नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं के स्थाई कमीशन पर अनुमति दे दी है. साथ ही कमांड पोस्ट के लिए भी महिलाओं को योग्य बताया है. केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि तीन महीने के अंदर महिलाओं के लिए सेना में स्थाई कमीशन का गठन किया जाए. कोर्ट के इस आदेश पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार पर नारी विरोधी है. इस बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा किजो लोग अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं उनको पता होना चाहिए कि 2014 के पहले वाली सरकार ने किया था और हमने जो किया है वह स्पष्ट है. हालांकि राहुल गांधी सरकार को घेरने के चक्कर में खुद फंसते हुए नजर आ रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा, राहुल गांधी ने ट्वीट किया और कहा कि सरकार महिलाओं के खिलाफ है, जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र में 2010 में किसकी सरकार थी जिसने हाईकोर्ट के फैसले को चैलेंज किया था. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पता होना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में लाल किले की प्राचीर से कहा था कि उनका सपना है कि सेना में महिलाओं को स्थाई जगह दी जाए. इसके अलवा मोदी सरकार ने स्थाई कमीशन देने के लिए हलफनामा भी दिया था.
लेखी ने नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यह आपकी सरकार थी जिसने उच्चतम न्यायालय में फैसले को चुनौती दी जहां महिलाओं के पक्ष में फैसला आया.'
सशस्त्र बलों में लैंगिक भेदभाव के खात्मे का आह्वान करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सेना में कमांड पोस्ट पर महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त कर दिया है. इसने केंद्र को सभी महिला सैन्य अधिकारियों को तीन महीने के भीतर स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ने यह तर्क देकर महिलाओं का अनादर किया कि वे कमांड पोस्ट के योग्य नहीं हैं क्योंकि वे पुरुषों की तुलना में हीन हैं.
लेखी ने राहुल पर सरकार के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि यदि राहुल को इन तथ्यों का पता होता कि कांग्रेस की क्रमिक सरकारों ने महिलाओं को सेना में स्थानीय कमीशन देने के खिलाफ अदालतों में शपथपत्र दायर किए थे तो उन्होंने ऐसी टिप्पणियां न की होतीं.
लेखी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, न्यायाधीशों और अन्य का धन्यवाद व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि मोदी महिलाओं को सेना में स्थानीय कमीशन देने के कभी खिलाफ नहीं थे और उन्होंने 15 अगस्त 2018 को राष्ट्र के नाम संबोधन में सार्वजनिक घोषणा कर अपना इरादा जताया था.
लेखी ने कहा कि महिलाओं से समान व्यवहार किया जाना चाहिए क्योंकि वे भी पुरुष सहकर्मियों की तरह ही राष्ट्र की सेवा कर रही हैं.
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मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं उनको पता होना चाहिए कि यह 2014 के पहले वाली सरकार ने किया था और हमने जो किया है वह स्पष्ट है. सभी लोगों को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने आदेश पारित किया है, कांग्रेस ने जो हलफनामा फाइल किया था उससे साफ है कौन अड़ंगा लगाना चाहता था.