कोलकाता : बीएसएफ के जवान हमेशा प्रतिकूल परिस्थितियों में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात हैं, लेकिन सर्दियों में उन्हें विभिन्न समस्याओं में पड़ना पड़ता है. विशेष रूप से घने कोहरे से निपटना एक बड़ी चुनौती है, जिसका वे अभी सामना कर रहे हैं.
रात के अंधेरे में लड़ना अभी भी संभव है, लेकिन कोहरे में लड़ना बीएसएफ के जवानों के लिए एक बड़ी चुनौती है. घने कोहरे के कारण भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा के प्रभारी बीएसएफ जवानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, सीमा पार तस्कर प्रतिकूल मौसम की स्थिति जैसे कम दृश्यता और घने कोहरे का सहारा लेकर गतिविधियों को अंजाम देते हैं. ये तस्कर सैनिकों पर हमला करने से भी नहीं हिचकते.
11 नवंबर, 2020 को पार मेखलीगंज में भुजरिपारा के पास भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ द्वारा एक बांग्लादेशी को गोली मार दी गई थी. कथित तौर पर व्यक्ति अवैध रूप से कांटेदार तार की बाड़ को पार करके बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था. घुसपैठ के दौरान उसे बीएसएफ ने गोली मार दी थी. मृतक की पहचान बांग्लादेश के निलफामारी निवासी मोहम्मद खारिनुल रहमान के रूप में हुई. आरोपी घने कोहरे का सहारा लेकर सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था.
पढ़ें : आईटीबीपी प्रमुख ने उत्तराखंड में सीमा चौकियों का किया दौरा
65वीं बटालियन के कमांडेंट अनिल कुमार सिंह कहते हैं, सर्दियों में घने कोहरे के कारण हमें कुछ समस्याओं से जूझना पड़ता है. कोहरे के कारण दृश्यता घटकर 20 मीटर से भी कम रह जाती है. इससे हमारा काम मुश्किल हो जाता है. इस समय में हमें एक से अधिक बार पेट्रोलिंग करनी पड़ती है.