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उड़ान से पहले उड़ान दल की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य : एअर इंडिया

एअर इंडिया ने उड़ान से पहले उड़ान पर जाने वाले अपने सभी पायलट और चालक दल के सदस्यों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य कर दीया है. एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया है कि उड़ान भरने से पहले क्रू के सभी सदस्यों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए. पढ़ें विस्तार से...

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एयर इंडिया
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Published : Jun 1, 2020, 3:18 AM IST

नई दिल्ली : एअर इंडिया ने उड़ान से पहले उड़ान पर जाने वाले अपने सभी पायलट और चालक दल के सदस्यों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य कर दीया है. एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया है कि उड़ान भरने से पहले क्रू के सभी सदस्यों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए.

शनिवार को दिल्ली से मास्को के लिये एअर इंडिया की एक उड़ान के एक पायलट के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बारे में हवाईअड्डा कर्मचारियों को पता चलने के बाद विमान को बीच रास्ते से ही लौटने को कह दिया गया. विमान में कोई यात्री सवार नहीं था।.इस घटना के बाद यह बयान आया है.

उल्लेखनीय है कि पायलट की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन उसे चालक दल की उड़ान पूर्व मेडिकल रिपोर्ट की जांच करने वाली एक टीम द्वारा चूक हो जाने पर उसे ड्यूटी पर भेज दिया गया.

एअर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (संचालन), कैप्टन आरएस संधू ने एक परिपत्र में कहा है कि एयरलाइन द्वारा कोविड-19 की जांच कराई जा रही है. चूंकि यह एक नयी कार्यप्रणाली है और कार्यालय में कर्मचारियों की कमी है, ऐसे में इस विषय में चूक होने की आशंका है.

उन्होंने कहा कि इस जांच का प्राथमिक उद्देश्य चालक दल के सदस्यों के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को कम करना है. जांच कार्य की देखरेख करने और चालक दल के सदस्यों की ड्यूटी लगाने वाले कर्मी द्वारा यह सुनिश्चित करने की हर कोशिश की जाएगी कि किसी उड़ान के लिये चालक दल के सदस्यों को उड़ान के लिये भेजने से पहले कोविड-19 जांच रिपोर्ट देखी जाए.

हालांकि, संधू ने कहा कि यह जरूरी है कि चालक दल के प्रत्येक सदस्य भी अपनी जांच के नतीजों को अच्छे से देखें और उसकी फिर से पुष्टि करें.

उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि इस विषय में किसी भी तरह की चूक होने से न सिर्फ उड़ानें प्रतिकूल रूप से प्रभावित होंगी और एयरलाइन की छवि खराब होगी, बल्कि इस तरह की गैर जिम्मेदाराना हरकत से चालक दल के अन्य सदस्य भी इस रोग की चपेट में आ जाएंगे.

पढ़ें-मॉस्को जा रहे विमान का पायलट निकला कोरोना पॉजिटिव, आधे रास्ते वापस लौटा प्लेन

शनिवार की घटना के बारे में दो वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि चालक दल के सदस्यों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट का मुआयना करने वाले अधिकारियों की ओर से यह चूक हुई थी. साथ ही, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) एयरलाइन द्वारा एक शुरूआती रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच शुरू कर चुका है.

अधिकारियों ने बताया कि एयरबस ए 320 ने फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के लिये वंदे भारत अभियान के तहत शनिवार सुबह सवा सात बजे मास्को की उड़ान भरी थी और अधिकारियों के आदेश के बाद उसे दोहपर साढ़े बारह बजे वापस दिल्ली आना पड़ा.

उन्होंने बताया कि जिन एयरलाइन अधिकारियों को चालक दल के सदस्यों की मेडिकल रिपोर्ट देखने को कहा गया था उन्होंने पायलट को उड़ान ड्यूटी पर भेजने से पहले उसकी कोविड-19 जांच रिपोर्ट को उपयुक्त रूप से नहीं देखा.

