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CAA विरोध : भीम आर्मी प्रमुख ने कहा - नहीं होने देंगे देश को विभाजित - BHIM ARMY CHIEF CHANDRASHEKHAR ON CA

देशभर में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. भीम आर्मी भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में खड़ी हो गई है. भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने नागरिकता संशोधन कानून को मुस्लिम और दलित विरोधी करार देते हुए कहा कि वह देश को विभाजित नहीं होने देंगे. पढ़ें पूरी खबर...

protest against citizenship amendment act
फाइल फोटो
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Published : Dec 17, 2019, 9:09 PM IST

Updated : Dec 17, 2019, 10:04 PM IST

नई दिल्ली : भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने नागरिकता संशोधन कानून, 2019 पर अपना विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा करनी होगी क्योंकि यदि यह सुरक्षित रहेगा, तभी देश सुरक्षित रहेगा.

चंद्रशेखर ने मंगलवार को यहां एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में इस कानून को देश विरोधी, मुस्लिम विरोधी और दलित विरोधी करार देते हुए कहा, 'बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि जिस दिन देश धर्म के नाम पर चलेगा, उस दिन पूरा देश बर्बाद हो जाएगा, लेकिन हम इस देश को विभाजित नहीं होने देंगे.'

भीम आर्मी प्रमुख का बयान

आजाद ने कहा कि देश में इस समय बेरोजगारी और खराब अर्थव्यवस्था ही मुख्य मुद्दे हैं. सरकार इस कानून को लाकर आम नागरिकों का ध्यान भटकाना चाहती है और देश में उठ रही आरक्षण की मांग से बचना चाहती है.

मौजूदा सरकार पर कटाक्ष करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 'केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून के जरिये बाहरी देशों के लोगों को हमारे देश में लाना चाहती है जबकि हमारे देश के ही अंदर कई ऐसी आदिवासी जातियां हैं, जिनको नागरिकता नहीं मिली है.'

चंद्रशेखर आजाद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि इस कानून के आने के बाद पूरा देश जल रहा है, लोगों ने यह सरकार अपने फायदे के लिए चुनी थी, लेकिन यह सरकार मुस्लिम और गोरखा समाज के लोगों को तो देश से बाहर निकालने के लिए कानून लेकर आई है.

उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह 20 दिसंबर को राजधानी की जामा मस्जिद से लेकर जंतर-मंतर तक मार्च करेंगे और वहीं पर अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे.

जामा मस्जिद से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मार्च निकालने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के योद्धा मौलाना अबुल कलाम आजाद ने जामा मस्जिद पर ही अपने भाषण के जरिए अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई शुरू की थी और अब मौजूदा सरकार भी लोगों को धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रही है.

पढ़ें-नागरिकता कानून के खिलाफ विपक्षी दलों के नेता एकजुट, राष्ट्रपति कोविंद को सौंपा ज्ञापन

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश में विरोध हो रहा है. इस विरोध में हर वर्ग के लोग शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सभी से शांति की अपील की थी.

इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर भारत आए हिन्दू समेत छह धर्मों के उन लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे.

नई दिल्ली : भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने नागरिकता संशोधन कानून, 2019 पर अपना विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा करनी होगी क्योंकि यदि यह सुरक्षित रहेगा, तभी देश सुरक्षित रहेगा.

चंद्रशेखर ने मंगलवार को यहां एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में इस कानून को देश विरोधी, मुस्लिम विरोधी और दलित विरोधी करार देते हुए कहा, 'बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि जिस दिन देश धर्म के नाम पर चलेगा, उस दिन पूरा देश बर्बाद हो जाएगा, लेकिन हम इस देश को विभाजित नहीं होने देंगे.'

भीम आर्मी प्रमुख का बयान

आजाद ने कहा कि देश में इस समय बेरोजगारी और खराब अर्थव्यवस्था ही मुख्य मुद्दे हैं. सरकार इस कानून को लाकर आम नागरिकों का ध्यान भटकाना चाहती है और देश में उठ रही आरक्षण की मांग से बचना चाहती है.

