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संविधान को ताक पर रख कर सारे कानून बना रही है केंद्र सरकार :चंद्रशेखर आजाद

जेल से बाहर आए चंद्रशेखर आजाद ने फिर एक बार केंद्र सरका पर हमला बोला है. आजाद ने मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार को यह संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में सीएए और एनआरसी को लेकर उनका आंदोलन और तीव्र और व्यापक होगा. पूरी खबर पढ़े-

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चंद्रशेखर आजाद
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Published : Jan 17, 2020, 11:46 PM IST

नई दिल्ली: जेल से रिहा होते ही चंद्रशेखर आजाद ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि चाहे यह सरकार उन्हें कितनी बार भी जेल भेज दे वह नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे.

सीएए और एनआरसी को देश की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बड़ी साजिश बताते हुए दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने कहा इसका विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार और कर्तव्य है, लेकिन सरकार हमें इससे महरुम रखना चाहती है.

मीडिया को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि 'केंद्र सरकार ने हाल के दिनों में जितने भी कानून बनाएं है वह संविधान को ताक पर रख कर बनाए हैं.

चंद्रशेखर आजाद मीडिया से बात करते हुे
उन्होंने कहा कि अगर देश का संविधान कमजोर पड़ गया, तो हम सभ वैध नहीं माने जाएंगे. जाति-धर्म से उपर भी एक मजहब है जिसे इंसानियत कहते है वह कमजोर पड़ जाएगा, इसके लिए ही हमलोग लड़ रहे हैं'.

वहीं, दूसरी तरफ हाल के दिनों में दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और जेएनयू के छात्रों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर चंद्रशेखर ने कहा कि ' जिस देश में महिलाओं को देवी कहा जाता है वहां उन्हें पुलिस के द्वारा पीटा गया'. साथ ही उन्होंने कहा कि जो जामिया और जेएनयू में हुआ वह बहुत ही गलत था.

आपको बता दें कि चंद्रशेखर को सशर्त जमानत दी गई है. इस मुद्दे पर उन्होंने मीडिया को बताया कि कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें भविष्य में दिल्ली आने की इजाजत भी नहीं दी गई है. लेकिन उनकी लीगल टीम इस पर काम कर रही है और वह प्रयास करेंगे कि उन्हें दिल्ली में आने जाने की और अपनी बात कहने की इजाजत कोर्ट से मिल जाए.

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि जो भी मोदी सरकार के तुगलकी फैसले के खिलाफ आवाज उठाता है, वह उसे देश के लिए खतरा बता देते हैं. आज के दिन में चंद्रशेखर आजाद की आजादी उनकी नजर में देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है.

एक संगठित विपक्ष के साथ नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध ना हो पाने के सवाल पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि क्योंकि विपक्ष कमजोर है, ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि हम इसका विरोध करें.

बता दें कि चंद्रशेखर आजाद को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली के जामा मस्जिद से गिरफ्तार किया गया था.

मीडिया से बातचीत के दौरान चंद्रशेखर आजाद ने जानकारी दी कि उनके जिस भाषण को भड़काऊ करार देकर उन्हें गिरफ्तार किया गया था, दरअसल वह संविधान के ही प्रस्तावना की पंक्तियां पढ़ रहे थे.

जेल के अपने कड़वे अनुभव को साझा करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा की जेल में उन्हें उचित उपचार मुहैया नहीं कराया गया, जबकि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी.

जेल के भीतर जब उन्हें डॉक्टरों से मिलने का मौका दिया गया तो डॉक्टरों ने भी उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया.

बहरहाल अपने भविष्य की रणनीति को साझा करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा की एनआरसी और सीए जैसे कानून देश में दलित और गरीबों के लिए भी खतरा पैदा करेंगे. इसलिए देशभर के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के अलावा वह दलित और पिछड़े समुदाय को भी आनेवाले दिनों में एकजुट करने की कोशिश करते रहेंगे और किसी भी कीमत पर देश के किसी भी नागरिक को यहां से बाहर नहीं होने देंगे.

भविष्य की रणनीति के सवाल पर चंद्रशेखर आजाद रावण ने राजनीति में आने के संकेत भी दिए हैं, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि अभी उनकी प्राथमिकता केवल यही है कि यह सरकार जिस रूप में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आई है, उसका स्वरूप बदला जाए और इसके लिए देश भर में लोगों को एकजुट होने की जरूरत है और वह यह काम करते रहेंगे.

नई दिल्ली: जेल से रिहा होते ही चंद्रशेखर आजाद ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि चाहे यह सरकार उन्हें कितनी बार भी जेल भेज दे वह नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे.

सीएए और एनआरसी को देश की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बड़ी साजिश बताते हुए दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने कहा इसका विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार और कर्तव्य है, लेकिन सरकार हमें इससे महरुम रखना चाहती है.

मीडिया को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि 'केंद्र सरकार ने हाल के दिनों में जितने भी कानून बनाएं है वह संविधान को ताक पर रख कर बनाए हैं.

चंद्रशेखर आजाद मीडिया से बात करते हुे
उन्होंने कहा कि अगर देश का संविधान कमजोर पड़ गया, तो हम सभ वैध नहीं माने जाएंगे. जाति-धर्म से उपर भी एक मजहब है जिसे इंसानियत कहते है वह कमजोर पड़ जाएगा, इसके लिए ही हमलोग लड़ रहे हैं'.

वहीं, दूसरी तरफ हाल के दिनों में दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और जेएनयू के छात्रों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर चंद्रशेखर ने कहा कि ' जिस देश में महिलाओं को देवी कहा जाता है वहां उन्हें पुलिस के द्वारा पीटा गया'. साथ ही उन्होंने कहा कि जो जामिया और जेएनयू में हुआ वह बहुत ही गलत था.

