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ममता के आरोपों का भाजपा ने किया खंडन, कहा- सीबीआई अधिकारियों का नाम बताएं सीएम

तृणमूल कांग्रेस के ओर से टीएमसी विधायकों को बरगलाने के बीजेपी पर लग रहे आरोपों को पार्टी ने बेबुनियाद बताया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमन सिंह ने कहा कि तृणमूल के नेता खुद-ब-खुद पार्टी छोड़ने को तैयार हैं, ऐसे में किसी भी अन्य पार्टी पर आरोप मढ़ना ठीक नहीं.

दिलिप घोष और ममता बनर्जी
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Published : Jul 22, 2019, 12:09 AM IST

Updated : Jul 22, 2019, 8:01 PM IST

कोलकाता: ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी उनके विधायकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर कर्नाटक विधानसभा जैसी स्थिती पैदा कर रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इन सभी बातों को पूरी तरह से गलत ठहराया. वहीं कहा की ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि तृणमूल के विधायक खुद ही पार्टी छोड़ने को तैयार बैठे हैं.

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि लोग खुद ब खुद गिरने को तैयार हैं, पार्टी के अंदर ही विभाजन की स्थिति पैदा हो रही है. विधायक खुद ही पार्टी छोड़ने को तैयार हैं तो अब ऐसे ये गलत बात है कि वे भारतीय जनता पार्टी पर दोष मढ़ रही हैं.

रमन सिंह से ईटीवी भारत की बातचीत.

तृणमूल के आरोपों के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीबीआई के उन अधिकारियों का नाम बताने की रविवार को चुनौती दी, जिन्होंने भगवा दल में शामिल होने के लिए तृणमूल कांग्रेस नेताओं को कथित तौर पर धमकी दी थी.

रविवार को शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां उनकी पार्टी के नेताओं और निर्वाचित प्रतिनिधियों को भाजपा से संपर्क करने, अन्यथा चिट फंड घोटालों में जेल भेजने की धमकी दे रही हैं.

हालांकि, उन्होंने किसी केंद्रीय एजेंसी का नाम नहीं लिया.

बता दें कि पश्चिम बंगाल में हुए करोड़ों रूपये के दो पोंजी घोटालों की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अलग-अलग जांच कर रही है.

ममता बनर्जी के इस बयान पर घोष ने यहां संवाददाताओं से कहा, उन्होंने (बनर्जी ने) आरोप लगाया कि सीबीआई के अधिकारी उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भाजपा से संपर्क करने, अन्यथा चिटफंड घोटाले में जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं.मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह अपनी पार्टी के नेताओं को धमकाने वाले अधिकारियों के नाम बताएं.

घोष ने कहा, 'अगर वह किसी अधिकारी का नाम नहीं बता पाती हैं तो उन्हें बेबुनियाद आरोप लगाने से बचना चाहिए.'

बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा 'कर्नाटक में की गई (विधायकों की) खरीद फरोख्त को बंगाल में भी दोहराना चाहती है और तृणमूल कांग्रेस के प्रत्येक विधायक को दो करोड़ रुपये की नकदी तथा एक पेट्रोल पंप की पेशकश कर रही है.'

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के किसी भी विधायक का इतना ज्यादा ‘बाज़ार मूल्यनहीं है. यदि वे लोग सड़क पर भी खड़े हो जाएं तो भी उन्हें खरीदने में कोई रूचि नहीं लेगा.

उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस की वार्षिक रैली में उसके इतिहास में सबसे कम लोग पहुंचे.

प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, 'यह स्पष्ट हो गया है कि लोगों ने ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को खारिज कर दिया है। धन और अच्छे खाने का प्रलोभन भी स्थल पर खचाखच भीड़ नहीं जुटा पाया। यह दिखाता है कि तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में जमीन खो दी है.'

उन्होंने रेल सेवा में कटौती के बनर्जी के आरोप का भी खंडन किया है.

