ने बुधवार को ट्रस्ट को एक रुपये का दान नकद में दिया ताकि ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ कर सके.

केंद्र सरकार की ओर से यह दान ट्रस्ट को गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुर्मू ने दिया.

अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति समेत बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है.

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राम मंदिर ट्रस्ट, केंद्र ने दिया एक रुपये का दान



नयी दिल्ली, (भाषा) केंद्र ने अयोध्या में 'विशाल और भव्य' राम मंदिर के निर्माण के लिए बुधवार को 15 सदस्यीय एक स्वतंत्र ट्रस्ट का गठन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चतम न्यायालय की तीन महीने की समयसीमा खत्म होने से चार दिन पहले आज लोकसभा में संबंधित घोषणा की. इसके बाद ट्रस्ट को केंद्र की ओर से एक रुपये का नकद दान भी मिला जो ट्रस्ट को मिला पहला दान है. आज बाद में, ट्रस्ट में शामिल सदस्यों के नामों की भी घोषणा कर दी गई.



प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के कुछ देर बाद मोदी ने राम मंदिर निर्माण की 'वृहद योजना' और इसके लिए 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नामक ट्रस्ट के गठन की लोकसभा में सूचना दी.



पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही सदन की बैठक शुरू हुई, प्रधानमंत्री ने सदस्यों से कहा कि वह 'देश के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक विषय' पर सूचना साझा करना चाहते हैं.



इस तरह के अवसर बेहद दुर्लभ होते हैं जब प्रधानमंत्री की ओर से सदन में इस तरह की कोई घोषणा की जाती है.

मोदी ने कहा, 'देश के करोड़ों लोगों की तरह यह विषय मेरे हृदय के करीब है और इस बारे में बात करना मैं अपने लिए एक बड़ा सौभाग्य मानता हूं.'



चूंकि संसद का सत्र चल रहा है, सरकार ने मंत्रिमंडल द्वारा किए गए महत्वपूर्ण निर्णय पर सदन को सूचित करने का फैसला किया.



केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि मंत्रिमंडल के निर्णय का शनिवार को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव से कोई संबंध है.



मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल का निर्णय राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गत नौ नवंबर को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के अनुरूप है.



शीर्ष अदालत ने लंबे समय से लंबित इस धार्मिक मुद्दे का समाधान करते हुए अयोध्या में संबंधित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और केंद्र को इसके वास्ते ट्रस्ट निर्माण के लिए तीन महीने का समय दिया था.



उच्चतम न्यायालय की तीन महीने की समयसीमा चार दिन बाद खत्म होने वाली थी.



प्रधानमंत्री ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आधार पर मेरी सरकार ने अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थल पर विशाल और भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए एक वृहद योजना को आज स्वीकृति दे दी है तथा इसका निर्माण कार्य देखने के लिए 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नाम से एक ट्रस्ट गठित किया है.'



उन्होंने कहा, 'इस ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर स्वतंत्र रूप से निर्णय करने के अधिकार होंगे.'



ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय दिल्ली में होगा.



केंद्र ने ट्रस्ट में शामिल ट्रस्टियों के नामों की घोषणा भी कर दी है जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण, जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद), जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से), युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे) और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या) शामिल हैं.



इसके अतिरिक्त कुछ और न्यासी भी होंगे जिनके नाम हैं: अयोध्या से होम्योपैथिक चिकित्सक अनिल मिश्रा, अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में पटना से के. चौपाल और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक से महंत दिनेंद्र दास.



दो प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे.



एक हिंदू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो आईएएस सेवा में कार्यरत होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा. उक्त प्रतिनिधि पदेन होगा.



एक हिंदू प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश सरकार मनोनीत करेगी. प्रतिनिधि ऐसा आईएएस अधिकारी होगा जो उत्तर प्रदेश सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का न हो. अयोध्या के जिला कलेक्टर इसके पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिंदू होंगे.



यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिंदू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर, जो हिंदू हो उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा.



