नई दिल्ली : आगामी बिहार चुनाव में महागठबंधन के लिए मंच तैयार है. राजद-कांग्रेस-वाम मोर्चा का संयुक्त महागठबंधन नीतीश कुमार को गद्दी से उतारने के लिए तैयार है. ईटीवी भारत से सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कहा कि हमें लगता है कि धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गठबंधन (राजद, कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के साथ वाम मोर्चे का गठबंधन) मजबूत है. हमारा राजनीतिक उद्देश्य भाजपा को हराना है.
हमारा गठबंधन काफी मजबूत
बिहार के विकास के लिए नई सरकार की जरूरत पर जोर देते हुए राजा ने कहा कि जेडी (यू) और भाजपा राज्य के कल्याण और विकास के लिए काम करने में विफल रहीं हैं. हमें विश्वास है कि हमारा गठबंधन काफी मजबूत है. गठबंधन ने बिहार के लोगों के मन में विश्वास पैदा किया है. जनता हमें वोट देगी और निश्चित रूप से सरकार में बदलाव होगा. महागठबंधन में प्रमुख पार्टी आरजेडी ने कांग्रेस को 70 और वाम दलों में सीपीआई-एमएल को 19, सीपीआई को 6 और सीएमपी को 4 सीटें मिलीं हैं. राजद के पास फिलहाल राज्य में 81 सीटें हैं.
एलजेपी के खेल को देखने के लिए इंतजार करना होगा
राजा ने कहा कि हमारा उद्देश्य भाजपा की हार को सुनिश्चित करना होगा. लोग भाजपा और जद (यू) के कुशासन से नाराज हैं. पिछले पांच वर्षों में गुजरात और उत्तर प्रदेश को छोड़कर भाजपा किसी भी प्रमुख राज्य में चुनाव नहीं जीती है. वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए सितंबर में चार वर्चुअल रैलियों का आयोजन किया.
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का अकेले चुनाव लड़ना एनडीए के लिए झटका है. मुझे नहीं पता कि पासवान के अकेले लड़ने के फैसले के पीछे क्या कारण है? यह अजीब है कि एक तरफ वे बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं और दूसरी तरफ वे जेडी (यू) के साथ नहीं होंगे. यह कैसी राजनीति है? हमें इस राजनीतिक खेल के पीछे के कारण को देखने के लिए इंतजार करना होगा.
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