मौजूदा सरकार पर कटाक्ष करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 'केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून के जरिये बाहरी देशों के लोगों को हमारे देश में लाना चाहती है जबकि हमारे देश के ही अंदर कई ऐसी आदिवासी जातियां हैं, जिनको नागरिकता नहीं मिली है.'

चंद्रशेखर आजाद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि इस कानून के आने के बाद पूरा देश जल रहा है, लोगों ने यह सरकार अपने फायदे के लिए चुनी थी, लेकिन यह सरकार मुस्लिम और गोरखा समाज के लोगों को तो देश से बाहर निकालने के लिए कानून लेकर आई है.

उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह 20 दिसंबर को राजधानी की जामा मस्जिद से लेकर जंतर-मंतर तक मार्च करेंगे और वहीं पर अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे.

जामा मस्जिद से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मार्च निकालने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के योद्धा मौलाना अबुल कलाम आजाद ने जामा मस्जिद पर ही अपने भाषण के जरिए अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई शुरू की थी और अब मौजूदा सरकार भी लोगों को धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रही है.

पढ़ें-नागरिकता कानून के खिलाफ विपक्षी दलों के नेता एकजुट, राष्ट्रपति कोविंद को सौंपा ज्ञापन

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश में विरोध हो रहा है. इस विरोध में हर वर्ग के लोग शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सभी से शांति की अपील की थी.

इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर भारत आए हिन्दू समेत छह धर्मों के उन लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे.

Intro:नई दिल्ली। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने नागरिकता संशोधन कानून, 2019 पर अपना विरोध जताया और कहा कि हमें संविधान की रक्षा करनी होगी क्योंकि यदि यह सुरक्षित रहेगा तभी देश सुरक्षित रहेगा। उन्होंने इस कानून को देश विरोधी, मुस्लिम विरोधी और दलित विरोधी बताते हुए कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि जिस दिन देश धर्म के नाम पर चलेगा उस दिन पूरा देश बर्बाद हो जाएगा लेकिन हम इस देश को विभाजित नहीं होने देंगे।


Body:चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि देश में जो इस समय मुख्य मुद्दे हैं वह बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था है और सरकार इस कानून को लाकर आम नागरिकों का ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि देश में जो आरक्षण की मांग उठ रही है उससे यह सरकार बचना चाहती है।

मौजूदा सरकार पर कटाक्ष करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून के जरिए बाहरी देशों के लोगों को हमारे देश में लाना चाहती है जबकि हमारे देश के ही अंदर कई ऐसी आदिवासी जातियां हैं जिनको नागरिकता नहीं मिली है।

चंद्रशेखर आजाद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस कानून के आने के बाद पूरा देश जल रहा है, लोगों ने यह सरकार अपने फायदे के लिए चुनी थी लेकिन यह सरकार मुस्लिम और गोरखा समाज के लोगों को तो देश से बाहर निकालने के लिए कानून ले आई।


Conclusion:दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान चंद्रशेखर आजाद ने यह भी घोषणा कर दी कि वह 20 दिसंबर को राजधानी की जामा मस्जिद से लेकर जंतर-मंतर तक मार्च करने के बाद और वहीं पर अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।

उन्होंने जामा मस्जिद से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मार्च निकालने की वजह बताते हुए कहा कि स्वाधीनता संग्राम के योद्धा मौलाना अबुल कलाम आजाद ने जामा मस्जिद पर ही अपने भाषण के जरिए अंग्रेजो के खिलाफ बंटवारे की लड़ाई शुरु की थी और अब मौजूदा सरकार भी लोगों को धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रही है।

बता दे की नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश में विरोध हो रहा है। इस विरोध में ज्यादातर छात्र शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सभी से शांति की अपील की थी। इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हिंदू समेत छह धर्मों के उन लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे।
Last Updated : Dec 17, 2019, 10:04 PM IST
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