पढ़ें- बंगाल : बीजेपी नेता दिलीप घोष ने TMC रैली को बताया 'दीदी का सर्कस', FIR दर्ज

वहीं तृणमूल कांग्रेस पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बाबूल सुप्रियो ने ट्वीट किया, '19 में हाफ हुए थे 21 में साफ हो जाएंगे.'

उनके कहने का मतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सीट घटकर आधी होने तथा 2021 के आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के साफ हो जाने से है.

इस बीच, बंगला फिल्म जगत के दो अभिनेता रिमझिम मित्रा और सुरोजीत चौधरी ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया.

कोलकाता: ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी उनके विधायकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर कर्नाटक विधानसभा जैसी स्थिती पैदा कर रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इन सभी बातों को पूरी तरह से गलत ठहराया. वहीं कहा की ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि तृणमूल के विधायक खुद ही पार्टी छोड़ने को तैयार बैठे हैं.

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि लोग खुद ब खुद गिरने को तैयार हैं, पार्टी के अंदर ही विभाजन की स्थिति पैदा हो रही है. विधायक खुद ही पार्टी छोड़ने को तैयार हैं तो अब ऐसे ये गलत बात है कि वे भारतीय जनता पार्टी पर दोष मढ़ रही हैं.

रमन सिंह से ईटीवी भारत की बातचीत.

तृणमूल के आरोपों के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीबीआई के उन अधिकारियों का नाम बताने की रविवार को चुनौती दी, जिन्होंने भगवा दल में शामिल होने के लिए तृणमूल कांग्रेस नेताओं को कथित तौर पर धमकी दी थी.

रविवार को शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां उनकी पार्टी के नेताओं और निर्वाचित प्रतिनिधियों को भाजपा से संपर्क करने, अन्यथा चिट फंड घोटालों में जेल भेजने की धमकी दे रही हैं.

हालांकि, उन्होंने किसी केंद्रीय एजेंसी का नाम नहीं लिया.

बता दें कि पश्चिम बंगाल में हुए करोड़ों रूपये के दो पोंजी घोटालों की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अलग-अलग जांच कर रही है.

ममता बनर्जी के इस बयान पर घोष ने यहां संवाददाताओं से कहा, उन्होंने (बनर्जी ने) आरोप लगाया कि सीबीआई के अधिकारी उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भाजपा से संपर्क करने, अन्यथा चिटफंड घोटाले में जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं.मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह अपनी पार्टी के नेताओं को धमकाने वाले अधिकारियों के नाम बताएं.

घोष ने कहा, 'अगर वह किसी अधिकारी का नाम नहीं बता पाती हैं तो उन्हें बेबुनियाद आरोप लगाने से बचना चाहिए.'

बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा 'कर्नाटक में की गई (विधायकों की) खरीद फरोख्त को बंगाल में भी दोहराना चाहती है और तृणमूल कांग्रेस के प्रत्येक विधायक को दो करोड़ रुपये की नकदी तथा एक पेट्रोल पंप की पेशकश कर रही है.'

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के किसी भी विधायक का इतना ज्यादा ‘बाज़ार मूल्यनहीं है. यदि वे लोग सड़क पर भी खड़े हो जाएं तो भी उन्हें खरीदने में कोई रूचि नहीं लेगा.

उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस की वार्षिक रैली में उसके इतिहास में सबसे कम लोग पहुंचे.

प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, 'यह स्पष्ट हो गया है कि लोगों ने ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को खारिज कर दिया है। धन और अच्छे खाने का प्रलोभन भी स्थल पर खचाखच भीड़ नहीं जुटा पाया। यह दिखाता है कि तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में जमीन खो दी है.'

उन्होंने रेल सेवा में कटौती के बनर्जी के आरोप का भी खंडन किया है.

पढ़ें- बंगाल : बीजेपी नेता दिलीप घोष ने TMC रैली को बताया 'दीदी का सर्कस', FIR दर्ज

वहीं तृणमूल कांग्रेस पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बाबूल सुप्रियो ने ट्वीट किया, '19 में हाफ हुए थे 21 में साफ हो जाएंगे.'

