ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा दोबारा सरकार बनाएगी. रात 10:50 बजे तक आए आंकड़ों के मुताबिक राज्य की कुल 60 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 26 सीटें जीत ली हैं. इसके अलावा पार्टी के पांच उम्मीदवारों को बढ़त भी हासिल है. ऐसे में बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी, इस बात की पूरी संभावना है. बीजेपी की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड को छह सीटों पर जीत मिली है.
खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने ट्वीट कर अरुणाचल की जनता का आभार व्यक्त किया है. भारतीय जनता पार्टी के खाते में तीन सीट बिना लड़े ही जुड़ गए. इन सीटों पर जीतने के बाद बीजेपी के खाते में 23 सीटें आ चुकी हैं.
पहली बार जदयू को यहां छह सीट पर जीत मिली है जबकि दो सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को भी जीत मिली है. कांग्रेस के तीन कैंडिडेट जीते हैं. अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 11 अप्रैल को मतदान हुआ था.
भाजपा को कालकटंग विधानसभा क्षेत्र में बड़ा झटका लगा है, क्योंकि यहां से विधानसभा के अध्यक्ष तेंजिंग नोरबू थोंगडोक पहली बार चुनाव लड़ रहे जदयू के उम्मीदवार दोरजी वांग्दी खारमा से 1772 वोटों से हार गए. थोंगडोक इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं.
बामेंग सीट से भाजपा उम्मीदवार गोरुक पोरडंग ने गृह मंत्री और एनपीपी उम्मीदवार कुमार वाई को 393 वोटों से हराकर बड़ा उलटफेर किया है.
नामसाई जिले की चौखम सीट से उप मुख्यमंत्री चौना मेइन ने कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी खुनंग क्री को 7,291 वोटों से हराया. भाजपा ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है.
इससे पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व मेइन के बड़े भाई सी टी मेइन करते थे. उप मुख्यमंत्री पहले 1995 से नामसाई जिले के लेकंग से चुनाव लड़ते थे और उन्हें लगातार पांच बार जीत मिली थी. उन्हें स्थायी निवास प्रमाण पत्र मुद्दे की वजह से अपने गढ़ को छोड़ना पड़ा. इस मुद्दे पर राज्य में हिंसा की घटनाएं हुई थीं.
पोंगचाओ वक्का सीट से शिक्षा मंत्री होनचुन नगंडम ने कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी थंगकाई खुसुमचाई को 3788 मतों से हराया.
नामसांग सीट से पीएचई मंत्री और भाजपा के उम्मीदवार वांगकी लोवांग ने एनपीपी उम्मीदवार नोंग्लिन बोई को 1682 मतों से हराया. लोवांग को 3,202 मत मिले जबकि बोई को 1,520 मत मिले.
लिरोमोबा से भाजपा के मौजूदा विधायक न्यामार कारबाक ने तीसरी बार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एनपीपीपी के उम्मीदवार जरपुम गामलिन को 664 मतों से हराया.
खोन्सा पूर्व सीट से भाजपा उम्मीदवार वंगलाम सविन ने एनपीपी के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी दानहांग फुक्सा को हराया. डोइमुख से भाजपा उम्मीदवार ताना हाली तारा ने नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के उम्मीदवार नबाम विवेक को 2,385 मतों से हराया.
ईटानगर से जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार तेची कासो ने भाजपा के उम्मीदवार किपा बाबू को 302 वोट से हराया.
तवांग जिले की लुम्ला विधानसभा सीट से भाजपा के जांबे टाशी ने एनपीपी के जाम्पा थिरनलय कुनखाप को 1288 मतों से हराया.
नारी कोयु विधानसभा सीट से भाजपा की विधायक केन्तो रीना ने अपनी सीट बरकरार रखी और उन्होंने कांग्रेस के टोजीर कादु को 216 मतों से हराया.
बोरडुमसा-डियुम क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार सोमलंग मौसंग ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जावरा मायो को 2,379 मत से हराया.
भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनाव में 11 सीटों पर जीत मिली थी. बाद में साल 2016 में कांग्रेस की टिकट पर जीते 37 विधायक पीपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल प्रदेश (पीपीए) में शामिल हो गए थे. इसमें पेमा खांडू भी शामिल थे.
पीपीए वही क्षेत्रीय पार्टी है जिसमें दिवंगत मुख्यमंत्री कालिखो पुल अपने 22 बागी विधायकों के साथ शामिल हो गए थे. बीजेपी के समर्थन से प्रदेश में सरकार बनाने के बावजूद कालिखो पुल की सरकार केवल पांच महीने ही चल पाई थी.