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लोकसभा चुनाव : जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर जानें विशेषज्ञ की राय

जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में आए दिन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 और 35A का जिक्र होता है. 2019 के लिए जारी संकल्प पत्र में बीजेपी ने इसे हटाने की बात कही है. हालांकि, रक्षा मामलों के जानकार का मानना है कि इसका उपयोग सिर्फ मतदाताओं को लुभाने के लिए हो रहा है. जानें क्या है पूरा मामला

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Published : Apr 9, 2019, 5:13 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने आज अपने घोषणा पत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलुओं का भी जिक्र किया. इसमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 का भी जिक्र है. पार्टी ने सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले इस आर्टिकल को रद्द करने का प्रस्ताव रखा है.

ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा विशेषज्ञ पुष्प सर्राफ से बात की. आर्टिकल 370 और राज्य के विकास के बीच संबंध पर सर्राफ ने कहा कि हाल के ही दिनों में बीजेपी ने इसे हटाने की बात शुरू की है. बीजेपी ने भारतीय संविधान के आर्टिकल 35A की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाने शुरू किए हैं.

रक्षा मामलों के जानकार पुष्प सर्राफ से खास बातचीत

सर्राफ ने कहा 'क्योंकि, 35A काफी समय से लागू है. रातों-रात इसे खत्म कर देना सही नहीं है. राज्य पर इसका सही प्रभाव नहीं पड़ेगा. ये राज्य के लोगों के विशेष दर्जे का संरक्षण करता है. चुनाव के समय बीजेपी मतदाताओं को लुभाने के लिए इसका प्रयोग कर रही है.'

पढ़ें- '370 खत्म हुआ, तो अल्ला कसम भारत से हमें आजादी मिल जाएगी'

आर्टिकल 370 और 35A के सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने का जिक्र करते हुए सर्राफ ने कहा कि अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए.

बीजेपी ने 1990 के दशक में राज्य से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों को वापस बसाने का भी वादा किया है. इस पर सर्राफ ने कहा कि ये अच्छा है कि बीजेपी ऐसा चाहती है. हालांकि, सर्राफ ने ये भी कहा कि क्या वे वापस आना चाहते हैं. ये सबसे अहम सवाल है. इसमें संदेह भी है.

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने आज अपने घोषणा पत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलुओं का भी जिक्र किया. इसमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 का भी जिक्र है. पार्टी ने सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले इस आर्टिकल को रद्द करने का प्रस्ताव रखा है.

ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा विशेषज्ञ पुष्प सर्राफ से बात की. आर्टिकल 370 और राज्य के विकास के बीच संबंध पर सर्राफ ने कहा कि हाल के ही दिनों में बीजेपी ने इसे हटाने की बात शुरू की है. बीजेपी ने भारतीय संविधान के आर्टिकल 35A की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाने शुरू किए हैं.

रक्षा मामलों के जानकार पुष्प सर्राफ से खास बातचीत

सर्राफ ने कहा 'क्योंकि, 35A काफी समय से लागू है. रातों-रात इसे खत्म कर देना सही नहीं है. राज्य पर इसका सही प्रभाव नहीं पड़ेगा. ये राज्य के लोगों के विशेष दर्जे का संरक्षण करता है. चुनाव के समय बीजेपी मतदाताओं को लुभाने के लिए इसका प्रयोग कर रही है.'

पढ़ें- '370 खत्म हुआ, तो अल्ला कसम भारत से हमें आजादी मिल जाएगी'

आर्टिकल 370 और 35A के सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने का जिक्र करते हुए सर्राफ ने कहा कि अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए.

बीजेपी ने 1990 के दशक में राज्य से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों को वापस बसाने का भी वादा किया है. इस पर सर्राफ ने कहा कि ये अच्छा है कि बीजेपी ऐसा चाहती है. हालांकि, सर्राफ ने ये भी कहा कि क्या वे वापस आना चाहते हैं. ये सबसे अहम सवाल है. इसमें संदेह भी है.

Intro:New Delhi: The Bharatiya Janata Party (BJP) manifesto released today has national security as one of its key aspects, among them is the proposal to scrap Article 370 of the Indian Constitution, which grants special status to Jammu and Kashmir. To know whether BJP's decision will benefit the people of Jammu and Kashmir, ETV Bharat talked to Jammu and Kashmir security expert, Pushp Saraf, who said there is a need to discuss the issue rather than going ahead with its abrogation as and when BJP gets the majority.


Speaking on BJP's claim that Article 35A is an obstacle in the development of the state, the expert said it is only in the recent years that BJP has started raising questions on the relevance of Article 35A of the Indian constitution.





Body:"Since, Article 35A has survived so many years, to reject it overnightly will not have proper impact on the state as this act protects the special status of the people of the state. At the moment, BJP is using this issue just to woo voters in the elections," said Pushp Saraf.


He also added that since both the cases are pending in the Supreme Court it will be better to wait for the verdict of the apex court verdict and act accordingly.





Conclusion:Speaking on BJP's promise to bring back Kashmiri Pandits who had to flee Jammu and Kashmir in the 1990s due to militancy, Pushp said: "it's good that BJP wants to bring them back but do they want to come back, that's the main question and it seems doubtful."
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