चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में नौक्षम चौधरी को बीजेपी ने पुन्हाना से उम्मीदवार बनाया है. नौक्षम चौधरी राजनीति में कोई पुराना नाम नहीं हैं. वो अभी लंदन से आई हैं. और राजनीति के जरिए मेावात की किस्मत बदलने का दावा कर रही हैं.
नौक्षम चौधरी कुछ वक्त पहले ही लंदन से लौटी हैं. उन्होंने इंस्टीट्यूटो मेरागोनी से फैशन प्रमोशन मीडिया एंड कम्यूनिकेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है. उन्होंने फैशन बिजनेस एंड लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट में इटली से डिप्लोमा भी लिया है. नौक्षम चौधरी एक,दो नहीं बल्कि पूरी 10 भाषाओं की जानकार हैं.
दिल्ली में हुई है नौक्षम की पढ़ाई
नौक्षम चौधरी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है. और यहीं से मास्टर्स भी की है. दिल्ली यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने के बाद ही नौक्षम चौधरी लंदन गई थीं.
नौक्षम चौधरी के परिवार को जानिए
नौक्षम चौधरी का परिवार पढ़ा-लिखा परिवार है उनके पिता एक रिटायर्ड जज हैं और उनकी माता आईएएस ऑफिसर हैं. 28 साल की नौक्षम चौधरी भी उनके नक्शे कदम पर चली हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त की है.
राह आसान नहीं है ?
नौक्षम चौधरी को विजय रथ पर सवार भारतीय जनता पार्टी से टिकट तो मिल गया है लेकिन उनकी राह आसान नहीं होगी. क्योंकि बीजेपी ने उन्हें पुन्हाना से उम्मीदवार बनाया है. जहां से आज तक कोई महिला उम्मीदवार नहीं जीती है. मतलब नौक्षम चौधरी को अपनी जीत के साथ-साथ इतिहास भी बनाना होगा तभी उनका सपना साकार हो सकता है.
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नूंह में बीजेपी ने क्यों उतारे मुस्लिम उम्मीदवार ?
हरियाणा में लगभग 7 प्रतिशत मुस्लिमों की आबादी है लेकिन नूंह इकलौता ऐसा जिला है जहां मुस्लिमों की आबादी 70 प्रतिशत है. और इस जिले में 3 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से एक भी विधानसभा सीट पर कभी बीजेपी ने चुनाव नहीं जीता है. इसीलिए इस बार बीजेपी ने बाहर से आए 2 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है और एक युवा महिला नौक्षम चौधरी को मैदान में उतारा है. बीजेपी इन तीन मुस्लिम चेहरों के जरिए मेवात का वो किला फतह करना चाहती है जो उसके लिए आज तक अभेद बना रहा है. जाकिर हुसैन और नसीम अहमद को राजनीति विरासत में मिली है और दोनों का परिवार मेवात में बड़ी साख रखता है और नौक्षम चौधरी पढ़ी-लिखी महिला होने के नाते पुन्हाना के लोगों में काफी पसंद की जा रही हैं.