एअर इंडिया ने शनिवार को कहा था कि क़ॉकपिट में एक सदस्य के कोरोना पॉजिविव पाए जाने के बाद विमान को वापस बुला लिया गया है.

नई दिल्ली : एअर इंडिया ने उड़ान से पहले उड़ान पर जाने वाले अपने सभी पायलट और चालक दल के सदस्यों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य कर दीया है. एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया है कि उड़ान भरने से पहले क्रू के सभी सदस्यों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए.

शनिवार को दिल्ली से मास्को के लिये एअर इंडिया की एक उड़ान के एक पायलट के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बारे में हवाईअड्डा कर्मचारियों को पता चलने के बाद विमान को बीच रास्ते से ही लौटने को कह दिया गया. विमान में कोई यात्री सवार नहीं था।.इस घटना के बाद यह बयान आया है.

उल्लेखनीय है कि पायलट की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन उसे चालक दल की उड़ान पूर्व मेडिकल रिपोर्ट की जांच करने वाली एक टीम द्वारा चूक हो जाने पर उसे ड्यूटी पर भेज दिया गया.

एअर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (संचालन), कैप्टन आरएस संधू ने एक परिपत्र में कहा है कि एयरलाइन द्वारा कोविड-19 की जांच कराई जा रही है. चूंकि यह एक नयी कार्यप्रणाली है और कार्यालय में कर्मचारियों की कमी है, ऐसे में इस विषय में चूक होने की आशंका है.

उन्होंने कहा कि इस जांच का प्राथमिक उद्देश्य चालक दल के सदस्यों के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को कम करना है. जांच कार्य की देखरेख करने और चालक दल के सदस्यों की ड्यूटी लगाने वाले कर्मी द्वारा यह सुनिश्चित करने की हर कोशिश की जाएगी कि किसी उड़ान के लिये चालक दल के सदस्यों को उड़ान के लिये भेजने से पहले कोविड-19 जांच रिपोर्ट देखी जाए.

हालांकि, संधू ने कहा कि यह जरूरी है कि चालक दल के प्रत्येक सदस्य भी अपनी जांच के नतीजों को अच्छे से देखें और उसकी फिर से पुष्टि करें.

उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि इस विषय में किसी भी तरह की चूक होने से न सिर्फ उड़ानें प्रतिकूल रूप से प्रभावित होंगी और एयरलाइन की छवि खराब होगी, बल्कि इस तरह की गैर जिम्मेदाराना हरकत से चालक दल के अन्य सदस्य भी इस रोग की चपेट में आ जाएंगे.

पढ़ें-मॉस्को जा रहे विमान का पायलट निकला कोरोना पॉजिटिव, आधे रास्ते वापस लौटा प्लेन

शनिवार की घटना के बारे में दो वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि चालक दल के सदस्यों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट का मुआयना करने वाले अधिकारियों की ओर से यह चूक हुई थी. साथ ही, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) एयरलाइन द्वारा एक शुरूआती रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच शुरू कर चुका है.

अधिकारियों ने बताया कि एयरबस ए 320 ने फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के लिये वंदे भारत अभियान के तहत शनिवार सुबह सवा सात बजे मास्को की उड़ान भरी थी और अधिकारियों के आदेश के बाद उसे दोहपर साढ़े बारह बजे वापस दिल्ली आना पड़ा.

उन्होंने बताया कि जिन एयरलाइन अधिकारियों को चालक दल के सदस्यों की मेडिकल रिपोर्ट देखने को कहा गया था उन्होंने पायलट को उड़ान ड्यूटी पर भेजने से पहले उसकी कोविड-19 जांच रिपोर्ट को उपयुक्त रूप से नहीं देखा.

एअर इंडिया ने शनिवार को कहा था कि क़ॉकपिट में एक सदस्य के कोरोना पॉजिविव पाए जाने के बाद विमान को वापस बुला लिया गया है.

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