नई दिल्ली : व्हाट्सएप द्वारा जासूसी मामले में कांग्रेस लगातार सरकार को घेराव कर रही है. इसके जवाब में भाजपा का कहना है कि सरकार ने व्हाट्सएप से जवाब तलब किया है. जवाब आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी.
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने केंद्र में सत्तारुढ़ दल भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुदेश वर्मा से बात चीत की. सुदेश वर्मा ने कांग्रेस द्वारा सरकार पर लगाए गाए आरोपों पर कांग्रेस से सवाल किए.
बकौल सुदेश वर्मा, 'सरकार के ऊपर क्यों आरोप लगए जा रहे हैं. इसको लेकर सरकार ने व्हाट्सएप से जावब मांगा है और इतनी बड़ी बात कह देना कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, अतिशयोक्ति है.'
इस सवाल पर कि सरकार ने इस पूरी घटना को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की, सुदेश वर्मा ने सरकार का बचाव किया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का इतना विस्तार (proliferation) हो चुका है, कि कब कौन किस पर हावी हो जाता है, पता नहीं लगता. हालांकि, जो भी हुआ है गलत हुआ है.
पत्रकारों को व्हाट्सएप द्वारा जासूसी का शिकार बनाए जाने के सवाल पर सुदेश वर्मा ने कहा कि जो लोग स्मार्टफोन और ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं उनको सतर्क रहना चाहिए.
व्हाट्सएप पर भारत में प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर सुदेश वर्मा ने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मामला है. इस पर बोलना मुश्किल है, यह सिर्फ सरकार ही बता पाएगी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, फेसबुक के स्वामित्व वाली कम्पनी व्हाट्सएप ने कहा है कि इजरायल स्पाईवेयर 'पेगासस' के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं. भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं.
व्हाट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है. यह इजरायल की निगरानी करने वाली कम्पनी है. समझा जाता है कि इसी कम्पनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं.
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चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं. इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं. हालांकि, व्हाट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किये गये हैं.