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कोरोना मरीजों के इलाज में इटोलिजूमैब दवा के प्रयोग को मिली मंजूरी

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Published : Jul 12, 2020, 5:54 AM IST

Updated : Jul 12, 2020, 4:57 PM IST

बायोकॉन कंपनी ने बीएसई को बताया कि डीसीजीआई ने कोविड-19 के कारण श्वसन संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के इलाज में इटोलिजूमैब इंजेक्शन (25 मिलीग्राम / 5 मिलीलीटर) का आपातकालीन प्रयोग करने की मंजूरी दी है.

biocon gets dcgi nod for use of itolizumab
इटोलिजूमैब के प्रयोग की मंजूरी मिली

नई दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बायोकॉन की बायोजॉलिक दवा इटोलिजूमैब (Itolizumab) का प्रयोग कोरोना मरीजों के इलाज में करने की भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई है. कंपनी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.

कंपनी ने बीएसई को बताया कि डीसीजीआई ने कोविड-19 के कारण श्वसन संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के इलाज में इटोलिजूमैब इंजेक्शन (25 मिलीग्राम / पांच मिलीलीटर) का आपातकालीन प्रयोग करने की मंजूरी दी है.

कंपनी ने कहा कि इटोलिजूमैब पहली ऐसी बायोलॉजिकल दवा है, जिसे दुनिया में हर जगह कोविड-19 के मरीजों के इलाज में प्रयोग की मंजूरी मिली है.

हालांकि, कंपनी ने अभी यह नहीं बताया है कि वह इस दवा को किस दर से बेचेगी. कंपनी ने कहा कि मुंबई और नई दिल्ली के कई अस्पतालों में नियंत्रित क्लीनिक परीक्षण के परिणामों के बाद इटोलिजूमैब के प्रयोग की मंजूरी मिली है.

बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने कहा कि नवोन्मेष आधारित एक बायोफार्मा होने के नाते कोविड-19 के मरीजों के इलाज में इटोलिजूमैब के प्रयोग की मंजूरी पाने से हम गौरवान्वित हैं. उन्होंने कहा कि इसने कोविड-19 महामारी को हराने के प्रयासों में हो रहे वैश्विक नवोन्मेष में भारत को अग्रणी बना दिया है. हमारी योजना कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित दुनिया के अन्य देशों में भी इस दवा को उपलब्ध कराने की है.

कोविड-19 महामारी को दूर करने के लिए भारत के प्रमुख वैश्विक अनुसंधानकर्ता प्रयास कर रहे है. नियंत्रण परीक्षण के दौरान संक्रमितों से इटोलिजूमैब की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.

किरण मजूमदार-शॉ का कहना है कि हम इस थेरेपी को दूनिया के अलग हिस्सों में ले जाने की योजना बना रहे हैं जो कोरोना वायरस से प्राभावित हैं.

दिल्ली के लोक नायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि अस्पताल में इटोलिजूमैब की मदद से आठ मरिजों का इलाज किया गया है. इटोलिजूमैब दवा ने मरीजों को जल्द ठीक करने में मदद की है. वह मरीज जो 80% वेंटिलेटर की मदद से ऑक्सीजन ले रहे थे, जिनके बचने की थोड़ी संभावना थी. इटोलिजूमैब के इलाज के बाद वह मरीज ठीक हो गए. उन्हें छुट्टी दे दी गई.

मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल के डॉ मोहन जोशी ने कहा कि हमारे अस्पताल में कोविड-19 के मरिजों में इटोलिजूमैब से सुधार पाया गया है. एआरडीएस (श्वसन संकट सिंड्रोम) क्लीनिकल, रेडियोलॉजिकल, इन्फ्लेमेटरी में भी मरीजों को ठीक करने में मदद कर रहा है.

बायोकॉन बायोलॉजिक्स के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप अठावले ने कहा कि हमें खुशी है कि भारत में इटोलिजूमैब के अच्छे परिणाम आ रहे हैं. इटोलिजूमैब से एक महीने की मृत्यु दर में कमी हुई है. उन्होंने बताया कि इटोलिजूमैब दवा देने के बाद मरीजों के pao2 (ऑक्सीजन का आंशिक दबाव) और spo2 (oxygen saturation) में भी सुधार हो रहा है. मरीज बिना वेंटिलेटर के भी श्वसन ले पा रहे हैं. एक्स -रे में पाया गया कि इटोलिजूमैब के बाद मरीजों में सूजन कम हुई.

