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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : प्लास्टिक कचरा लाओ, भरपेट खाना खाओ

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम 'नो प्लास्टिक, लाइफ फैंटास्टिक' रखी गई है. देखें इस मुहिम की आठवी कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

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Published : Dec 19, 2019, 7:03 AM IST

अंबिकापुर : एक अनोखी पहल के तहत छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में गार्बेज कैफे की शुरुआत की गई है. इस कैफे में प्लास्टिक कचरों के बदले में लोगों को खाना मुहैया कराया जाता है. कैफे की शुरुआत अंबिकापुर नगर निगम की ओर से किया गया है. देश ही नहीं, दुनियाभर में इसकी सराहना हो रही है.

गार्बेज कैफे एक अनोखी सोच है. इस कैफे में गरीब और बेघर लोगों को ताजा खाना मुहैया कराया जाता है. इस खाने के बदले पैसे नहीं लिए जाते हैं. अंबिकापुर नगर निगम की पहल पर लोगों को प्लास्टिक कचरे के बदले खाना मुहैया कराया जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

देश के इस पहले गार्बेज कैफे में कोई भी व्यक्ति, जो एक किलो प्लास्टिक वेस्ट जमा करता है, उसे लजीज खाना मुहैया कराता है. कैफे में प्रतिदिन 10 से 20 किलो प्लास्टिक वेस्ट जमा किया जा रहा है.

प्लास्टिक का कचरा अंबिकापुर नगर निगम के सैनिटरी पार्क स्थित स्थित रिसाइक्लिंग सेंटर में ले जाया जाता है. कचरे की रिसाइक्लिंग के बाद निगम सड़क निर्माण में इसे यूज करता है.

ये भी पढ़ें- नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : झारखंड के बाबाधाम में पुजारी ने शुरू की मुहिम

गार्बेज कैफे का संचालन महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाता है. इससे महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बनते हैं.

कचरा बीनने वालों से लेकर व्यवसायी तक, सभी प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल करने में योगदान दे रहे हैं.

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अंबिकापुर : एक अनोखी पहल के तहत छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में गार्बेज कैफे की शुरुआत की गई है. इस कैफे में प्लास्टिक कचरों के बदले में लोगों को खाना मुहैया कराया जाता है. कैफे की शुरुआत अंबिकापुर नगर निगम की ओर से किया गया है. देश ही नहीं, दुनियाभर में इसकी सराहना हो रही है.

गार्बेज कैफे एक अनोखी सोच है. इस कैफे में गरीब और बेघर लोगों को ताजा खाना मुहैया कराया जाता है. इस खाने के बदले पैसे नहीं लिए जाते हैं. अंबिकापुर नगर निगम की पहल पर लोगों को प्लास्टिक कचरे के बदले खाना मुहैया कराया जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

देश के इस पहले गार्बेज कैफे में कोई भी व्यक्ति, जो एक किलो प्लास्टिक वेस्ट जमा करता है, उसे लजीज खाना मुहैया कराता है. कैफे में प्रतिदिन 10 से 20 किलो प्लास्टिक वेस्ट जमा किया जा रहा है.

प्लास्टिक का कचरा अंबिकापुर नगर निगम के सैनिटरी पार्क स्थित स्थित रिसाइक्लिंग सेंटर में ले जाया जाता है. कचरे की रिसाइक्लिंग के बाद निगम सड़क निर्माण में इसे यूज करता है.

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गार्बेज कैफे का संचालन महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाता है. इससे महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बनते हैं.

कचरा बीनने वालों से लेकर व्यवसायी तक, सभी प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल करने में योगदान दे रहे हैं.

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