नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया. मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के इस पहले पूर्ण बजट में हर क्षेत्र को कुछ न कुछ देने की कोशिश की है. आइए जानते हैं कि इस बजट में रेलवे क्षेत्र के लिए क्या खास है.
जानिए रेलवे को क्या मिला बजट में-
- 550 रेलवे स्टेशनों पर वाईफाई शुरू किए गए.
- रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे.
- देश में मानव रहित क्रॉसिंग खत्म की गई.
- तेजस जैसी और ट्रेनें शुरू की जाएंगी.
- 27 हजार रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया जाएगा.
- तेजस ट्रेन से पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश.
- पीपीपी मॉडल से रेलवे स्टेशनों का विकास होगा.
- 150 ट्रेन पीपीपी मोड में चलाने का फैसला.
- 148 किलोमीटर बेंगलुरु उपनगरीय ट्रेन सिस्टम बनेगा, केंद्र सरकार 25% पैसा देगी, इस पर 18 हजार 600 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
- मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन के काम में तेजी लाई जाएगी.
जानिए आर्थिक समीक्षा के मुताबिक क्या रहा
आर्थिक समीक्षा के मुताबिक वर्ष 2018-19 के दौरान रेल यात्रियों की संख्या में 1.85 प्रतिशत और माल ढुलाई में 5.34 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वर्ष 2019-20 की आर्थिक समीक्षा को सदन के पटल पर रखा. वह शनिवार को अगले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश करेंगी.
समीक्षा के मुताबिक 2018-19 के दौरान भारतीय रेलवे ने 120 करोड़ टन माल ढुलाई की और 840 करोड़ यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया. इसके साथ ही भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी यात्री वाहक और चौथी सबसे बड़ी मालवाहक है.
समीक्षा में कहा गया है, '2018-19 के दौरान रेलवे ने 12,215 लाख टन माल ढुलाई की, जबकि 2017-18 के दौरान ये आंकड़ा 11,596 लाख टन था. इस तरह इसमें 5.34 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.'
समीक्षा में कहा गया, 'यात्रियों की संख्या 2018-19 में 84,390 लाख रही, जो 2017-18 में 82,858 थी. इस तरह इसमें पिछले साल के मुकाबले 1.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.'
इसमें कहा गया कि रेलवे की सबसे बड़ी प्राथमिकता सुरक्षा थी और दुर्घटना रोकने के लिए लगातार उपाए किए गए और यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाया गया.
इन उपायों के चलते 2018-19 के दौरान उल्लेखनीय रूप से रेल दुर्घटनाओं की संख्या 73 से घटकर 59 रह गई. अप्रैल-अक्टूबर 2019 के दौरान 41 बड़ी रेल दुर्घटनाएं हुईं.
इसके अलावा रेलवे स्टेशनों की साफ-सफाई पर भी खासतौर से ध्यान दिया गया. इस रेल डिब्बों में 2.26 लाख बायो शौचालय लगाए गए, 215 स्टेशनों को बोतल नष्ट करने की मशीनें दी गईं और साफ-सफाई के लिए 642 करोड़ रुपये दिए गए.
समीक्षा के मुताबिक 75 रेलवे स्टेशनों को ईएमएस (पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली) (आईएसओ: 14001) प्रमाणपत्र मिले हैं.