नई दिल्लीः संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने वाले बिल को मंजूरी दे दी. बिल के विरोध में 84 वोट पड़े हैं जबकि बिल को पास कराने में 99 वोट पड़े. इस सिलसिले में केंद्रीय मंत्री रह चुके आरिफ मोहम्मद खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
बता दें इस बिल को मंजूरी दिलाने के लिये मोहम्मद आरिफ खान को अपना इस्तीफा तक देना पड़ गया था.
ईटीवी भारत से बातचीत में खान ने बिल के पास होने पर खुशी जताई है साथ ही उन्होंने बिल को सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए सही बताया है.
कुप्रथा से मिली आजादी
मोहम्मद खान ने बातचीत के दौरान कहा मुझे खुशी है कि मुस्लिम महिलाओं को भारत में सदियों से चली आ रही तीन तलाक की प्रथा से आजादी मिल गई.
पूरे हिंदुस्तान को मिलेगा फायदा
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस बिल के पास हो जाने से ना सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को फायदा पहुंचेगा बल्कि पूरे मुस्लिम समाज और हिंदुस्तान को इससे फायदा मिलेगा.
इस्लाम में भी माना गया है गुनाह
जब आरिफ मोहम्मद खान से यह पूछा गया कि वे इस बिल के तहत महिला को तलाक देने वाले पति को 3 साल की सजा को कितना सही मानते हैं तो उन्होंने कहा कि यह नियम सही है क्योंकि इस्लाम में इसे गुनाह माना गया है और इस्लाम में कोई ऐसी चीज नहीं है जो हराम हो और उस पर उसे सजा ना मिले.
पढ़ेंः तीन तलाक बिल को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती: जफरयाब जिलानी
गौरतलब है कि राजीव गांधी सरकार में 23 अगस्त 1985 को केंद्र केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे मोहम्मद आरिफ खान द्वारा लोकसभा में दिया गया ऐतिहासिक भाषण था, जिसमें उन्होंने बताया था कि क्यों तीन बार तलाक की बात सही नहीं है और इसके लिए एक कानून बनाया जाना जरूरी है, जिसके 34 साल बाद यानी 30 जुलाई 2019 को इस ऐतिहासिक विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिली.
जहां इस बिल का कई पार्टियों ने पक्ष लिया वहीं बिल का विरोध करने वालों की संख्या भी कम नहीं थी.
बिल को चैलेंज करने वालों के विपक्ष में जाएंगे
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने तीन तलाक बिल को सदन द्वारा मंजूरी मिलने पर कहा कि वे इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे. इसपर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यह उनका अधिकार है. अगर वह कोर्ट जाते हैं तो हम उनके विपक्ष में जायेंगे.