नई दिल्ली: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की जिंदगी में अगर खालिद खान बच्चा नाम का व्यक्ति नहीं होता तो वह बहुत पहले गुमनामी में खो जाता, अपने प्रतिद्वंद्वियों या पुलिस द्वारा कहीं मार गिराया जाता. लेकिन इसी नाम ने दाऊद को हर बला से बचाए रखा. इसका खुलासा एक नई किताब में किया गया है.
लेखक हुसैन जैदी ने 'दाऊद मेंटर: द मैन हू मेड इंडियाज बिगेस्ट डॉन' नाम की किताब लिखी है. इसमें उन्होंने दाऊद की खालिद से मुलाकात की कहानी विस्तार से बताई है.
इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे इन दोनों के बीच दांत कटी दोस्ती हुई. दोनों ने मिलकर मुंबई के हर माफिया गैंग को हराने या खत्म करने का काम किया और खालिद ने डी-गैंग की नींव रखी. इसके बाद धीरे-धीरे दाऊद भारत का मोस्ट वांटेड (कुख्यात वांछित अपराधी) बन गया.
जैदी के मुताबिक खालिद ने ही दाऊद को सिखाया कि मुश्किलों से कैसे निपटना चाहिए. दाऊद को खालिद के रूप में एक ऐसा मार्गदर्शक मिल गया था जिसने उसे एक धूर्त माफिया बॉस में तब्दील कर दिया.
यही नहीं खालिद ने एक बार दाऊद के लिए गोली भी खाई थी.
जैदी ने कहा, 'दाऊद अपने जीवन और ताकत के लिए इस व्यक्ति का कर्जदार है. इस पठान (खालिद खान बच्चा उर्फ खालिद पहलवान उर्फ केपी) की कहानी अभी तक बयां नहीं की गई थी.'