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सईदा बानो के जीवन को जान सकेंगे दुनियाभर के लोग - पहली महिला रेडियो न्यूजरीडर

भारत की पहली महिला रेडियो न्यूजरीडर सईदा बानो के जीवन पर नई किताब लिखी गई है, जो उर्दू संस्मरण 'डगर से हट कर' का अंग्रेजी संस्करण है. 'ऑफ द बीटन ट्रैक' नामक यह बुक अक्टूबर में लॉन्च होगी.

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रेडियो न्यूजरीडर सईदा बानो
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Published : Sep 28, 2020, 9:49 PM IST

नई दिल्ली : भारत की पहली महिला रेडियो समाचार वाचक (रेडियो न्यूजरीडर) सईदा बानो के जीवन को अब दुनियाभर के लोग पढ़ और जान सकेंगे. दरअसल, सईदा बानो पर एक किताब लिखी गई है, जिसमें उनके जीवन को बयां किया गया. यह किताब 12 अक्टूबर को बाजार में आएगी.

'पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया' ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि मूल रूप से पहले उर्दू में लिखे गए संस्मरण को अब किताब का रूप दिया जा रहा है. प्रकाशक कंपनी ने कहा कि किताब में देश के विभाजन और एक नए स्वतंत्र भारत की राजधानी के एक व्यक्ति के निजी अनुभव को साझा किया गया है.

प्रकाशकों के मुताबिक सईदा की कहानी आशा और लचीलेपन की एक कहानी है. उन्होंने कहा कि यह एक दिलचस्प महिला को जानने का अविस्मरणीय प्रयास है. प्रकाशकों के मुताबिक यह किताब पाठकों को यह इशारा करती है कि सहमति और सामाजिक दबाव की स्थिति में भी जीने और प्यार करने के लिए क्या करना चाहिए.

उर्दू से अंग्रेजी में अनुवाद की गई इस किताब का नाम 'ऑफ द बीटन ट्रैक' (Off the Beaten Track) रखा गया है. सईदा बानो की पोती शाहना रजा ने उनके 1994 के उर्दू संस्मरण 'डगर से हट कर' का अंग्रेजी में अनुवाद किया है. 'जुबान पब्लिशर्स' इस किताब का सह-प्रकाशक है.

नई किताब में पाठकों को सईदा बानो के जीवन की विभिन्न घटनाओं को बताया गया है, जैसे कि घुटन भरी शादी से बाहर निकलना, विभाजन की हिंसा को देखना, दिल्ली से सिंगल मदर के रूप में लखनऊ जाना, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ टोस्ट खाना और एक विवाहित व्यक्ति नूरुद्दीन अहमद से प्यार करना, दोनों 25 साल तक रिलेशनशिप में रहे. नरूद्दीन अहमद इस दौरान दिल्ली के मेयर बन गए थे.

नई दिल्ली : भारत की पहली महिला रेडियो समाचार वाचक (रेडियो न्यूजरीडर) सईदा बानो के जीवन को अब दुनियाभर के लोग पढ़ और जान सकेंगे. दरअसल, सईदा बानो पर एक किताब लिखी गई है, जिसमें उनके जीवन को बयां किया गया. यह किताब 12 अक्टूबर को बाजार में आएगी.

'पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया' ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि मूल रूप से पहले उर्दू में लिखे गए संस्मरण को अब किताब का रूप दिया जा रहा है. प्रकाशक कंपनी ने कहा कि किताब में देश के विभाजन और एक नए स्वतंत्र भारत की राजधानी के एक व्यक्ति के निजी अनुभव को साझा किया गया है.

प्रकाशकों के मुताबिक सईदा की कहानी आशा और लचीलेपन की एक कहानी है. उन्होंने कहा कि यह एक दिलचस्प महिला को जानने का अविस्मरणीय प्रयास है. प्रकाशकों के मुताबिक यह किताब पाठकों को यह इशारा करती है कि सहमति और सामाजिक दबाव की स्थिति में भी जीने और प्यार करने के लिए क्या करना चाहिए.

उर्दू से अंग्रेजी में अनुवाद की गई इस किताब का नाम 'ऑफ द बीटन ट्रैक' (Off the Beaten Track) रखा गया है. सईदा बानो की पोती शाहना रजा ने उनके 1994 के उर्दू संस्मरण 'डगर से हट कर' का अंग्रेजी में अनुवाद किया है. 'जुबान पब्लिशर्स' इस किताब का सह-प्रकाशक है.

नई किताब में पाठकों को सईदा बानो के जीवन की विभिन्न घटनाओं को बताया गया है, जैसे कि घुटन भरी शादी से बाहर निकलना, विभाजन की हिंसा को देखना, दिल्ली से सिंगल मदर के रूप में लखनऊ जाना, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ टोस्ट खाना और एक विवाहित व्यक्ति नूरुद्दीन अहमद से प्यार करना, दोनों 25 साल तक रिलेशनशिप में रहे. नरूद्दीन अहमद इस दौरान दिल्ली के मेयर बन गए थे.

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