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देश में कृषि संकट पर बोले तोमर- मौजूदा परिस्थिति को बदलना जरूरी

मौजूदा दिनों में कृषि क्षेत्र पर बढ़ रहे संकट को लेकर कृषि मंत्री ने चिंता जताई. साथ ही भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की भूमिका को अहम बताते हुए इस मौजूदा परिस्थिति को बदलने की बात कही.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर.
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Published : Jul 16, 2019, 8:10 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृषि क्षेत्र में बढ़ रहे संकट को लेकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ-साथ किसानों को आगाह किया है. कृषि क्षेत्र में किसानों पर संकट की वजह से खेती का रकबा कम होता जा रहा है. किसान अब खेती की बजाय आय के अन्य साधनों की ओर रुख कर रहे हैं और जाहिर तौर पर आज एक किसान अपनी अगली पीढ़ी को कृषि क्षेत्र में नहीं जाने देना चाहता.

जानकारी देते केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर.

इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए नरेंद्र तोमर ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है और देश की अर्थव्यवस्था भी कृषि पर आधारित रही है लेकिन ऐसी स्थिति चिंता का विषय है. अगर यही परिस्थिति लंबे समय तक रही तो आने वाले समय मे बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. लोगों के पास पैसे तो होंगे लेकिन खरीदने के लिये खाद्य सामग्री की उपलब्धता नहीं होगी.

दरअसल, नरेंद्र तोमर ICAR के 91वें स्थापना दिवस, पुरस्कार वितरण समारोह एवं अभिनव किसान सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की भूमिका को अहम बताते हुए कृषि मंत्री ने इस मौजूदा परिस्थिति को बदलने की बात कही.

पढ़ें: ऋचा को नहीं भाया कुरान बांटने का फैसला, फैसले के खिलाफ जाएंगी हाईकोर्ट

गौरतलब है कि मोदी सरकार 2.0 में कृषि मंत्री बनाये गए नरेन्द्र सिंह तोमर लगातार किसानों की आमदनी बढ़ाने की बात करते रहे हैं. मोदी सरकार भी 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने का लक्ष्य पूरा करने के लिये अब कृषि को उत्पादन केंद्रित से आय केंद्रित बनाने की ओर जोर दे रही है.

हालांकि विशेषज्ञ लगातार कह रहे हैं कि मौजूदा कृषि विकास दर के मुताबिक 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने का लक्ष्य संभव नहीं दिखता.

कृषि अनुसंधान में नए आयाम से किसानों की आमदनी बढ़ाने की बात पर लगातार जोर दिया जा रहा है. यही बात कृषि मंत्री ने भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तमाम अधिकारियों और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए भी कही.

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृषि क्षेत्र में बढ़ रहे संकट को लेकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ-साथ किसानों को आगाह किया है. कृषि क्षेत्र में किसानों पर संकट की वजह से खेती का रकबा कम होता जा रहा है. किसान अब खेती की बजाय आय के अन्य साधनों की ओर रुख कर रहे हैं और जाहिर तौर पर आज एक किसान अपनी अगली पीढ़ी को कृषि क्षेत्र में नहीं जाने देना चाहता.

जानकारी देते केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर.

इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए नरेंद्र तोमर ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है और देश की अर्थव्यवस्था भी कृषि पर आधारित रही है लेकिन ऐसी स्थिति चिंता का विषय है. अगर यही परिस्थिति लंबे समय तक रही तो आने वाले समय मे बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. लोगों के पास पैसे तो होंगे लेकिन खरीदने के लिये खाद्य सामग्री की उपलब्धता नहीं होगी.

दरअसल, नरेंद्र तोमर ICAR के 91वें स्थापना दिवस, पुरस्कार वितरण समारोह एवं अभिनव किसान सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की भूमिका को अहम बताते हुए कृषि मंत्री ने इस मौजूदा परिस्थिति को बदलने की बात कही.

पढ़ें: ऋचा को नहीं भाया कुरान बांटने का फैसला, फैसले के खिलाफ जाएंगी हाईकोर्ट

गौरतलब है कि मोदी सरकार 2.0 में कृषि मंत्री बनाये गए नरेन्द्र सिंह तोमर लगातार किसानों की आमदनी बढ़ाने की बात करते रहे हैं. मोदी सरकार भी 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने का लक्ष्य पूरा करने के लिये अब कृषि को उत्पादन केंद्रित से आय केंद्रित बनाने की ओर जोर दे रही है.

हालांकि विशेषज्ञ लगातार कह रहे हैं कि मौजूदा कृषि विकास दर के मुताबिक 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने का लक्ष्य संभव नहीं दिखता.

कृषि अनुसंधान में नए आयाम से किसानों की आमदनी बढ़ाने की बात पर लगातार जोर दिया जा रहा है. यही बात कृषि मंत्री ने भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तमाम अधिकारियों और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए भी कही.

Intro:केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने खुद कृषि क्षेत्र के बड़े संकट से वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ साथ किसानों को भी आगाह किया है । कृषि क्षेत्र में किसानों पर संकट की वजह से खेती का रकबा कम होता जा रहा है । किसान अब खेती की बजाय आय के अन्य साधन की ओर रुख कर रहे हैं और जाहिर तौर पर आज एक किसान अपने अगली पीढ़ी को खेती किसानी में नहीं जाने देना चाहता ।
इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए नरेंद्र तोमर ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है और देश की अर्थव्यवस्था भी कृषि पर आधारित रही है लेकिन ऐसी स्थिति चिंता का विषय है ।
अगर यही परिस्थिति लंबे समय तक रही तो आने वाले समय मे बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी । लोगों के पास पैसे तो होंगे लेकिन खरीदने के लिये खाद्य सामग्री की उपलब्धता नहीं होगी ।


Body:भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की भूमिका को अहम बताते हुए कृषि मंत्री ने इस मौजूदा परिस्थिति को बदलने की बात कही ।
गौरतलब है कि मोदी सरकार 2.0 में कृषि मंत्री बनाये गए नरेन्द्र सिंह तोमर लगातार किसानों की आमदनी बढ़ाने की बात करते रहे हैं । मोदी सरकार भी 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने का लक्ष्य पूरा करने के लिये अब कृषि को उत्पादन केंद्रित से आय केंद्रित बनाने की ओर जोर दे रही है । हालांकि विशेषज्ञ ये लगातार कह रहे हैं कि मौजूदा कृषि विकास दर के मुताबिक 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने का लक्ष्य संभव नहीं दिखता ।


Conclusion:कृषि अनुसंधान में नए आयाम से किसानों की आमदनी बढ़ाने की बात पर लगातार जोर दिया जा रहा है और यही बात कृषि मंत्री ने भी ICAR के तमाम अधिकारियों और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए भी कही ।
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