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लॉकडाउन : भारत में बढ़ी सरकारी ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की मांग - gov online course

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन है. इस दौरान देश के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने की वजह से मानव संसाधन विकास विभाग से ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की मांग बढ़ गई है, क्योंकि यहां से उपलब्ध कराए जा रहे पाठ्यक्रम मुफ्त में हैं. पढ़ें पूरी खबर...

सरकारी ऑनलाइन
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Published : Apr 5, 2020, 8:13 PM IST

Updated : Apr 5, 2020, 8:21 PM IST

हैदराबाद : दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस महामारी से भारत भी अछूता नहीं है. देश में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों के लिए लॉकडाउन है. इस दौरान लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे पा रहे हैं और केंद्रीय मानव संसाधन विभाग से स्व-अध्ययन के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले देशवासियों की मांग पर सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय ने फिर से लोकप्रिय धारावाहिक रामायण, महाभारत का प्रसारण शुरू किया है.

गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले, केंद्र सरकार ने राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर ओपेन ऑनलाइन कोर्स के लिए 'स्वयं' मंच (प्लेटफॉर्म) शुरू किया था. इस मंच पर लगभग 1900 पाठ्यक्रम हैं, जो आईआईटी, आईआईएम और केंद्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा बनाए गए हैं.

पिछले जनवरी सेमेस्टर के दौरान, लगभग 251 लोगों ने 571 पाठ्यक्रमों में पंजीकरण कराया था. इसमें से 60 लोग विदेशी हैं.

लॉकडाउन की वजह से सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. इस वजह से ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की मांग बढ़ गई है.

बता दें कि इस वर्ष 23 से 27 मार्च के दौरान 50 हजार छात्रों ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए पंजीकृत किया है.

ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की बेहद मांग होने की वजह यह है कि यह सभी फ्री पाठ्यक्रम हैं.

बता दें कि लगभग 50 हजार लोग अपने घरों के आराम से टीवी सेटों पर 'स्वयंप्रभा' नामक डीटीएच मंच पर इन पाठ्यक्रमों का लाभ उठा रहे हैं.

कोरोना से लड़ाई में मददगार साबित हो सकती है डिजिटल प्रौद्योगिकी

वहीं केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी प्लेटफॉर्म पर प्रतिदिन 43 हजार लोग पंजीकरण करा रहे हैं, जो कि पहले की अपेक्षा दोगुनी है.

मानव ससांधन विकास विभाग ने बताया कि छात्रों की बड़ी संख्या एनसीआरटी पर आधारित दीक्षा, ई पाठशाला, ई टेक्टि्स, वर्चुअल लैब, स्पोकेन ट्यूटोरियल और विशेष रूप से रोबोटिक्स शिक्षा का अध्ययन कर रहे हैं.

हैदराबाद : दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस महामारी से भारत भी अछूता नहीं है. देश में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों के लिए लॉकडाउन है. इस दौरान लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे पा रहे हैं और केंद्रीय मानव संसाधन विभाग से स्व-अध्ययन के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले देशवासियों की मांग पर सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय ने फिर से लोकप्रिय धारावाहिक रामायण, महाभारत का प्रसारण शुरू किया है.

गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले, केंद्र सरकार ने राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर ओपेन ऑनलाइन कोर्स के लिए 'स्वयं' मंच (प्लेटफॉर्म) शुरू किया था. इस मंच पर लगभग 1900 पाठ्यक्रम हैं, जो आईआईटी, आईआईएम और केंद्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा बनाए गए हैं.

पिछले जनवरी सेमेस्टर के दौरान, लगभग 251 लोगों ने 571 पाठ्यक्रमों में पंजीकरण कराया था. इसमें से 60 लोग विदेशी हैं.

लॉकडाउन की वजह से सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. इस वजह से ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की मांग बढ़ गई है.

बता दें कि इस वर्ष 23 से 27 मार्च के दौरान 50 हजार छात्रों ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए पंजीकृत किया है.

ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की बेहद मांग होने की वजह यह है कि यह सभी फ्री पाठ्यक्रम हैं.

बता दें कि लगभग 50 हजार लोग अपने घरों के आराम से टीवी सेटों पर 'स्वयंप्रभा' नामक डीटीएच मंच पर इन पाठ्यक्रमों का लाभ उठा रहे हैं.

कोरोना से लड़ाई में मददगार साबित हो सकती है डिजिटल प्रौद्योगिकी

वहीं केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी प्लेटफॉर्म पर प्रतिदिन 43 हजार लोग पंजीकरण करा रहे हैं, जो कि पहले की अपेक्षा दोगुनी है.

मानव ससांधन विकास विभाग ने बताया कि छात्रों की बड़ी संख्या एनसीआरटी पर आधारित दीक्षा, ई पाठशाला, ई टेक्टि्स, वर्चुअल लैब, स्पोकेन ट्यूटोरियल और विशेष रूप से रोबोटिक्स शिक्षा का अध्ययन कर रहे हैं.

Last Updated : Apr 5, 2020, 8:21 PM IST
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