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अधूरी रह गई जेटली की ये इच्छा, 2021 के महाकुंभ में जाने की थी ख्वाहिश - arun jaitley visit haridwar

एक कुशल राजनेता के साथ-साथ अरुण जेटली धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति भी थे. तभी तो उनके विरोधी भी उनके व्यक्तित्व की प्रशंसा करते थे. लेकिन इन सबके बीच जेटली की एक इच्छा अधूरी रह गई. पढ़ें पूरी खबर...

अरुण जेटली
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Published : Aug 24, 2019, 8:16 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 3:50 AM IST

हरिद्वार: देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता अरुण जेटली ने शनिवार को दिल्ली स्थित एम्स हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. जेटली पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे. जटेली ने देश के लिए कई ऐसे काम किए हैं, जिन्हें जनता हमेशा याद रखेगी लेकिन इस दुनिया को अलविदा कहने के बाद उनकी एक इच्छा अधूरी रह गई.

अरुण जेटली 2010 में हरिद्वार कुंभ में अपने परिवार के साथ आए थे. इस दौरान उन्होंने मां गंगा का पूजन किया था और देश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की मन्नत मांगी थी. तब उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती है तो वह 2021 में हरिद्वार में लगने वाले कुंभ में आकर गंगा पूजन करेंगे, लेकिन उनकी ये इच्छा अधूरी रह गई.

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फाइल फोटो

पढ़ें- हरिद्वार में बेहोश होकर गिर गये थे जेटली, तभी चला था कैंसर का पता

अरुण जेटली की मां गंगा में बड़ी आस्था थी. 2010 के कुंभ में जब जेटली हरिद्वार आए थे तो उनके साथ विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंघल भी थे. हरिद्वार गंगा सभा के तत्कालीन प्रवक्ता प्रतीक मिश्रपुरी ने बतााया कि अरुण जेटली मां गंगा में काफी आस्था रखते थे. 2010 में जटेली ने गंगा सभा के रजिस्टर में गंगा के प्रति अपने भाव प्रकट किए थे. उन्होंने गंगा को मोक्ष दायिनी पापनाशिनी से संबोधित किया था. साथ ही गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प भी लिया था.

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फाइल फोटो

पढ़ें- एम्स में ही बाबा स्वामी रामदेव ने काटी रात, आचार्य बालकृष्ण की तबीयत में सुधार

प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक अरुण जटेली ने मां गंगा से मन्नत मांगी थी कि यदि देश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकारी बनती है वो 2021 में महाकुंभ में मां गंगा की पूजा करने हरिद्वार आएंगे. 2010 के गंगा सभा के महामंत्री वीरेंद्र श्रीकुंज को उन्होंने अपने मन की यह बात बताई थी. लेकिन अरुण जेटली की यह ख्वाहिश अधूरी रह गई और वह इस दुनिया को अलविदा कह गए.

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हरिद्वार: देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता अरुण जेटली ने शनिवार को दिल्ली स्थित एम्स हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. जेटली पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे. जटेली ने देश के लिए कई ऐसे काम किए हैं, जिन्हें जनता हमेशा याद रखेगी लेकिन इस दुनिया को अलविदा कहने के बाद उनकी एक इच्छा अधूरी रह गई.

अरुण जेटली 2010 में हरिद्वार कुंभ में अपने परिवार के साथ आए थे. इस दौरान उन्होंने मां गंगा का पूजन किया था और देश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की मन्नत मांगी थी. तब उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती है तो वह 2021 में हरिद्वार में लगने वाले कुंभ में आकर गंगा पूजन करेंगे, लेकिन उनकी ये इच्छा अधूरी रह गई.

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अरुण जेटली की मां गंगा में बड़ी आस्था थी. 2010 के कुंभ में जब जेटली हरिद्वार आए थे तो उनके साथ विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंघल भी थे. हरिद्वार गंगा सभा के तत्कालीन प्रवक्ता प्रतीक मिश्रपुरी ने बतााया कि अरुण जेटली मां गंगा में काफी आस्था रखते थे. 2010 में जटेली ने गंगा सभा के रजिस्टर में गंगा के प्रति अपने भाव प्रकट किए थे. उन्होंने गंगा को मोक्ष दायिनी पापनाशिनी से संबोधित किया था. साथ ही गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प भी लिया था.