आपको बता दें कि चंद्रशेखर को सशर्त जमानत दी गई है. इस मुद्दे पर उन्होंने मीडिया को बताया कि कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें भविष्य में दिल्ली आने की इजाजत भी नहीं दी गई है. लेकिन उनकी लीगल टीम इस पर काम कर रही है और वह प्रयास करेंगे कि उन्हें दिल्ली में आने जाने की और अपनी बात कहने की इजाजत कोर्ट से मिल जाए.

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि जो भी मोदी सरकार के तुगलकी फैसले के खिलाफ आवाज उठाता है, वह उसे देश के लिए खतरा बता देते हैं. आज के दिन में चंद्रशेखर आजाद की आजादी उनकी नजर में देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है.

एक संगठित विपक्ष के साथ नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध ना हो पाने के सवाल पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि क्योंकि विपक्ष कमजोर है, ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि हम इसका विरोध करें.

बता दें कि चंद्रशेखर आजाद को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली के जामा मस्जिद से गिरफ्तार किया गया था.

मीडिया से बातचीत के दौरान चंद्रशेखर आजाद ने जानकारी दी कि उनके जिस भाषण को भड़काऊ करार देकर उन्हें गिरफ्तार किया गया था, दरअसल वह संविधान के ही प्रस्तावना की पंक्तियां पढ़ रहे थे.

जेल के अपने कड़वे अनुभव को साझा करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा की जेल में उन्हें उचित उपचार मुहैया नहीं कराया गया, जबकि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी.

जेल के भीतर जब उन्हें डॉक्टरों से मिलने का मौका दिया गया तो डॉक्टरों ने भी उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया.

बहरहाल अपने भविष्य की रणनीति को साझा करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा की एनआरसी और सीए जैसे कानून देश में दलित और गरीबों के लिए भी खतरा पैदा करेंगे. इसलिए देशभर के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के अलावा वह दलित और पिछड़े समुदाय को भी आनेवाले दिनों में एकजुट करने की कोशिश करते रहेंगे और किसी भी कीमत पर देश के किसी भी नागरिक को यहां से बाहर नहीं होने देंगे.

भविष्य की रणनीति के सवाल पर चंद्रशेखर आजाद रावण ने राजनीति में आने के संकेत भी दिए हैं, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि अभी उनकी प्राथमिकता केवल यही है कि यह सरकार जिस रूप में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आई है, उसका स्वरूप बदला जाए और इसके लिए देश भर में लोगों को एकजुट होने की जरूरत है और वह यह काम करते रहेंगे.

Intro:अभी हाल में जेल से रिहा हुए दलित नेता चंद्रशेखर आजाद रावण ने एक बार फिर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि चाहे यह सरकार उन्हें कितनी बार भी जेल भेज दे वह सीए और एनआरसी के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को देश की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बड़ी साजिश बताते हुए दलित नेता चंद्रशेखर आजाद रावण ने कहा किसका विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार भी है और कर्तव्य भी लेकिन इससे भी यह सरकार हमें महरुम रखना चाहती है। चंद्रशेखर ने जेल से रिहा होने के बाद आज पहली बार देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया को संबोधित किया और बताया कि कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें भविष्य में दिल्ली आने की इजाजत भी नहीं दी गई है। लेकिन उनकी लीगल टीम इस पर काम कर रही है और वह प्रयास करेंगे कि उन्हें दिल्ली में आने जाने की और अपनी बात कहने की इजाजत कोर्ट से मिल जाए। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि जो भी मोदी सरकार के तुगलकी फैसले के खिलाफ आवाज उठाता है वह उसे देश के लिए खतरा बता देते हैं आज चंद्रशेखर आजाद की आजादी उनकी नजर में देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है।


Body:एक संगठित विपक्ष के साथ नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध ना हो पाने के सवाल पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि क्योंकि विपक्ष कमजोर है ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि हम इसका विरोध करें। चंद्रशेखर आजाद को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली के जामा मस्जिद से गिरफ्तार किया गया था। मीडिया से बातचीत करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने जानकारी दी कि उनके जिस भाषण को भड़काऊ करार देकर उन्हें गिरफ्तार किया गया दरअसल वह संविधान के ही प्रियम बल की पंक्तियां पढ़ रहे थे। जेल के अपने कड़वे अनुभव को साझा करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा की जेल में उन्हें उचित उपचार मुहैया नहीं कराया गया जबकि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। जेल के भीतर जब उन्हें डॉक्टरों से मिलने का मौका दिया गया तो डॉक्टरों ने भी उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया।
बहरहाल अपने भविष्य की रणनीति को साझा करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा की एनआरसी और सीए जैसे कानून देश में दलित और गरीबों के लिए भी खतरा पैदा करेंगे इसलिए देशभर के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के अलावा वह दलित और पिछड़े समुदाय को भी एकजुट करने की कोशिश करते रहेंगे और किसी भी कीमत पर देश के किसी भी नागरिक को यहां से बाहर नहीं होने देंगे। भविष्य की रणनीति के सवाल पर चंद्रशेखर आजाद रावण ने राजनीति में आने के संकेत भी दिए हैं लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि अभी उनकी प्राथमिकता केवल यही है कि यह सरकार जिस रूप में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आई है उसका स्वरूप बदला जाए और इसके लिए देश भर में लोगों को एकजुट होने की जरूरत है और वह यह काम करते रहेंगे।


Conclusion:मोदी सरकार पर तंज कसते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बहरहाल मोदी सरकार और उनके मंत्री उनके खिलाफ रणनीति बनाने में व्यस्त होंगे और यह सोच रहे होंगे कि अब जब मैं बाहर हूं तो दोबारा किस तरह से मुझे जेल के अंदर भिजवा दिया जाए।
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