नई दिल्ली : देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध हो रहा है. इस पर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है. केंद्र सरकार का कहना है कि देश में हो रही हिंसा विपक्ष द्वारा प्रायोजित है और विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार संविधान विरोधी कानून लेकर आई है.
भाजपा सांसद विजय गोयल ने ईटीवी भारत से इस मसले पर बातचीत की. नागरिकता संशोधन कानून पर हो रहे विरोध को लेकर गोयल ने कहा कि जो जानकारी उन्हें मिली है, उसके हिसाब से यह विरोध प्रदर्शन विपक्ष द्वारा प्रायोजित है और लोगों को उकसाने और भड़काने का काम किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि लोगों को नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर जागरूक करने की जरूरत है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर विजय गोयल ने कहा कि आम आदमी पार्टी चुनावों के कारण लोगों को भड़का रही है और राजनीति कर रही है.
पढ़ें-नागरिकता कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की स्टे की मांग, केंद्र को भेजा नोटिस
नागरिकता संशोधन कानून पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर गोयल ने कहा कि कनून बनाने के लिए सर्वोच्च संस्था संसद है और संसद ने बहस और विचार के बाद कानून बनाया है तो वह कानून लागू होना चाहिए.
नागरिकता संशोधन कानून पर हो रही राजनीति का दिल्ली विधानसभा चुनाव पर असर पड़ेगा या नहीं. इस सवाल पर गोयल ने कहा कि इससे देश पर जरूर फर्क पड़ेगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष संसद में जीत नहीं पाया तो वह देश में दंगा करा रहा है, जो गलत है.
इसी बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'कुछ लोग भ्रम और भय पैदा करने के लिए भूत बन गए हैं और उन्हें परास्त करने के लिए हमें मजबूती से लोगों को जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए और इसे हम करेंगे.'
नकवी ने बुधवार को नई दिल्ली में 'अल्पसंख्यक दिवस' कार्यक्रम में कहा कि देश में किस तरह से बिखराव और टकराव का माहौल पैदा किया जाए, इसकी कोशिश कहीं न कहीं साजिश के तहत हो रही है. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जो बिल्कुल गलत हैं.
कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गयरूल हसन रिजवी एवं आयोग के अन्य सदस्य एवं अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इन झूठी अफवाहों से देश के लोगों को बचाने के लिए सभी को जागरूक करना होगा.
नकवी ने कहा, 'हिन्दुस्तान के हर मुसलमान की, जिसकी पुश्तें यहां पर रह रही हैं, नागरिकता पूरी तरीके से सुरक्षित है. देश के सभी मुसलमानों के आर्थिक, सामाजिक, संवैधानिक और धार्मिक अधिकार पूरी तरीके से सुरक्षित हैं.'
उन्होंने कहा, 'देश में ऐसे करोड़ों मुसलमान हैं, जिन्होंने देश के निर्माण, तरक्की और आजादी में सभी धर्म के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है. हमें एनआरसी और नागरिकता बिल को जोड़कर देश को गुमराह करने के षड्यंत्र को परास्त करना है.'
नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भाग कर आए हिन्दू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के मानने वाले लोगों को भारत की नागरिकता दिये जाने का प्रावधान है.