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चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध से भड़कीं मायावती, कहा- EC के इतिहास का काला दिन

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. चुनाव प्रचार से रोके जाने को इतिहास का काला दिन बताया. पढ़ें क्या है पूरा मामला...

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Published : Apr 15, 2019, 10:20 PM IST

Updated : Apr 15, 2019, 11:38 PM IST

मायावती और सुनील अरोड़ा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित किए जाने को मायावती ने अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया है.

दरअसल, चुनाव आयोग ने मायावती पर 48 घंटों का प्रतिबंध लगाया है. प्रतिबंध की अवधि मंगलवार सुबह 10 बजे से प्रभावी होगी.

मायावती पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा है. उन्होंने एक समुदाय विशेष से बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील की थी.

mayawati attacks election commission
चुनाव प्रचार से रोके जाने पर मायावती का बयान

मायावती ने प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये चुनाव आयोग के इतिहास का काला दिन है.

mayawati attacks election commission
चुनाव प्रचार से रोके जाने पर मायावती का बयान

मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग ने 48 घंटे के प्रतिबंध का फैसला दबाव में लिया है. उन्होंने इस फैसले को एक साजिश और लोकतंत्र की हत्या करार दिया.

सोमवार देर रात एक प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने कहा कि आयोग ने सहारनपुर के देवबंद में दिये गये बयान पर उनकी सफाई को नजरअंदाज कर दिया.

उन्होंने कहा 'संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत किसी को अपनी बात रखने से वंचित नहीं किया जा सकता लेकिन आयोग ने अभूतपूर्व आदेश देकर मुझे बगैर किसी सुनवाई के असंवैधानिक तरीके से क्रूरतापूर्वक वंचित कर दिया. यह दिन काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा. यह फैसला किसी दबाव में लिया गया ही प्रतीत होता है.'

बसपा प्रमुख ने कहा कि हमें अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा है. उन्होंने समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि वे और निडर होकर बसपा तथा गठबंधन प्रत्याशियों को पूरा समर्थन दें. भाजपा और अन्य विरोधियों की जमानत जब्त कराएं.

मायावती ने कहा कि आयोग के इस आदेश के कारण वह मंगलवार को आगरा में होने वाली महागठबंधन की संयुक्त रैली में बसपा और गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में अपील नहीं कर सकेंगी.

बकौल मायावती आयोग को अच्छी तरह मालूम है कि लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण कर मतदान 18 अप्रैल को है, और प्रचार का समय कल 16 अप्रैल को खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर आयोग की मंशा गलत नहीं थी, तो वह उसे एक दिन बाद उसे लागू करता.

उन्होंने कहा कि आयोग ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नफरत फैलाने और देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की खुली छूट दे रखी है.

बता दें कि चुनाव आयोग ने मायावती के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित किया है.

ये भी पढ़ें: आजम खान और मेनका गांधी पर EC की सख्त कार्रवाई, चुनाव प्रचार करने पर आंशिक रोक

योगी पर 72 घंटों की पाबंदी लगाई गई है. आयोग के मुताबिक प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के कारण योगी की जवाबदेही ज्यादा है.

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आजम खान और बीजेपी सांसद मेनका गांधी पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. आजम खान ने रामपुर संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है.

(भाषा इनपुट)

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित किए जाने को मायावती ने अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया है.

दरअसल, चुनाव आयोग ने मायावती पर 48 घंटों का प्रतिबंध लगाया है. प्रतिबंध की अवधि मंगलवार सुबह 10 बजे से प्रभावी होगी.

मायावती पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा है. उन्होंने एक समुदाय विशेष से बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील की थी.

mayawati attacks election commission
चुनाव प्रचार से रोके जाने पर मायावती का बयान

मायावती ने प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये चुनाव आयोग के इतिहास का काला दिन है.

mayawati attacks election commission
चुनाव प्रचार से रोके जाने पर मायावती का बयान

मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग ने 48 घंटे के प्रतिबंध का फैसला दबाव में लिया है. उन्होंने इस फैसले को एक साजिश और लोकतंत्र की हत्या करार दिया.

सोमवार देर रात एक प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने कहा कि आयोग ने सहारनपुर के देवबंद में दिये गये बयान पर उनकी सफाई को नजरअंदाज कर दिया.

उन्होंने कहा 'संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत किसी को अपनी बात रखने से वंचित नहीं किया जा सकता लेकिन आयोग ने अभूतपूर्व आदेश देकर मुझे बगैर किसी सुनवाई के असंवैधानिक तरीके से क्रूरतापूर्वक वंचित कर दिया. यह दिन काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा. यह फैसला किसी दबाव में लिया गया ही प्रतीत होता है.'

बसपा प्रमुख ने कहा कि हमें अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा है. उन्होंने समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि वे और निडर होकर बसपा तथा गठबंधन प्रत्याशियों को पूरा समर्थन दें. भाजपा और अन्य विरोधियों की जमानत जब्त कराएं.

मायावती ने कहा कि आयोग के इस आदेश के कारण वह मंगलवार को आगरा में होने वाली महागठबंधन की संयुक्त रैली में बसपा और गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में अपील नहीं कर सकेंगी.

बकौल मायावती आयोग को अच्छी तरह मालूम है कि लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण कर मतदान 18 अप्रैल को है, और प्रचार का समय कल 16 अप्रैल को खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर आयोग की मंशा गलत नहीं थी, तो वह उसे एक दिन बाद उसे लागू करता.

उन्होंने कहा कि आयोग ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नफरत फैलाने और देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की खुली छूट दे रखी है.

बता दें कि चुनाव आयोग ने मायावती के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित किया है.

ये भी पढ़ें: आजम खान और मेनका गांधी पर EC की सख्त कार्रवाई, चुनाव प्रचार करने पर आंशिक रोक

योगी पर 72 घंटों की पाबंदी लगाई गई है. आयोग के मुताबिक प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के कारण योगी की जवाबदेही ज्यादा है.

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आजम खान और बीजेपी सांसद मेनका गांधी पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. आजम खान ने रामपुर संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है.

(भाषा इनपुट)

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नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित किए जाने को मायावती ने अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया है.



दरअसल, चुनाव आयोग ने मायावती पर 48 घंटों का प्रतिबंध लगाया है. प्रतिबंध की अवधि मंगलवार सुबह 10 बजे से प्रभावी होगी.



मायावती पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा है. उन्होंने एक समुदाय विशेष से बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील की थी.



मायावती ने प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये चुनाव आयोग के इतिहास का काला दिन है.



बता दें कि चुनाव आयोग ने मायावती के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित किया है. 

योगी पर 72 घंटों की पाबंदी लगाई गई है. आयोग के मुताबिक प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के कारण योगी की जवाबदेही ज्यादा है.

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आजम खान और बीजेपी सांसद मेनका गांधी पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं.  आजम खान ने रामपुर संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है.


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Last Updated : Apr 15, 2019, 11:38 PM IST
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