राम मंदिर परिसर के विकास एवं प्रशासन से संबंधित समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति न्यासी प्रतिनिधिमंडल करेगा. अध्यक्ष एक हिंदू होगा जो पदेन सदस्य भी होगा.



प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार से सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आग्रह किया है और उसने इस आग्रह को मान लिया है.



शीर्ष अदालत ने अयोध्या मामले का निपटारा करते हुए केंद्र को निर्देश दिया था कि हिन्दुओं के पवित्र शहर में नयी मस्जिद के निर्माण के लिए 'प्रमुख' जगह पर पांच एकड़ का एक वैकल्पिक प्लॉट दिया जाए.



मोदी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण और भविष्य में रामलला के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भावना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिगृहीत लगभग पूरी 67.70 एकड़ भूमि नए ट्रस्ट 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' को हस्तांतरित करने का निर्णय किया है.



उन्होंने कहा, 'भारतीय मूल्यों, भावना, आदर्शों और संस्कृति में भगवान राम और अयोध्या से जुड़े ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को हम सभी समझते हैं.'



मोदी ने सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से 'जय श्रीराम' के नारों के बीच कहा, 'आइए, इस ऐतिहासिक क्षण में हम सभी सदस्य मिलकर अयोध्या में श्रीराम धाम के जीर्णोद्धार के लिए, भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए, एक स्वर में अपना समर्थन दें.'



उधर, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर अयोध्या की सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में लखनऊ राजमार्ग के पास जमीन देने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटन पत्र दिया है.



वक्फ बोर्ड को जमीन देने का निर्णय आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया.



मुख्यमंत्री ने हिन्दी में ट्वीट किया, 'अयोध्या में विशाल राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन पर मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद व्यक्त करता हूं. यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण के संबंध में सभी निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र और सक्षम होगा. जय श्रीराम.'



वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा.



केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'इस तरह के अभूतपूर्व निर्णय के लिए' प्रधानमंत्री को बधाई दी.



गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ' मुझे पूर्ण विश्वास है कि करोड़ों लोगों का सदियों से जारी इंतजार शीघ्र ही समाप्त होगा और वे प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर उनके भव्य मंदिर में उनके दर्शन कर पाएँगे.'



उन्होंने कहा, 'आज का यह दिन समग्र भारत के लिए अत्यंत हर्ष और गौरव का दिन है.'



प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान में हर पंथ के लोग एक वृहद परिवार के सदस्य हैं. इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वो सुखी, स्वस्थ रहें, समृद्ध रहें, देश का विकास हो, इसी भावना के साथ उनकी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के सिद्धांत पर चल रही है.



भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर देखना हर भारतीय का 'सपना' था जो ट्रस्ट के गठन की प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद साकार होने जा रहा है.



नड्डा ने कहा कि मुद्दे पर समाज में दिखी सौहार्द और भाईचारे की भावना से पता चलता है कि भारत का सामाजिक ताना-बाना कितना मजबूत है.



उन्होंने कहा, 'आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन की घोषणा कर प्रधानमंत्री ने सभी भारतीयों का सम्मान किया है. विशाल राम मंदिर के निर्माण का सदियों से चला आ रहा हर भारतीय का सपना अब पूरा होने जा रहा है.'



केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में एक सवाल के जवाब में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर निर्णय का दिल्ली विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.



उन्होंने कहा कि पूरे देश में चुनाव नहीं हो रहा है, इसलिए भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए.



महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शीर्ष अदालत के निर्णय को क्रियान्वित करने के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी.



विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष सदाशिव कोकजे ने उम्मीद जताई कि राम मंदिर का निर्माण पूर्व में हिन्दू इकाई द्वारा प्रस्तावित मॉडल के आधार पर होगा.



उधर, आज ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' को पहला दान भी मिल गया. केंद्र सरकार ने बुधवार को ट्रस्ट को एक रुपये का दान नकद में दिया ताकि ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ कर सके.



केंद्र सरकार की ओर से यह दान ट्रस्ट को गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुर्मू ने दिया.



अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति समेत बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है.


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 9:05 AM IST
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