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विशाखापट्टनम गैस लीक : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस

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Published : May 7, 2020, 3:39 PM IST

Updated : May 7, 2020, 4:05 PM IST

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

15:37 May 07

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस

हैदराबाद : विशाखापट्टनम गैस लीक मामले को लेकर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. बता दें कि विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के एक केमिकल यूनिट में गैस रिसाव हो गया है. इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 800 से अधिक लोगों को अस्पाल में भर्ती कराया गया है.

इस आपदा से प्रभावित हुए लोगों में बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं. इस दुर्घटना ने लोगों को भोपाल गैस त्रासदी की यादे ताजा कर दी है. इस हादसे में करीब 150 बच्चों को उपचार चल रहा है और उनमें से ज्यादातर पर इलाज का असर हो रहा है. डॉक्टरों ने इस बात की जानकारी दी.  

अधिकारियों ने गैस को बेअसर कर रिसाव के प्रभाव को नियंत्रित करने में कामयाबी पाई है, लेकिन विशाखापट्टनम में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई है.  मृतकों में एक आठ वर्षीय लड़की और दो वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं. अस्पताल के अधिकारी अस्पताल में मौजूद एक बच्ची के माता-पिता की तलाश कर रहे हैं.

आंध्र प्रदेश के डीजीपी गौतम सवांग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वर्तमान में 246 लोग उपचाराधीन हैं, जबकि गंभीर हालत वाले 20 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है.

उन्होंने कहा, 'अन्य अस्पतालों की रिपोर्ट्स से भी संकेत मिल रहे हैं कि भर्ती लोगों की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. पानी स्टाइलरीन (गैस) के लिए एक एंटीडोट्स है और इसलिए गैस को बेअसर करने के लिए हवा में पानी का छिड़काव किया गया है.'

डीजीपी सवांग ने कहा, 'पूरे वेंकटपुरम गांव को खाली कराया गया. यहां से करीब 700 लोगों को निकाला गया. करीब 800 लोग अस्पताल में भर्ती हुए. हालांकि, उनमें से अधिकांश को छुट्टी दे दी गई है और अब लगभग 240 लोग ही वहां हैं.'

उन्होंने कहा, 'घटना के कारणों की जांच चल रही है. फोरेंसिक टीम इस पर काम कर रही है.'

इस बीच विशाखापट्टनम के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन लोगों ने बताया कि गुरुवार तड़के लगभग 2.30 बजे जब गैस रिसाव शुरू हुआ, उस वक्त वे गहरी नींद में थे, और उन्होंने मृत्यु समान कष्ट महसूस किया.

केजी अस्पताल में भर्ती एक महिला ने कहा, 'हमें एक अजीब गंध आई. क्या मैं जिंदा हूं या मर गई, यह एक बहुत ही असली एहसास था. मैंने लोगों और जानवरों को जमीन पर पड़ा देखा. मुझे नहीं पता कि मैं अस्पताल कैसे पहुंची.'

इस दुर्घटना ने साल 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी है. विशाखापट्टनम की गलियों और अस्पतालों में लोग दहशत में नजर आए. सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत के बाद लोगों को विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.

LIVE विशाखापट्टनम गैस लीक : 11 लोगों की मौत, 800 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती

15:37 May 07

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस

हैदराबाद : विशाखापट्टनम गैस लीक मामले को लेकर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. बता दें कि विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के एक केमिकल यूनिट में गैस रिसाव हो गया है. इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 800 से अधिक लोगों को अस्पाल में भर्ती कराया गया है.

इस आपदा से प्रभावित हुए लोगों में बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं. इस दुर्घटना ने लोगों को भोपाल गैस त्रासदी की यादे ताजा कर दी है. इस हादसे में करीब 150 बच्चों को उपचार चल रहा है और उनमें से ज्यादातर पर इलाज का असर हो रहा है. डॉक्टरों ने इस बात की जानकारी दी.  

अधिकारियों ने गैस को बेअसर कर रिसाव के प्रभाव को नियंत्रित करने में कामयाबी पाई है, लेकिन विशाखापट्टनम में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई है.  मृतकों में एक आठ वर्षीय लड़की और दो वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं. अस्पताल के अधिकारी अस्पताल में मौजूद एक बच्ची के माता-पिता की तलाश कर रहे हैं.

आंध्र प्रदेश के डीजीपी गौतम सवांग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वर्तमान में 246 लोग उपचाराधीन हैं, जबकि गंभीर हालत वाले 20 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है.

उन्होंने कहा, 'अन्य अस्पतालों की रिपोर्ट्स से भी संकेत मिल रहे हैं कि भर्ती लोगों की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. पानी स्टाइलरीन (गैस) के लिए एक एंटीडोट्स है और इसलिए गैस को बेअसर करने के लिए हवा में पानी का छिड़काव किया गया है.'

डीजीपी सवांग ने कहा, 'पूरे वेंकटपुरम गांव को खाली कराया गया. यहां से करीब 700 लोगों को निकाला गया. करीब 800 लोग अस्पताल में भर्ती हुए. हालांकि, उनमें से अधिकांश को छुट्टी दे दी गई है और अब लगभग 240 लोग ही वहां हैं.'

उन्होंने कहा, 'घटना के कारणों की जांच चल रही है. फोरेंसिक टीम इस पर काम कर रही है.'

इस बीच विशाखापट्टनम के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन लोगों ने बताया कि गुरुवार तड़के लगभग 2.30 बजे जब गैस रिसाव शुरू हुआ, उस वक्त वे गहरी नींद में थे, और उन्होंने मृत्यु समान कष्ट महसूस किया.

केजी अस्पताल में भर्ती एक महिला ने कहा, 'हमें एक अजीब गंध आई. क्या मैं जिंदा हूं या मर गई, यह एक बहुत ही असली एहसास था. मैंने लोगों और जानवरों को जमीन पर पड़ा देखा. मुझे नहीं पता कि मैं अस्पताल कैसे पहुंची.'

इस दुर्घटना ने साल 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी है. विशाखापट्टनम की गलियों और अस्पतालों में लोग दहशत में नजर आए. सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत के बाद लोगों को विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.

LIVE विशाखापट्टनम गैस लीक : 11 लोगों की मौत, 800 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती

Last Updated : May 7, 2020, 4:05 PM IST
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