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सीबीएसई अभी ऑनलाइन मोड से परीक्षाएं कराने के लिए तैयार नहीं : अशोक गांगुली

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पूर्व चेयरमैन और शिक्षाविद् अशोक गांगुली का मानना है कि सीबीएसई की परीक्षाएं अभी ऑनलाइन माध्यम से नहीं कराई जा सकती है, क्योंकि इसके लिए सीबीएसई अभी पूरी तरीके से तैयार नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह असंभव काम नहीं है, लेकिन इसके लिए अभी कुछ समय लगेगा.

-CBSE is still not ready for online exam,
अशोक गांगुली
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Published : Jun 26, 2020, 10:22 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 10:28 PM IST

हैदराबाद : कोरोना संकट ने मानव जीवन के हर पक्ष को प्रभावित किया है. मानवीय जीवन के कुछ हिस्से अधिक प्रभावित हैं तो कुछ कम प्रभावित हैं. शिक्षा जगत भी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां इसका व्यापक असर देखा जा सकता है. विश्वव्यापी लॉकडाउन के बीच तमाम देशों में ऑनलाइन कक्षाओं, ऑनलाइन परीक्षाओं और इंटरनेट से पढ़ाई पर जोर दिया है, लेकिन भारत अभी ऑनलाइन शिक्षा और ऑनलाइन परीक्षाओं की दिशा में बढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है.

हालांकि लॉकडाउन के दौरान GRE और TOEFL की परीक्षाएं अयोजित की गई, लेकिन सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन और शिक्षाविद् अशोक गांगुली का मानना है कि सीबीएसई की परीक्षाएं अभी ऑनलाइन तरीके से नहीं कराई जा सकती हैं, क्योंकि सीबीएसई इसके लिए अभी पूरी तरीके से तैयार नहीं है.

सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन से खास बात चीत.

अशोक गांगुली ने कहा कि विभिन्न कारणों की वजह से हमारी शिक्षा प्रणाली अब तक ऑनलाइन परीक्षाओं को आयोजित करने लिए तैयार नहीं है.

उन्होंने कहा कि सीबीएसई के तहत लाखों छात्र नामांकित हैं और मुझे लगता है कि स्कूल और कालेज भी ऑनलाइन परीक्षाओं को अयोजित करने के लिए अभी तैयार नहीं हैं. ऐसा होने में तीन से चार साल लग सकते हैं.

उन्होंने कहा कि संसाधनों और नेटवर्क की कमी के कारण स्कूलों में ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन एक थकाऊ काम होगा, क्योंकि छात्रों की संख्या बहुत अधिक है.

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन असंभव काम नहीं है, लेकिन इसमें अभी कुछ समय लगेगा.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई के मसौदे का अवलोकन करने के बाद शुक्रवार को शेष बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने और जुलाई में होने वाली परीक्षाओं के लिए छात्रों को अंक देने की उसकी योजना पर आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी. उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद सीबीएसई 15 जुलाई तक 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी करेगा.

यह भी पढ़ें- सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन की छात्रों को सलाह - न छोड़ें परीक्षाएं

सीबीएसई की मूल्यांकन योजना में विद्यार्थियों द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के अंतिम तीन प्रश्नपत्रों में हासिल किए गए अंकों पर विचार किया जाएगा.अदालत के फैसले के बाद सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि अगर 12वीं कक्षा के विद्यार्थी वैकल्पिक परीक्षाओं में शामिल होते हैं तो प्राप्त किए गए अंक अंतिम स्कोर माने जाएंगे.

उन्होंने कहा कि कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को प्राप्तांकों में सुधार के लिए वैकल्पिक परीक्षाओं में बैठने का अवसर मिलेगा.इससे पहले शुक्रवार को सीबीएसई और आईसीएसई ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम मध्य जुलाई तक घोषित किए जा सकते हैं. आईसीएसई भी नोटिफिकेशन जारी करने की बात पर सहमत हो गया है. आईसीएसई ने कहा है कि वह 10वीं कक्षा के लिए वैकल्पिक परीक्षा कराने पर विचार करेगा.

हैदराबाद : कोरोना संकट ने मानव जीवन के हर पक्ष को प्रभावित किया है. मानवीय जीवन के कुछ हिस्से अधिक प्रभावित हैं तो कुछ कम प्रभावित हैं. शिक्षा जगत भी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां इसका व्यापक असर देखा जा सकता है. विश्वव्यापी लॉकडाउन के बीच तमाम देशों में ऑनलाइन कक्षाओं, ऑनलाइन परीक्षाओं और इंटरनेट से पढ़ाई पर जोर दिया है, लेकिन भारत अभी ऑनलाइन शिक्षा और ऑनलाइन परीक्षाओं की दिशा में बढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है.

हालांकि लॉकडाउन के दौरान GRE और TOEFL की परीक्षाएं अयोजित की गई, लेकिन सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन और शिक्षाविद् अशोक गांगुली का मानना है कि सीबीएसई की परीक्षाएं अभी ऑनलाइन तरीके से नहीं कराई जा सकती हैं, क्योंकि सीबीएसई इसके लिए अभी पूरी तरीके से तैयार नहीं है.

सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन से खास बात चीत.

अशोक गांगुली ने कहा कि विभिन्न कारणों की वजह से हमारी शिक्षा प्रणाली अब तक ऑनलाइन परीक्षाओं को आयोजित करने लिए तैयार नहीं है.

उन्होंने कहा कि सीबीएसई के तहत लाखों छात्र नामांकित हैं और मुझे लगता है कि स्कूल और कालेज भी ऑनलाइन परीक्षाओं को अयोजित करने के लिए अभी तैयार नहीं हैं. ऐसा होने में तीन से चार साल लग सकते हैं.

उन्होंने कहा कि संसाधनों और नेटवर्क की कमी के कारण स्कूलों में ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन एक थकाऊ काम होगा, क्योंकि छात्रों की संख्या बहुत अधिक है.

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन असंभव काम नहीं है, लेकिन इसमें अभी कुछ समय लगेगा.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई के मसौदे का अवलोकन करने के बाद शुक्रवार को शेष बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने और जुलाई में होने वाली परीक्षाओं के लिए छात्रों को अंक देने की उसकी योजना पर आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी. उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद सीबीएसई 15 जुलाई तक 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी करेगा.

यह भी पढ़ें- सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन की छात्रों को सलाह - न छोड़ें परीक्षाएं

सीबीएसई की मूल्यांकन योजना में विद्यार्थियों द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के अंतिम तीन प्रश्नपत्रों में हासिल किए गए अंकों पर विचार किया जाएगा.अदालत के फैसले के बाद सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि अगर 12वीं कक्षा के विद्यार्थी वैकल्पिक परीक्षाओं में शामिल होते हैं तो प्राप्त किए गए अंक अंतिम स्कोर माने जाएंगे.

उन्होंने कहा कि कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को प्राप्तांकों में सुधार के लिए वैकल्पिक परीक्षाओं में बैठने का अवसर मिलेगा.इससे पहले शुक्रवार को सीबीएसई और आईसीएसई ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम मध्य जुलाई तक घोषित किए जा सकते हैं. आईसीएसई भी नोटिफिकेशन जारी करने की बात पर सहमत हो गया है. आईसीएसई ने कहा है कि वह 10वीं कक्षा के लिए वैकल्पिक परीक्षा कराने पर विचार करेगा.

Last Updated : Jun 26, 2020, 10:28 PM IST
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