नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता के रूप में नामित किए गए हैं. कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, पार्टी के नेता के रूप में नामित करने वाला पत्र लोकसभा सचिवालय को भेजा गया है.
बता दें कि अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल के बहरामपुर संसदीय सीट से निर्वाचित हुए हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने उन्हें लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में नामित किया है. इस संबंध में कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट करते हुए अधीर रंजन को बधाई भी दी. अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल से पांच बार से सांसद हैं. वह 1999 के बाद से एक बार भी चुनाव नहीं हारे हैं.
चौधरी ने खुद लोकसभा में कांग्रेस के नेता के रूप में अपने नामांकन की पुष्टि की और कहा कि वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करेंगे. चौधरी ने कहा, 'हम अपने मुद्दों को प्राथमिकता के साथ उठाएंगे. सांसदों की संख्या कोई मायने नहीं रखती. मैं पार्टी द्वारा मुझे दी गई अपनी जिम्मेदारी को पूरा करूंगा.'
चौधरी पश्चिम बंगाल के पूर्व पार्टी प्रमुख रह चुके हैं. वे 17वीं लोकसभा में चुने गए दो कांग्रेस सांसदों में से एक हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ संबंध राज्य स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक हैं, और जब यह राष्ट्रीय स्तर पर आता है तो स्थिति बदल जाती है. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए रणनीति बनाई जाएगी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई है. इसमें 'वन नेशन वन एलेक्शन' पर चर्चा की जाएगी. इस निमंत्रण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला पार्टी करेगी.
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इससे पहले आज कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने चौधरी को लोकसभा में कांग्रेस के नेता के रूप में नामित किया. सोनिया संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की अध्यक्ष भी हैं. वे रायबरेली संसदीय सीट से लोकसभा में निर्वाचित हुई हैं.
सोनिया गांधी को विगत एक जून को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. बैठक में, पार्टी के नेताओं ने उन्हें लोकसभा में पार्टी के नेता और मुख्य सचेतक का नाम देने का अधिकार दिया था.
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक केरल से पार्टी के सांसद के. सुरेश को मुख्य सचेतक बनाया गया है. सदन में उप नेता पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है. बता दें कि इस बार भी कांग्रेस फिर से निचले सदन में विपक्ष के नेता के पद को नहीं पा सकेगी, क्योंकि इसके लिए उनके पास दो सीटें कम है.
पिछली लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नेता और ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्य सचेतक की भूमिका में थे. इस बार ये दोनों चुनाव हार गए. खड़गे को कर्नाटक की गुलबर्गा संसदीय पर बीजेपी सांसद डॉ उमेश जी जाधव ने 95452 वोटों से मात दी, जबकि सिंधिया को मध्यप्रदेश की गुना सीट पर बीजेपी सांसद केपी यादव ने 125549 मतों से हराया.
विगत 23 मई को घोषित चुनाव परिणाम के मुताबिक 542 लोकसभा सीटों में से 52 सीटें कांग्रेस ने जीतीं हैं. नियमों के अनुसार, विपक्ष के नेता के पद पर दावा करने के लिए कांग्रेस को कुल सीटों का 10वां हिस्सा यानी 54 सीटें चाहिए थीं.
(एजेंसी इनपुट)