नई दिल्लीः प्रधानमंत्री ने इसरो के निदेशक को गले लगा कर उनके माध्यम से पूरे भावुक देश को सांतवना दी है. यदि ये मिशन सफल होता तो जाहिर सी बात है कि यह पल यादगार और ऐतिहासिक बन जाता. इस मौके पर पीएम मोदी ने देश के लोगों को जिस तरह संदेश दिया है उससे ये साफ होता है कि ऐसे मौके आते रहते हैं, निराश होने की जरूरत नहीं.
आगे सुदेश वर्मा बताते हैं कि यह एक ऐसा पल है, जिसका मलाल हम सब के मन में है, अगर यह मिशन सफल हो जाता तो भारत चंद्रमा के साउथ पोल तक पहुंचने वाला पहला देश होता. इससे पहले कुछ ही देश नार्थ पोल तक पहुंचे हैं, जिसमें चीन, अमेरिका और रूस हैं.
सत्ताधारी पार्टी का कहना है कि हमें हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि कल प्रधानमंत्री और सरकार ने यह साफ संदेश दिया है कि वह अपना मून मिशन जारी रखेंगे. इस मिशन को दोबारा सफल बनाने की कोशिश की जाएगी. भाजपा का कहना है कि वैज्ञानिकों ने जी तोड़ मेहनत की और 95 फीसदी तक chandrayaan-2 सफल भी रहा. बाहरी आर्बिट से chandrayaan-2 पहले ही तस्वीरें भेज रहा था.
आगे वे बताते हैं कि ये मिशन जारी रहेगा और दोबारा कोशिश कर इस मिशन पर विजय प्राप्त की जाएगी. साथ ही भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत देखते हुए सभी पार्टियां एक साथ नजर आईं, जिस तरह से विपक्ष के नेताओं के बयान आ रहे हैं यह अपने आप में देश के लिए अच्छी बात है. इस मेहनत की पूरा देश सराहना कर रहा है. इसमें कोई राजनीतिक वाद विवाद नहीं है और इससे कहीं ना कहीं सरकार को भी बल मिलता है कि वह अपना मिशन जारी रखें.
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सुदेश वर्मा ने कहा कि विज्ञान की सफलता असफलताओं से ही बनती है. इसरो भारत की शान है, इसे पूरी दुनिया में जाना जाता है. चंद्रयान का 95 फीसदी मिशन सफल है. मोदी जी ने कहा था कि पत्थर वाले चांद पर हम लकीर खींच रहेंगे. चंद्रयान मिशन आगे कामयाब होगा और मिशन जारी रहेगा. जज्बातों को आगे रखना है हम चांद पर जरूर पंहुचेंगे.