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देश को तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मिली आजादीः आरिफ मोहम्मद खान - Arif Mohammad Khan

संसद में तीन तलाक बिल पास हो चुका है. कई पार्टियों ने इस बिल की कड़ी आलोचना की वहीं कइयों ने इसका जमकर समर्थन किया. इस संबंध में आरिफ मोहम्मद ने ईटीवी भारत से बातचीत में बिल को लेकर क्या कुछ कहा जानें....

देश को तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मिली आजादी
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Published : Jul 31, 2019, 11:16 AM IST

Updated : Jul 31, 2019, 12:15 PM IST

नई दिल्लीः संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने वाले बिल को मंजूरी दे दी. बिल के विरोध में 84 वोट पड़े हैं जबकि बिल को पास कराने में 99 वोट पड़े. इस सिलसिले में केंद्रीय मंत्री रह चुके आरिफ मोहम्मद खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

बता दें इस बिल को मंजूरी दिलाने के लिये मोहम्मद आरिफ खान को अपना इस्तीफा तक देना पड़ गया था.

तीन तलाक पर क्या बोले आरिफ मोहम्मद खान देखें वीडियो....

ईटीवी भारत से बातचीत में खान ने बिल के पास होने पर खुशी जताई है साथ ही उन्होंने बिल को सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए सही बताया है.

कुप्रथा से मिली आजादी
मोहम्मद खान ने बातचीत के दौरान कहा मुझे खुशी है कि मुस्लिम महिलाओं को भारत में सदियों से चली आ रही तीन तलाक की प्रथा से आजादी मिल गई.

पूरे हिंदुस्तान को मिलेगा फायदा
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस बिल के पास हो जाने से ना सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को फायदा पहुंचेगा बल्कि पूरे मुस्लिम समाज और हिंदुस्तान को इससे फायदा मिलेगा.

इस्लाम में भी माना गया है गुनाह
जब आरिफ मोहम्मद खान से यह पूछा गया कि वे इस बिल के तहत महिला को तलाक देने वाले पति को 3 साल की सजा को कितना सही मानते हैं तो उन्होंने कहा कि यह नियम सही है क्योंकि इस्लाम में इसे गुनाह माना गया है और इस्लाम में कोई ऐसी चीज नहीं है जो हराम हो और उस पर उसे सजा ना मिले.

पढ़ेंः तीन तलाक बिल को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती: जफरयाब जिलानी

गौरतलब है कि राजीव गांधी सरकार में 23 अगस्त 1985 को केंद्र केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे मोहम्मद आरिफ खान द्वारा लोकसभा में दिया गया ऐतिहासिक भाषण था, जिसमें उन्होंने बताया था कि क्यों तीन बार तलाक की बात सही नहीं है और इसके लिए एक कानून बनाया जाना जरूरी है, जिसके 34 साल बाद यानी 30 जुलाई 2019 को इस ऐतिहासिक विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिली.

जहां इस बिल का कई पार्टियों ने पक्ष लिया वहीं बिल का विरोध करने वालों की संख्या भी कम नहीं थी.

बिल को चैलेंज करने वालों के विपक्ष में जाएंगे
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने तीन तलाक बिल को सदन द्वारा मंजूरी मिलने पर कहा कि वे इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे. इसपर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यह उनका अधिकार है. अगर वह कोर्ट जाते हैं तो हम उनके विपक्ष में जायेंगे.

नई दिल्लीः संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने वाले बिल को मंजूरी दे दी. बिल के विरोध में 84 वोट पड़े हैं जबकि बिल को पास कराने में 99 वोट पड़े. इस सिलसिले में केंद्रीय मंत्री रह चुके आरिफ मोहम्मद खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

बता दें इस बिल को मंजूरी दिलाने के लिये मोहम्मद आरिफ खान को अपना इस्तीफा तक देना पड़ गया था.

तीन तलाक पर क्या बोले आरिफ मोहम्मद खान देखें वीडियो....

ईटीवी भारत से बातचीत में खान ने बिल के पास होने पर खुशी जताई है साथ ही उन्होंने बिल को सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए सही बताया है.

