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सीएए विरोध प्रदर्शन में पीएफआई का सीधा संबंध, करोड़ों रुपये किए ट्रांसफर : ईडी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गृह मंत्रालय को एक नोट भेजा है. इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बीच कथित तौर से सीधा संबंध है. जानें पूरा मामला...

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Published : Jan 27, 2020, 2:52 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 3:38 AM IST

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों का केरल के संगठन पीएफआई के साथ आर्थिक लेन-देन था. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की धनशोधन रोकथाम कानून के तहत 2018 से जांच कर रहे ईडी ने पता लगाया है कि संसद में पिछले साल कानून पारित होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनेक बैंक खातों में कम से कम 120 करोड़ रुपये जमा किए गए.

ईडी की रिपोर्ट के अनुसार यह पैसा कई नामचीन हस्तियों को ट्रांसफर किया गया, जबकि 1.65 करोड़ रुपये पीएफआइ कश्मीर को ट्रांसफर किए गए.

सूत्रों ने ईडी की जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों के हवाले से कहा कि शक है और आरोप हैं कि पीएफआई से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों को प्रोत्साहित करने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया.

उन्होंने कहा कि ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ इन निष्कर्षों को साझा किया है.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले दिनों पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था. इससे कुछ दिन पहले ही सीएए के खिलाफ राज्य में हुए हिंसक प्रदर्शनों में उसकी संदिग्ध संलिप्तता की बात सामने आई थी.

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सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और PFI का सीधा संबंध (सूत्रों से मिले पत्र का अंश)

इन प्रदर्शनों के दौरान करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी.

सीएए हिंसा में PFI : बीजेपी का आरोप- कांग्रेस ने पैसे लेकर देश बांटने का काम किया

सूत्रों ने बताया कि ईडी को पता चला है कि बैंक खातों में जमा किया गया धन कुछ विदेशी स्रोतों से भी आया और कुछ निवेश कंपनियों के खातों में भेजा गया.

ईडी ने पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी की प्राथमिकी और आरोपपत्र को उसके खिलाफ पीएमएलए का मामला दर्ज करने के लिए आधार बनाया.

पीएफआई का गठन केरल में 2006 में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) के उत्तराधिकारी के तौर पर हुआ था.

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों का केरल के संगठन पीएफआई के साथ आर्थिक लेन-देन था. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की धनशोधन रोकथाम कानून के तहत 2018 से जांच कर रहे ईडी ने पता लगाया है कि संसद में पिछले साल कानून पारित होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनेक बैंक खातों में कम से कम 120 करोड़ रुपये जमा किए गए.

ईडी की रिपोर्ट के अनुसार यह पैसा कई नामचीन हस्तियों को ट्रांसफर किया गया, जबकि 1.65 करोड़ रुपये पीएफआइ कश्मीर को ट्रांसफर किए गए.

सूत्रों ने ईडी की जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों के हवाले से कहा कि शक है और आरोप हैं कि पीएफआई से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों को प्रोत्साहित करने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया.

उन्होंने कहा कि ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ इन निष्कर्षों को साझा किया है.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले दिनों पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था. इससे कुछ दिन पहले ही सीएए के खिलाफ राज्य में हुए हिंसक प्रदर्शनों में उसकी संदिग्ध संलिप्तता की बात सामने आई थी.

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सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और PFI का सीधा संबंध (सूत्रों से मिले पत्र का अंश)

इन प्रदर्शनों के दौरान करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी.

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सूत्रों ने बताया कि ईडी को पता चला है कि बैंक खातों में जमा किया गया धन कुछ विदेशी स्रोतों से भी आया और कुछ निवेश कंपनियों के खातों में भेजा गया.

ईडी ने पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी की प्राथमिकी और आरोपपत्र को उसके खिलाफ पीएमएलए का मामला दर्ज करने के लिए आधार बनाया.

पीएफआई का गठन केरल में 2006 में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) के उत्तराधिकारी के तौर पर हुआ था.

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नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गृह मंत्रालय को एक नोट भेजा है. इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बीच सीधा संबंध है.

ईडी ने बैंक खातों में धन जमा की तारीखों और विरोधी सीएए विरोध की तारीखों के बीच संबंध तैयार किया है.

 


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Last Updated : Feb 28, 2020, 3:38 AM IST
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