उनके कहने का मतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सीट घटकर आधी होने तथा 2021 के आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के साफ हो जाने से है.

इस बीच, बंगला फिल्म जगत के दो अभिनेता रिमझिम मित्रा और सुरोजीत चौधरी ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया.

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Bengal BJP dares Mamata to name CBI officers who 'threatened' TMC leaders
(Eds: Updating with additional inputs, quotes)
         Kolkata, Jul 21 (PTI) West Bengal BJP president Dilip Ghosh dared Chief Minister Mamata Banerjee on Sunday to name the CBI officers, who had allegedly threatened TMC leaders to join the saffron camp.
         Addressing the Martyrs' Day rally here on Sunday, Banerjee, who is also the Trinamool Congress (TMC) supremo, alleged that central agencies were threatening leaders and elected representatives of her party to "get in touch" with the Bharatiya Janata Party (BJP) or face a jail term in chit fund scams.
         She, however, did not name any central agency.
         The Central Bureau of Investigation (CBI) and the Enforcement Directorate (ED) are separately probing two multi-crore-rupee Ponzi scheme cases in West Bengal.
         Ghosh said the chief minister was "trying to malign the CBI" as she was afraid of the investigations being conducted into the chit fund scams.
         "Today, she (Banerjee) alleged that CBI officers had asked her party workers to get in touch with the BJP or face imprisonment in connection with the chit fund scams. I challenge her to name the CBI officers, who threatened her party leaders.
         "If she is unable to name any officer, she should refrain from making baseless allegations," he said at a press conference here.
         Reacting to Banerjee's allegation that the BJP was luring TMC MLAs with Rs two crore in cash and a petrol pump, Ghosh said none of them, not even the chief minister, had such a high "market value".
         Banerjee alleged on Sunday that the saffron party was trying to "replicate Karnataka's horse-trading model" in Bengal by offering Rs two crore in cash and a petrol pump each to her party MLAs.
         "None of the TMC MLAs has such a high market value. Even if they stand idle on the road, no one would be interested in buying them. Not even Banerjee has such a high market value," the state BJP chief said.
         Responding to the TMC supremo's statement that a probe would be ordered to ascertain if state BJP leaders were taking commissions to extend the benefits of the Centre's Ujjwala scheme to the beneficiaries, he said the allegation was bereft of truth.
         "She has been saying this for the last few years. Why didn't she take any action in the matter all this while? No BJP leader is involved in any scam. Paying 'cut' money to TMC leaders, however, has become a way of life in Bengal," Ghosh asserted.
         He claimed that the rally organised by the TMC annually witnessed the lowest turnout in its history this year.
         "It is clear that people have rejected Mamata Banerjee and her party. Even the lure of money and a good lunch could not ensure a jam-packed venue. It shows that the TMC has lost ground in Bengal," the state BJP chief said.
         He also rejected the chief minister's contention that the railways curtailed services to stop her supporters from joining the rally as "an excuse to justify the poor turnout".
         "She (Banerjee) no longer attracts the masses, so she is trying to find excuses for the poor turnout at today's rally. The fact is that more trains were pressed into service, but the compartments were unoccupied," Ghosh said.
         Taking a dig at the TMC chief, Union minister and BJP leader Babul Supriyo said in a tweet, "'19 mein 'HALF' huye, '21 mein 'SAAF' hojayenge (Trinamool Samabesh)." (The TMC was reduced to half its strength in the 2019 Lok Sabha polls, it will be wiped out in the 2021 state Assembly election).
         The Martyrs' Day rally is organised by the TMC every year on July 21 in the memory of 13 Youth Congress activists killed in police firing in 1993 during the Left Front regime in West Bengal.
         Banerjee was a Youth Congress leader at that time.
         Meanwhile, two actors of the Bengali film industry -- Rimjhim Mitra and Surojit Chowdhury -- joined the BJP on Sunday, three days after 12 other actors joined the saffron party in New Delhi. PTI PNT RMS
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Last Updated : Jul 22, 2019, 8:01 PM IST
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