शिमला: बिलासपुर से लेह तक रेल लाइन बिछाने का कार्य 3 साल के सर्वे के बाद पूरा हो पाएगा. लेह तक रेल लाइन पहुंचाने के लिए सर्वे का काम शुरू हो चुका है, लेकिन इस सर्वे की अवधि 3 साल की है.
सर्वे के बाद जब पूरे प्रोजेक्ट की रिपोर्ट सबमिट होगी तब इस बात की संभावना देखी जाएगी कि लेह तक रेल लाइन पहुंचाने के लिए कितने बजट की आवश्यकता है और इसकी फाइनेंशियल लायबिलिटी कितनी है. यह बात कालका शिमला हेरिटेज रेलवे लाइन के लिए कि निरीक्षण के लिए शिमला पहुंचे उत्तर रेलवे महाप्रबंधक टीपी सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि बिलासपुर तक रेल लाइन बिछाने की स्वीकृति मिल चुकी है और इसका काम भी शुरू हो चुका है.
बिलासपुर से लेह तक जो रेल लाइन बिछाई जाएगी उसे ब्रॉडगेज बनाया जाएगा. लेह तक ब्रॉडगेज रेल लाइन बिछाने को लेकर संभावनाएं तलाशी जा रही हैं और सर्वे का काम पूरा होने के बाद ही यह निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर लेह तक रेल लाइन बिछाने का काम नेशनल प्रोजेक्ट घोषित होता है तो इसे बजट की कमी नहीं रहेगी और फाइनेंशियल लायबिलिटी भी नहीं आएगी.
हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि बिलासपुर-लेह रेल लाइन जम्मू कश्मीर के लिए भी एक वैकल्पिक मार्ग रहेगा तो ऐसे में यह प्रोजेक्ट नेशनल प्रोजेक्ट भी घोषित हो सकता है, लेकिन इसे लेकर स्थिति 3 साल का सर्वे पूरा होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी.
टीपी सिंह ने कहा कि कालका शिमला हेरिटेज ट्रैक को ब्रॉडगेज करना संभव नहीं है. ऐसे में हम ब्रॉडगेज का हिमाचल में लेह की तरफ प्लान कर रहे हैं. बिलासपुर से लेह तक ब्रॉडगेज ही लाइन बिछेगी और बिलासपुर में तो इसका काम शुरू हो चुका है.
टीपी सिंह ने बताया कि कालका शिमला हेरिटेज ट्रैक पर बहुत तीखे मोड़ है ऐसे में इसे ब्रॉडगेज करना संभव नहीं है और इसके लिए बहुत घूम कर आना होगा. ऐसे में यह संभव नहीं है कि इस हेरिटेज रेल ट्रैक को ब्रॉडगेज किया जाए.
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