नई दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बायोकॉन की बायोजॉलिक दवा इटोलिजूमैब (Itolizumab) का प्रयोग कोरोना मरीजों के इलाज में करने की भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई है. कंपनी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.

कंपनी ने बीएसई को बताया कि डीसीजीआई ने कोविड-19 के कारण श्वसन संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के इलाज में इटोलिजूमैब इंजेक्शन (25 मिलीग्राम / पांच मिलीलीटर) का आपातकालीन प्रयोग करने की मंजूरी दी है.

कंपनी ने कहा कि इटोलिजूमैब पहली ऐसी बायोलॉजिकल दवा है, जिसे दुनिया में हर जगह कोविड-19 के मरीजों के इलाज में प्रयोग की मंजूरी मिली है.

हालांकि, कंपनी ने अभी यह नहीं बताया है कि वह इस दवा को किस दर से बेचेगी. कंपनी ने कहा कि मुंबई और नई दिल्ली के कई अस्पतालों में नियंत्रित क्लीनिक परीक्षण के परिणामों के बाद इटोलिजूमैब के प्रयोग की मंजूरी मिली है.

बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने कहा कि नवोन्मेष आधारित एक बायोफार्मा होने के नाते कोविड-19 के मरीजों के इलाज में इटोलिजूमैब के प्रयोग की मंजूरी पाने से हम गौरवान्वित हैं. उन्होंने कहा कि इसने कोविड-19 महामारी को हराने के प्रयासों में हो रहे वैश्विक नवोन्मेष में भारत को अग्रणी बना दिया है. हमारी योजना कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित दुनिया के अन्य देशों में भी इस दवा को उपलब्ध कराने की है.

कोविड-19 महामारी को दूर करने के लिए भारत के प्रमुख वैश्विक अनुसंधानकर्ता प्रयास कर रहे है. नियंत्रण परीक्षण के दौरान संक्रमितों से इटोलिजूमैब की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.

किरण मजूमदार-शॉ का कहना है कि हम इस थेरेपी को दूनिया के अलग हिस्सों में ले जाने की योजना बना रहे हैं जो कोरोना वायरस से प्राभावित हैं.

दिल्ली के लोक नायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि अस्पताल में इटोलिजूमैब की मदद से आठ मरिजों का इलाज किया गया है. इटोलिजूमैब दवा ने मरीजों को जल्द ठीक करने में मदद की है. वह मरीज जो 80% वेंटिलेटर की मदद से ऑक्सीजन ले रहे थे, जिनके बचने की थोड़ी संभावना थी. इटोलिजूमैब के इलाज के बाद वह मरीज ठीक हो गए. उन्हें छुट्टी दे दी गई.

मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल के डॉ मोहन जोशी ने कहा कि हमारे अस्पताल में कोविड-19 के मरिजों में इटोलिजूमैब से सुधार पाया गया है. एआरडीएस (श्वसन संकट सिंड्रोम) क्लीनिकल, रेडियोलॉजिकल, इन्फ्लेमेटरी में भी मरीजों को ठीक करने में मदद कर रहा है.

बायोकॉन बायोलॉजिक्स के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप अठावले ने कहा कि हमें खुशी है कि भारत में इटोलिजूमैब के अच्छे परिणाम आ रहे हैं. इटोलिजूमैब से एक महीने की मृत्यु दर में कमी हुई है. उन्होंने बताया कि इटोलिजूमैब दवा देने के बाद मरीजों के pao2 (ऑक्सीजन का आंशिक दबाव) और spo2 (oxygen saturation) में भी सुधार हो रहा है. मरीज बिना वेंटिलेटर के भी श्वसन ले पा रहे हैं. एक्स -रे में पाया गया कि इटोलिजूमैब के बाद मरीजों में सूजन कम हुई.

Last Updated : Jul 12, 2020, 4:57 PM IST
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