कुप्रथा से मिली आजादी
मोहम्मद खान ने बातचीत के दौरान कहा मुझे खुशी है कि मुस्लिम महिलाओं को भारत में सदियों से चली आ रही तीन तलाक की प्रथा से आजादी मिल गई.

पूरे हिंदुस्तान को मिलेगा फायदा
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस बिल के पास हो जाने से ना सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को फायदा पहुंचेगा बल्कि पूरे मुस्लिम समाज और हिंदुस्तान को इससे फायदा मिलेगा.

इस्लाम में भी माना गया है गुनाह
जब आरिफ मोहम्मद खान से यह पूछा गया कि वे इस बिल के तहत महिला को तलाक देने वाले पति को 3 साल की सजा को कितना सही मानते हैं तो उन्होंने कहा कि यह नियम सही है क्योंकि इस्लाम में इसे गुनाह माना गया है और इस्लाम में कोई ऐसी चीज नहीं है जो हराम हो और उस पर उसे सजा ना मिले.

पढ़ेंः तीन तलाक बिल को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती: जफरयाब जिलानी

गौरतलब है कि राजीव गांधी सरकार में 23 अगस्त 1985 को केंद्र केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे मोहम्मद आरिफ खान द्वारा लोकसभा में दिया गया ऐतिहासिक भाषण था, जिसमें उन्होंने बताया था कि क्यों तीन बार तलाक की बात सही नहीं है और इसके लिए एक कानून बनाया जाना जरूरी है, जिसके 34 साल बाद यानी 30 जुलाई 2019 को इस ऐतिहासिक विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिली.

जहां इस बिल का कई पार्टियों ने पक्ष लिया वहीं बिल का विरोध करने वालों की संख्या भी कम नहीं थी.

बिल को चैलेंज करने वालों के विपक्ष में जाएंगे
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने तीन तलाक बिल को सदन द्वारा मंजूरी मिलने पर कहा कि वे इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे. इसपर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यह उनका अधिकार है. अगर वह कोर्ट जाते हैं तो हम उनके विपक्ष में जायेंगे.

Intro:नई दिल्ली। राजीव गांधी सरकार में 23 अगस्त 1985 को केंद्र केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे मोहम्मद आरिफ खान द्वारा लोकसभा में दिया गया ऐतिहासिक भाषण था जिसमें उन्होंने बताया था कि क्यों तीन बार तलाक की बात सही नहीं है और इसके लिए एक कानून बनाया जाना जरूरी है। जिसके 34 साल बाद यानी 30 जुलाई 2019 को इस ऐतिहासिक विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिली।


मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि विरोध में 84 वोट पड़े। इस बिल को मंजूरी दिलाने के लिये मोहम्मद आरिफ खान को अपना इस्तीफा तक देना पड़ गया था। जब ईटीवी भारत ने उनसे पूछा कि उन्हें आज बिल पास होने पर कैसा महसूस हो रहा है तो उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मुस्लिम महिलाओं को भारत में सदियों से चली आ रही तीन तलाक़ की प्रथा से आज़ादी मिल गई।


Body:आरिफ़ मोहम्मद खान ने कहा कि इस बिल के पास हो जाने से ना सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को फ़ायदा पहुंचेगा बल्कि पूरे मुस्लिम समाज और पूरे हिंदुस्तान को इससे फायदा मिलेगा।

जब आरिफ़ मोहम्मद खान से यह पूछा गया कि वह इस बिल के तहत महिला को तलाक देने वाले पति को 3 साल की सज़ा को कितना सही मानते हैं तो उन्होंने कहा कि यह नियम सही है क्योंकि इस्लाम में इसे गुनाह माना गया है और इस्लाम में कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो हराम हो और उसपर उसे सज़ा ना मिले।


Conclusion:ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने तीन तलाक़ बिल को सदन द्वारा मंजूरी मिलने पर कहा कि वह इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे। इसपर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए आरिफ़ मोहम्मद खान ने कहा कि यह उनका अधिकार है। अगर वह कोर्ट जातें हैं तो हम उनके विपक्ष में जायेंगे।
Last Updated : Jul 31, 2019, 12:15 PM IST
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