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उत्तराखंड : अक्टूबर माह में भी खिला ब्रह्म कमल, जानें विशेषज्ञों की राय

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Published : Oct 10, 2020, 2:35 PM IST

जलवायु परिवर्तन का असर इन दिनों उत्तरी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. अमूमन 15 सितंबर तक खिले रहने वाला ब्रह्म कमल अक्टूबर माह में खिला दिख रहा है.

brahma kamal bloomed
ब्रह्म कमल

चमोली : उच्च हिमालय के उत्तरी क्षेत्रों में 15 सितंबर तक खिलने वाला ब्रह्म कमल इस बार अक्टूबर महीने में भी खिला हुआ है. समुद्र तल से 4,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जी विनायक, नंदी कुंड, पांडवसेरा आदि बुग्यालों में अभी भी हजारों की संख्या में ब्रह्म कमल खिले हुए हैं. हालांकि, इस सीजन की पहली बर्फबारी से ब्रह्म कमल के फूलों को नुकसान पहुंचा है, बावजूद उसके अभी भी नंदी कुंड के आसपास बड़ी संख्या में ब्रह्म कमल के फूल खिले हुए हैं.

कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों और ब्रह्म कमल के लिए संजीवनी का काम किया है. जो दुर्लभ प्रजाति के लिए शुभ संकेत है. इस बार बुग्यालों में मानवीय आवाजाही नहीं होने के कारण ब्रह्म कमल सहित अन्य जड़ी बूटियों का दोहन नहीं हो पाया.

ब्रह्म कमल खिलने पर विशेषज्ञों की राय

आम दिनों में ट्रैकिंग पर गए पर्यटक ब्रह्म कमल सहित अन्य जड़ी बूटियों या फूल पौधों को परिपक्व होने से पहले ही तोड़ देते थे, जिससे उसका बीज नहीं फैल पाता था. इस बार फूल पूरी तरह से पक चुके हैं और इसका बीज गिरने पर अगले वर्ष ब्रह्म कमल सहित अन्य फूलों की पैदावार बढ़ने की उम्मीद है.

brahma kamal bloomed
अक्टूबर माह में भी खिला ब्रह्म कमल

ये भी पढ़ें: अब तक 135 अंतरराष्ट्रीय संगठनों को मिल चुका नोबेल शांति पुरस्कार

केदारनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के परिणामों के अध्यन के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रो में जैव विविधता की जानकारी के लिए 5 सदस्यीय दल नंदी कुंड, पांडवसेरा, बंशी नारायण होते हुए उर्गम के रास्ते वापस लौटा था.

brahma kamal bloomed
ब्रह्म कमल से गुलजार हुई वादियां

जहां पर दल को दुर्लभ रेड फॉक्स सहित अन्य वनस्पतियां मिलीं, जिसका अध्यन किया जा रहा है. इसके साथ ही नंदी कुंड में सीजन की पहली बर्फवारी से भी दल का सामना हुआ. कुंड के आसपास इन दिनों भी ब्रह्मकमल के फूल खिले हुए है.

brahma kamal bloomed
दुर्लभ ब्रह्म कमल खिला.

चमोली : उच्च हिमालय के उत्तरी क्षेत्रों में 15 सितंबर तक खिलने वाला ब्रह्म कमल इस बार अक्टूबर महीने में भी खिला हुआ है. समुद्र तल से 4,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जी विनायक, नंदी कुंड, पांडवसेरा आदि बुग्यालों में अभी भी हजारों की संख्या में ब्रह्म कमल खिले हुए हैं. हालांकि, इस सीजन की पहली बर्फबारी से ब्रह्म कमल के फूलों को नुकसान पहुंचा है, बावजूद उसके अभी भी नंदी कुंड के आसपास बड़ी संख्या में ब्रह्म कमल के फूल खिले हुए हैं.

कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों और ब्रह्म कमल के लिए संजीवनी का काम किया है. जो दुर्लभ प्रजाति के लिए शुभ संकेत है. इस बार बुग्यालों में मानवीय आवाजाही नहीं होने के कारण ब्रह्म कमल सहित अन्य जड़ी बूटियों का दोहन नहीं हो पाया.

ब्रह्म कमल खिलने पर विशेषज्ञों की राय

आम दिनों में ट्रैकिंग पर गए पर्यटक ब्रह्म कमल सहित अन्य जड़ी बूटियों या फूल पौधों को परिपक्व होने से पहले ही तोड़ देते थे, जिससे उसका बीज नहीं फैल पाता था. इस बार फूल पूरी तरह से पक चुके हैं और इसका बीज गिरने पर अगले वर्ष ब्रह्म कमल सहित अन्य फूलों की पैदावार बढ़ने की उम्मीद है.

brahma kamal bloomed
अक्टूबर माह में भी खिला ब्रह्म कमल

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केदारनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के परिणामों के अध्यन के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रो में जैव विविधता की जानकारी के लिए 5 सदस्यीय दल नंदी कुंड, पांडवसेरा, बंशी नारायण होते हुए उर्गम के रास्ते वापस लौटा था.

brahma kamal bloomed
ब्रह्म कमल से गुलजार हुई वादियां

जहां पर दल को दुर्लभ रेड फॉक्स सहित अन्य वनस्पतियां मिलीं, जिसका अध्यन किया जा रहा है. इसके साथ ही नंदी कुंड में सीजन की पहली बर्फवारी से भी दल का सामना हुआ. कुंड के आसपास इन दिनों भी ब्रह्मकमल के फूल खिले हुए है.

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दुर्लभ ब्रह्म कमल खिला.
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