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पढ़ें- एम्स में ही बाबा स्वामी रामदेव ने काटी रात, आचार्य बालकृष्ण की तबीयत में सुधार

प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक अरुण जटेली ने मां गंगा से मन्नत मांगी थी कि यदि देश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकारी बनती है वो 2021 में महाकुंभ में मां गंगा की पूजा करने हरिद्वार आएंगे. 2010 के गंगा सभा के महामंत्री वीरेंद्र श्रीकुंज को उन्होंने अपने मन की यह बात बताई थी. लेकिन अरुण जेटली की यह ख्वाहिश अधूरी रह गई और वह इस दुनिया को अलविदा कह गए.

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देश के पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता अरुण जेटली ने आज अंतिम सांस ली अरुण जेटली द्वारा किए गए कई कार्य ऐसे भी है जिनको देश की जनता हमेशा याद रखेगी मगर अरुण जेटली के इस दुनिया को अलविदा कहने के बाद उनकी एक इच्छा अधूरी रह गई उन्होंने 2010 के कुंभ में अपने परिवार के साथ हरिद्वार आकर अरुण जेटली ने मां गंगा का पूजन किया था और देश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की मन्नत मांगी थी कि अगर बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती है तो वह 2021 में हरिद्वार में लगने वाले कुंभ में आकर गंगा पूजन करेंगे


Body:अरुण जेटली मां गंगा में अपनी आस्था रखते थे और तभी तो अपने पूरे परिवार के साथ 2010 के कुंभ में हरिद्वार मां गंगा की आराधना करने धर्मनगरी हरिद्वार हर की पौड़ी पर पहुंचे थे उनके साथ विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंघल भी आए थे श्री गंगा सभा द्वारा अरुण जेटली और उनके परिवार की पूरे विधि विधान के साथ मां गंगा की पूजा-अर्चना कराई गई थी उस वक्त के गंगा सभा के प्रवक्ता प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि अरुण जेटली मां गंगा में काफी आस्था रखते थे 2010 कुंभ में हरिद्वार हर की पौड़ी पर श्री गंगा सभा द्वारा अरुण जेटली और उनके पूरे परिवार की गंगा पूजन कराया गया था गंगा सभा के रजिस्टर में अरुण जेटली ने गंगा के प्रति अपने भाव प्रकट किए थे और उन्होंने गंगा को मोक्ष दायिनी पापनाशिनी से संबोधित किया था साथ ही गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प भी लिया था

प्रतीक मिस पुरी का कहना है कि अरुण जेटली ने 2010 के कुंभ में गंगा पूजन कर मां गंगा से मन्नत मांगी थी कि अगर बीजेपी पूर्ण बहुमत से देश में सरकार बनाती है तो वह 2021 में लगने वाले कुंभ में मां गंगा की पूजा करने हरिद्वार आएगे 2010 के गंगा सभा के महामंत्री वीरेंद्र श्रीकुंज को उन्होंने अपने मन की यह बात बताई थी मगर अरुण जेटली की यह ख्वाहिश अधूरी रह गई और वह इस दुनिया को अलविदा कह गए हम मां गंगा से प्रार्थना करते हैं अरुण जेटली को अपने चरणों में स्थान दे


Conclusion:एक कुशल राजनेता के साथ-साथ अरुण जेटली धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति भी थे तभी तो उनके विरोधी भी उनके व्यक्तित्व की प्रशंसा करते थे आज अरुण जेटली इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं और अपने पीछे छोड़ गए हैं तमाम वह कार्य जो उन्होंने देश के लिए किए थे इन कार्यों के लिए देश की जनता हमेशा उनको याद रखेगी
Last Updated : Sep 28, 2019, 3:50 AM IST
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