बेंगलुरु : कर्नाटक में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने 24 भाजपा विधायकों को कुछ बोर्डों और निगमों में नियुक्त किए जाने पर नाखुशी प्रकट की है. उनका मानना है कि इसके बाद उनमें से कुछ को मंत्रिपद नहीं दिया जा सकता है.
राज्य में भाजपा सरकार के एक साल पूरा होने पर विधायकों को बोर्डों और निगमों में नियुक्त करने के मुख्यमंत्री के निर्णय को अगले महीने मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार से पहले उन्हें शांत करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन, यह अहसास करते हुए कहा कि इन नियुक्तियों से उनकी मंत्रिपद आंकाक्षा पर विराम लग गया है, कई विधायकों ने मीडिया के सामने खुलकर अपनी नाखुशी जाहिर की.
विरोध के सुर उठने पर येदियुरप्पा ने बिना कारण बताए बाद में इस सूची से चार नाम वापस ले लिए.
ऐसी अटकलें हैं कि येदियुरप्पा अगस्त में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं और उन्हें मंत्रिपद पाने के इच्छुक लोगों का प्रबंधन करना होगा.
पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मंत्रिमंडल में जगह पाने के इंतजार में हैं. वहीं, कांग्रेस और जनता दल (धर्मनिरपेक्ष) छोड़कर आए एएच विश्वनाथ, आर शंकर और एमटीबी नागराज जैसे नेता भी मंत्रिपद का आस लगाए हुए हैं.
बोर्डों और निगमों में नियुक्ति की सूची आने के तुरंत बाद चित्रदुर्ग से वरिष्ठ पार्टी विधायक जी एच थिप्पारेड्डी ने कहा, 'मुझे मीडिया से पता चला कि मुझे बोर्ड का अध्यक्ष पद दिया गया. यह मेरे लिए खुशखबरी नहीं है. यदि मैं साफगोई से कहूं तो यह मेरे लिए अपमान है'.
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थिप्पारेड्डी को देवराज उर्स पिछड़ा वर्ग विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है. अन्य भाजपा विधायक एम पी कुमारस्वामी ने कहा कि वह बोर्ड या निगम का पद स्वीकार नहीं करेंगे और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम करेंगे.